दुनिया की 5 बड़ी खबरें: इटली ने बना ली कोरोना की वैक्सीन! और तबाही का सामान बना रहा है नॉर्थ कोरिया?

इटली ने दावा किया है कि उसने जानवरों पर अपनी वैक्सीन का कामयाब टेस्ट कर लिया है और अब वो इस वैक्सीन को इंसानों पर टेस्ट करने के लिए तैयार है और न्यूजर्सी में काम करने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर पिता और बेटी दोनों ही कोरोना से जंग हार गए।

फोटः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

इटली: पहली बार कोरोना वायरस को न्यूट्रलाइज़ करने में मिली कामयाबी

इटली ने दावा किया है कि उसने जानवरों पर अपनी वैक्सीन का कामयाब टेस्ट कर लिया है। और अब वो इस वैक्सीन को इंसानों पर टेस्ट करने के लिए तैयार है। इजराइल के बाद इटली ने भी घोषणा की है कि उसने कोरोनावायरस के इलाज की वैक्सीन बना ली है। और सबसे बड़ी बात ये कि ये वैक्सीन जानवरों के अलावा इंसानों पर भी काम कर रही है। माना जा रहा है कि इस स्टेज तक पहुंचने वाली दुनिया की ये पहली वैक्सीन है। और तो और राजधानी रोम में इंफेक्शियस डिसीज़ के हॉस्पिटल स्पैलैंजानी में इसका कामयाब परीक्षण भी किया जा चुका है। इजराइल के बाद इटली ने भी घोषणा की है कि उसने कोरोनावायरस के इलाज की वैक्सीन बना ली है। और सबसे बड़ी बात ये कि ये वैक्सीन जानवरों के अलावा इंसानों पर भी काम कर रही है।

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फोटो: सोशल मीडिया
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कोरियाई बॉर्डर पर बढ़ा तनाव, सीमा पर फायरिंग

उत्तर कोरिया के मार्शल किम जोंग उन अपनी गुमशुदगी पर बने सस्पेंस खत्म करते हुए। 20 दिन बाद दुनिया के सामने तो आ गए हैं। मगर क्या तबाही के नए फॉर्मूले की खोज के लिए मार्शल अंतर्ध्यान हुए थे। क्योंकि उनके लौटते ही कोरियाई बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है और दोनों देशों की सीमा पर फायरिंग की खबरें लगातार आ रही हैं, जो एक बड़े संकट का संकेत दे रही है। पिछले 3 सालों से हालात सामान्य बने हुए थे। मगर किम के अंतर्ध्यान से लौटते ही ना जाने ऐसा क्या हुआ कि उत्तर कोरिया की तरफ से सरहद पर गोलियां चलने लगीं। किम के सैनिकों ने सरहद पर बने गार्ड पोस्ट पर फायरिंग की। जिसका जवाब साउथ कोरिया को भी देना पड़ा। हालांकि अभी तक किसी तरह के नुकसान की तो खबर नहीं है। मगर जानकार मान रहे हैं कि साउथ कोरिया को नॉर्थ कोरिया की सेना से अलर्ड मोड पर रहने की ज़रूरत है क्योंकि 3 साल बाद अचानक हुई ये फायरिंग किसी रणनीति का हिस्सा हो सकती है।

'खतरे में' किम जोंग उन, 'तबियत बिगड़ी'
'खतरे में' किम जोंग उन, 'तबियत बिगड़ी'

अमेरिका: भारतीय मूल के डॉक्टर पिता-बेटी की कोरोना से मौत

अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां आम लोगों के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी भी इस महामारी का शिकार हो रहे हैं। न्यूजर्सी में काम करने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर पिता और बेटी दोनों ही कोरोना से जंग हार गए। शुक्रवार को दोनों की मौत हुई, राज्य के गवर्नर फिल मर्फी ने इसका ऐलान किया और एक बड़ी क्षति बताया।भारतीय मूल के सत्येंद्र खन्ना, न्यूजर्सी में डॉक्टर थे और कई डिपार्टमेंट के हेड थे।वहीं उनकी बेटी प्रिया खन्ना भी एक अस्पताल में बड़े पद पर कार्यरत थीं। गवर्नर के मुताबिक, दोनों ने अंतिम वक्त तक कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में साथ दिया लेकिन अंत में जंग हार गए।

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बोले- कोरोना से आ गई है नफरत की सुनामी

कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर दुनिया कई मोर्चो पर लड़ रही है। वैश्विक स्तर पर लोग स्वास्थ्य के मोर्च पर कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं तो वहीं कुछ को नफरतों का भी शिकार होना पड़ रहा है। ऐसी ही घटनाओं को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी चिंता जाहिर करते हुए आगाह किया है। एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना की वजह से नफरत और बाहरी लोगों के भय या जेनोफोबिया की एक सुनामी सी आ गई है। इसे खत्म करने के लिए पुरजोर कोशिश करने की जरूरत है। जारी एक बयान में किसी देश का नाम लिए बिना गुटेरेस ने कहा, "महामारी की वजह से नफरत, जेनोफोबिया और आतंक फैलाने की बाढ़ सी आ गई है। इंटरनेट से लेकर सड़कों तक, हर जगह बाहरी लोगों के खिलाफ नफरत बढ़ गई है। यहूदी-विरोधी साजिश की थ्योरियां बढ़ गई हैं और कोरोना वायरस से संबंधित मुस्लिम-विरोधी हमले भी हुए हैं।"

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दुनिया के कई हिस्सों में दिखा 2020 का आखिरी फुल सुपरमून

दुनिया के कई हिस्सों में गुरुवार शाम वर्ष 2020 का अंतिम सुपरमून देखा गया। इस दौरान चांद बड़े आकार में और पूरी तरह चमकदार दिखाई दिया। इस सुपरमून को सुपर फ्लावर मून (Super Flower Moon) और कॉर्न प्लांटिंग मून के नाम से भी जाना जाता है। इसे फुल मिल्क मून भी कहा जाता है। हालांकि, भारत में सुपरमून का दीदार नहीं हो पाया। यहां दिन होने और सूर्य की किरणों के चलते यह नजारा देखने को नहीं मिला, लेकिन इस खगोलीय घटना के नजारे को इंटरनेट पर देखा गया। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब आ जाता है। दरअसल, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसतन दूरी 384,400 किमी होती है, लेकिन सुपरमून के दौरान यह दूरी करीब 23,000 किमी कम हो जाती है. इसके चलते चांद और पृथ्वी के बीच का फासला करीब 361,184 किलोमीटर रह जाती है।

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(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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