सीबीआई ने पत्र लिखकर कहा था,  माल्या आए तो पकड़ना मत, बस बता देना, कांग्रेस ने पूछा किसके इशारे पर हुआ ऐसा

सीबीआई ने लिखित रूप से मुंबई पुलिस से कहा था कि जब विजय माल्या एयरपोर्ट पर आए तो खामोशी से सूचना दे देना, हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है। यह खुलासा किया है इंडियन एक्स्प्रेस ने। विजय माल्या मार्च 2016 में देश छोड़कर चला गया था। उस पर बैंकों की हजारों करोड़ की देनदारी है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि शराब कारोबारी विजय माल्या के विदेश भागने के मुद्दे पर सीबीआई का यह कहना कि विजय माल्या के लुकआउट नोटिस में सीबीआई द्वारा हुआ बदलाव ‘एरर ऑफ जजमेंट’ था, गलत है। इंडियन एक्सप्रेस ने उसे मिले ‘गोपनीय दस्तावेजों’ के आधार पर बताया है कि सीबीआई ने लिखित रूप से मुंबई पुलिस से कहा था कि, ‘हमें माल्या के बारे में चुपचाप बता देना। हिरासत में लेने की आवश्यकता नहीं है।‘

खबर में बताया गया है कि 16 अक्टूबर 2015 को अपने पहले लुक आउट नोटिस में सीबीआई ने फार्म में ‘भारत छोड़ने से रोकने संबंधी विषय’ बाक्स को भर दिया था। दूसरा लुक आउट नोटिस 24 नवंबर 2015 को जारी किया गया था। इसी रात माल्या दिल्ली पहुंचा था। मुंबई पुलिस की विशेष शाखा को भेजे गए नोटिस में एक कवर लेटर भी था। इस दूसरे लुक आउट नोटिस फार्म में जिस बाक्स को चुना गया था, वह ‘विषय या व्यक्ति के आने / जाने के के बारे में सूचित करने का था। यानि साफ तौर पर कहा गया कि गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सूचना देना काफी होगा।

चार महीने बाद माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़ कर चला गया और अब भारत सरकार ब्रिटेन से उसे प्रत्यर्पित करने की कार्यवाही कर रही है।

इंडियन एक्सप्रेस अपनी खबर में बताता है कि 23 नवंबर 2015 को सीबीआई को यह सूचना दी गई थी कि माल्या विदेश से 24 नवंबर को दिल्ली पहुंच रहा है। लेकिन 24 नवंबर, 2015 को ही सीबीआई ने मुंबई पुलिस को पत्र लिख कर यह कहा था कि ”माल्या को हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है। यदि जरूरत पड़ती है तो बाद में ऐसा किया जाएगा। इसके लिए अलग से बात होगी। इस विषय में लुक आउट नोटिस को संशोधित किया जा सकता है।”

इस पत्र में कहा गया कि एजेंसी को एपीआईएस के जरिए होने वाले सिस्टम अलर्ट की जानकारी नहीं थी, और अब जब यह जानकारी हो गई है तो माल्या को हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस पत्र से यह भी पता चलता है कि अलर्ट के बाद भी एजेंसी अनजान बनी रही। इस पत्र पर मुंबई सीबीआई के एसपी हर्षिता अटलुरी पर हस्ताक्षर किए गए थे और इसे मुंबई में तैनात आईपीएस अधिकारी असवती दोर्जे को संबोधित किया गया था।

पत्र में कहा गया था, “लुक आउट नोटिस जारी करते समय हमारा अनुरोध है कि विषय (माल्या) के देश में आने-जाने की जानकारी दी जाए। हिरासत में लेने के बारे में कहा गया था कि आरोपी के बारे में पहले से पहले से जानकारी नहीं होती है। इसलिए आरोपी के आने-जाने के समय इमिग्रेशन पोस्ट पर जांच की जाती है। यह सूचना सिर्फ इस प्वाइंट पर दी जा सकती है। इसलिए यहां आरोपी को हिरासत में लिया जा सकता है। लेकिन बाद में सीबीआई द्वारा कहा गया कि हमें आरोपी के आने-जाने के बारे में जानकारी दें। हिरासत में लेने की कोई जरूरत नहीं है।”

इस पूरे मामले पर सीबीआई इंडियन एक्सप्रेस ने अधिकारी अट्टालुरी और संयुक्त निदेशक एके शर्मा से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

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