बड़ी खबर LIVE: बागपत जेल में गैंगस्टर ने की मुन्ना बजरंगी की हत्या, जेल में पहले से लाए गए थे हथियार!
यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जिला जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बीएसपी के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी। उसे रविवार को झांसी से बागपत जेल में लाया गया था।
बागपत जेल पहुंची फोरेंसिक टीम
माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या की जांच के सिलसिले में फोरेंसिक टीम बागपत जेल पहुंच गई है। बागपत के एसपी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोपी सुनील राठी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।”
बात दें कि इससे पहले मुन्ना बजरंगी के साले विकास श्रीवास्तव ने भी जेल में बंद सुनील राठी पर मुन्ना बजरंगी की हत्या करवाने का आरोप लगाया था।
मुन्ना बजरंगी की हत्या के लिए जेल में पहले से ही लाकर रखे गए थे हथियार!
उत्तर प्रदेश के बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जेल की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सवाल यह है कि जेल में पिस्टल कहां से आया, जिससे जेल में बंद गैंगस्टर ने मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी।
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इस बात की आशंका जताई जा रही है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या एक सुनियोजित साजिश थी और जिस हथियार से बजरंगी की हत्या की गई उसे पहले से ही जेल के अंदर लाकर रखा गया था। वहीं मुन्ना बजरंगी के साले विकास श्रीवास्तव का आरोप है कि जेल में बंद सुनील राठी ने ही मुन्ना बजरंगी की हत्या करवाई है।
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मुन्ना बजरंगी की जान को खतरा था, सीएम को सूचना दी थी: वी श्रीवास्तव, मुन्ना बजरंगी के वकील
मीडिया से बात करते हुए मुन्ना बजरंगी के वकील वी श्रीवास्तव ने कहा, “मुन्ना बजरंगी को 8 जुलाई की रात को झांसी से बागपत जेल लाया गया था। आज सुबह करीब 6.30 बजे जेल में बंद एक कैदी ने मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी और पिस्टल को गटर में छिपा दिया। मुन्ना बजरंगी की जान को खतरा था, इस बारे में कुछ दिन पहले ही हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सूचना दी थी।”
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मुन्ना बजरंगी की हत्या की जांच के लिए जांच टीम बागपत जेल पहुंची
बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हुई हत्या के मामले की जांच शुरू हो गई है। जांच टीम बागपत जेल पहुंच गई है।
जेल के अंदर इस तरह की घटना का होना गंभीर है: योगी आदित्याथ
यूपी सरकार ने बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं साथ ही जेलर को भी सस्पेंड कर दिया गया है। राज्य के सीएम योगी अदित्यनाथ ने कहा कि जेल में इस तरह की घटना का होना गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जाएगी और हत्या के लिए जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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बागपत जिला जेल के बाहर की तस्वीरें, इसी जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या की गई है
यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जिला जेल में हत्या
उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जिला जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बताया जा रहा है कि बीएसपी के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी। उसे रविवार को झांसी से बागपत जेल लाया गया था। बताया जा रहा है कि इसी दौरान जेल में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इससे पहले झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी पर जानलेवा हमला हो चुका था। वहीं मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा पहले ही उसकी हत्या की आशंका जता चुकी थी। सीमा ने आरोप लगाया था कि कुछ नेता, प्रभावशाली लोग और अधिकारी मुन्ना की हत्या की साजिश रच रहे हैं।
यूपी के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में 1967 में जन्मे प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी ने जुर्म की दुनिया में 1982 में कदम रखा था। बताया जाता है कि वह बड़ा आदमी बनना चाहता था। उसने 5वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी।
1984 में मुन्ना बजरंगी ने लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद एक व्यापारी की हत्या कर दी थी। जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद बतौर सुपारी किलर उसने कई हत्याएं कीं। 1995 में यूपी एसटीएफ से मुठभेड़ में उसे गोली लगी थी। मुठभेड़ के दौरान वह भागने में सफल रहा था।
मुठभड़ के दौरान मुन्ना बजरंगी के बच निकलने के बाद यूपी एसटीएफ ने उसकी गैंग पर काफी दबाव बनाया। बताया जाता है कि जब मुन्ना बजरंगी को लगा की उसकी ताकत कम हो रही है तो उसने पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी से हाथ मिला लिया। इस गठजोड़ के बाद मुन्ना बजरंगी ने 2005 में गाजीपुर के मुहम्मदाबाद से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी थी।
कृषणानंद राय की हत्या के बाद करीब 9 सालों तक रंगदारी और हत्या समेत कई मामलों में उसका नाम आया। 29 अक्टूबर, 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना बजरंगी को मुंबई के मलाड इलाके से गिरफ्तार कर लिया था। ऐसा कहा जाता है कि एनकाउंटर के डर से उसने खुद की गिरफ्तारी करवाई थी।
मुन्ना बजरंगी 2012 में मड़ियाहू विधानसभा चुनाव से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन चुनाव में उसे करारी शिकस्त मिली थी।
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