सिनेमा

फिल्म समीक्षाः सिम्बा में रोहित शेट्टी का दिखा वही पुराना तेवर, लेकिन रणवीर रहे असरदार

‘सिम्बा’ बस एक बार देखने लायक फिल्म है। वो भी अगर आप हल्की-फुल्की बचकाना फिल्म देखने के मूड में हों तो। रणवीर सिंह को ऐसी स्टीरियोटाइप फिल्मों और किरदारों से बचना चाहिए और अधिक चुनौतीपूर्ण किरदार चुनने चाहिए। बतौर अभिनेता उन्हें अभी बहुत कुछ हासिल करना है

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

अगर फिल्म में रणवीर सिंह जैसा ‘परफॉर्मर’ हो और रोहित शेट्टी जैसा निर्देशक तो आप एक लाउड ‘केसरिया’ रंग में रंगी एक्शन फिल्म के अलावा और क्या उम्मीद कर सकते हैं! वैसे रोहित शेट्टी के केसरिया और लाल रंग के ‘ओबसेशन’ के पीछे क्या राज है- ये आज तक किसी को समझ नहीं आया। ‘सिम्बा’ की शुरुआत में केसरिया रंग इतना ज्यादा दिखाई देता है कि चिड़चिड़ाहट होने लगती है। और फिर एक भ्रष्ट, लेकिन क्यूट मराठी पुलिस अफसर की पृष्ठभूमि में शिवाजी की मूर्ति दिखाना तो कुछ ज्यादा ही हो गया।

बहरहाल, रणवीर सिंह कैमरे के सामने अब इतने सहज हो गए हैं कि आपको भी लगभग एहसास होने लगता है कि रणवीर सिंह मजे में किरदार निभा रहे हैं। जैसा कि हम सब रोहित शेट्टी की फिल्मों की कहानी से वाकिफ हैं, ठीक उसी तरह सिम्बा की भी कहानी बहुत सरल सी है। वह एक भ्रष्ट, हालांकि अच्छे दिल वाला पुलिस अफसर है। लेकिन उसकी जिंदगी तब बदल जाती है, जब इस भ्रष्टाचार का शिकार उसके अपने लोग होने लगते हैं। इसके बाद और वह एक अच्छा और ईमानदार पुलिस अफसर बन जाता है।

Published: 28 Dec 2018, 7:04 PM IST

बेशक फिल्म में रोहित शेट्टी के मशहूर फिल्मी किरदार ईमानदार पुलिस अफसर सिंघम यानी अजय देवगन को भी अपने छोटे से रोल में खूब तालियां मिलती हैं। लेकिन दिमाग में ये सावल कौंधता रहता है कि असल में ऐसे सुपर हीरो पुलिस वाले आखिर हैं कहां? हम आम लोग कब खुशी से वह कह सकेंगे जो सिम्बा में लगातार पीछे से बजता रहता है- आया पुलिस!

Published: 28 Dec 2018, 7:04 PM IST

आखिर में फिल्म में एक सरप्राइज एलिमेंट के तौर पर अक्षय कुमार भी मौजूद हैं। अब आप उम्मीद कर सकते हैं कि 2019 में सिंहम की अगली कड़ी में अक्षय कुमार पुलिस अफसर सूर्यवंशी के किरदार में दिखाई देंगे।

ऐसे वक्त में जब उत्तर प्रदेश पुलिस के ‘एनकाउंटर’ विवादों के घेरे में हैं और पुलिस वालों द्वारा मुठभेड़ के दौरान मुंह से ‘ठाएं ठाएं’ की आवाज निकालने वाला एक हास्यास्पद विडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, ये फिल्म पुलिस एनकाउंटर को लंबी कानूनी प्रक्रिया के बनिस्पत बेहतर साबित करती दिखाई देती है, जो अपने आप में विडंबनापूर्ण है। काश इन्साफ पाना और इन्साफ करना इतना आसान होता !

बहरहाल, कुछ चुटीले संवाद, कुछ कॉमिक सिचुएशंस और असरदार एक्शन सीक्वेंस रोहित शेट्टी की फिल्मों की खासियत रहे हैं और सिम्बा भी उनसे अलग नहीं। लेकिन बार-बार एक ही चीज देखते हुए अब बोरियत होने लगी है।

कुल मिला कर ‘सिम्बा’ रोहित शेट्टी की नौटंकीनुमा पिछली फिल्मों की तरह एक औसत एंटरटेनर है। ‘सिम्बा’ बेशक बॉक्स ऑफिस पर कमाई कर जाएगी, लेकिन बदकिस्मती से रोहित शेट्टी बतौर निर्देशक कोई नया खेल, नया तेवर नहीं दिखा पाए हैं। एक निर्देशक के तौर पर वे आज भी वहीं हैं जहां से उन्होंने अपना सफर शुरू किया था। वो निर्देशक कम एक प्रोडक्ट के निर्माता ज्यादा साबित होते हैं।

Published: 28 Dec 2018, 7:04 PM IST

हां मगर एक अभिनेता जिसका जिक्र जरूर करना चाहिए वो हैं सोनू सूद। स्क्रीन पर जब भी रणवीर के साथ दिखाई पड़ते हैं, रणवीर फीके पड़ जाते हैं। फिल्म में सारा अली खान के लिए कुछ खास करने को है नहीं, लेकिन वो सुन्दर और आत्मविश्वासपूर्ण हैं। एक न्यू कमर के लिए ये एक बड़ा और अहम गुण है।

कुल मिला कर ‘सिम्बा’ बस एक बार देखने लायक फिल्म है। वो भी अगर आप हल्की-फुल्की बचकाना फिल्म देखने के मूड में हों तो। रणवीर सिंह को इस तरह की स्टीरियोटाइप फिल्मों और किरदारों से बचना चाहिए और दूसरे अधिक चुनौतीपूर्ण किरदार चुनने चाहिए। अभी एक अभिनेता के तौर पर उन्हें बहुत कुछ हासिल करना है.

Published: 28 Dec 2018, 7:04 PM IST

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Published: 28 Dec 2018, 7:04 PM IST