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IND vs AUS: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट के 75 साल पूरे, हाल में घर और बाहर दोनों जगह कंगारुओं की हुई पिटाई

इन 75 सालों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई यादगार टेस्ट सीरीज खेले गए। दोनों टीमें अब बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए टेस्ट सीरीज खेलती हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट इतिहास का पहला मुकाबला 75 साल पहले खेला गया था। इस तरह भारत को आजादी मिलने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया से क्रिकेट सीरीज का भी आगाज हो गया था। टीम इंडिया उसी साल यानी 1947 के अंत में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी। इस दौरे पर दोनों टीमों के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई।

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट के 75 साल

इन 75 सालों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई यादगार टेस्ट सीरीज खेले गए। दोनों टीमें अब बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए टेस्ट सीरीज खेलती हैं। समय बीतने के साथ ही ऐशेज की तरह ही इस ट्रॉफी को लेकर दोनों टीमों के बीच रोमांच बढ़ा है। 75 साल बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम टेस्ट सीरीज खेलने के लिए भारत आई हुई है। नागपुर में 9 फरवरी से पहले टेस्ट खेला जाने वाला है। 75 साल अपने आप में एक बड़ा मुकाम है। लेकिन इसे यादगार बनाने के लिए न तो बीसीसीआई ने ही और न ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया कुछ नया किया है। हालांकि दर्शकों को उम्मीद थी कि दोनों देशों के बीच 75 सालों का टेस्ट में जो प्रतिद्वंद्विता रही है, उसे दर्शाने के लिए कुछ खास तैयारी होगी। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।  

 नौ फरवरी से नागपुर में शुरू होने वाले चार टेस्ट सीरीज मैचों के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर  क्रिकेट जगत में खूब चर्चा है। माना जा रहा है कि दोनों टीमों के बीच काफी जोरदार मुकाबला देखने को मिलेगा। भारत को अगर टेस्ट का बादशाह बनना है तो इस सीरीज पर हर हाल में कब्जा करना होगा। घरेलू मैदान पर वैसे भी भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद शानदार रहता है। ऐसे में इस बार भी टीम इंडिया का पलड़ा भारी ही दिख रहा है। हालांकि जसप्रीत बुमराह और पंत के टीम में न होने से भारतीय टीम थोड़ी कमजोर जरूर दिख रही है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में जाकर जिस तरह से टीम के नए खिलाड़ियों ने जो प्रदर्शन किया था वह उनके जेहन में जरूर होगा।

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टेस्ट क्रिकेट के दिलचस्प मुकाबले

वहीं अगर बात करें कुछ पुराने दिलचस्प मुकाबलों की तो दोनों देशों के बीच पहला टेस्ट सीरीज 1947 में खेला गया था। इस सीरीज पर ऑस्ट्रेलिया ने 4-0 से कब्जा किया था। ब्रिस्बेन में पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया एक पारी और 226 रन से जीता। सिडनी में दूसरा टेस्ट ड्रा रहा, जबकि मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया में तीसरा टेस्ट 233 रन से जीता। एडिलेड में चौथा टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने एक पारी और 16 रन से जीता। मेलबर्न में पांचवां टेस्ट ऑस्ट्रेलिया एक पारी और 177 रन से जीता।

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई यादगार मैच खेले गए हैं। लेकिन 1969 में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेले गए टेस्ट मैच को सबसे भयानक और डरावना माना गया। इस मैच के दौरान ऐसी घटनाएं घटी जिस कारण यह मैच भारत-आस्ट्रेलिया टेस्ट इतिहास के सबसे डरावनी घटनाओं में जुड़ गया। दरअसल अजीत वाडेकर और श्रीनिवास वेंकटराघवन क्रीज पर थे। दोनों के बीच आठवें विकेट की साझेदारी बन रही थी लेकिन अंपायर शंभु पान ने वेंकटराघवन को विकेट के पीछे कैच आउट का विवादास्पद फैसला दिया। इसके बाद दर्शकों का व्यवहार उग्र हो गया और उन्होंने स्टेडियम में कुर्सियां पटकनी शुरू कर दीं, स्टेडियम में पेय पदार्थों की खाली बोतलें फेंक दी। फिर स्टैंड में आग की लपटें देखकर खिलाड़ी भी भयभीत हो गए। हालांकि मैच पूरा खेला गया और ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट को 8 विकेट से जीत लिया। पांच मैचों की श्रृंखला को ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से जीती।

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‘टाई’ पर छूटा था मद्रास में खेला गया टेस्ट

वैसे तो क्रिकेट के मुकाबले बहुत ही कम टाई होते हैं और टेस्ट मैच में तो टाई की संभावना करीब न के बराबर ही होती है। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट में भी टाई मैच खेले हैं। वर्ष 1986 में मद्रास में खेला गया टेस्ट मैच ‘टाई’ पर छूटा था। इस मैच में दिवंगत डीन जोंस ने काफी मुश्किल हालात में दोहरा शतक जड़ा।

 भारत को 348 रन का लक्ष्य मिला था और बायें हाथ के स्पिनर रे ब्राइट ने तीन विकेट झटककर ऑस्ट्रेलिया को वापसी करायी जिससे क्रीज पर जमे रवि शास्त्री और 11वें नंबर के मनिंदर सिंह को अंत में जीत के लिए चार रन बनाने थे। पर आफ स्पिनर ग्रेग मैथ्यूज (मैच में 10 विकेट झटकने वाले) मनिंदर को पगबाधा आउट किया लेकिन भारतीय बल्लेबाज को पूरा भरोसा था कि वह आउट नहीं थे लेकिन अंपायर ने फैसला दिया था और टेस्ट इतिहास में दूसरी बार एक मैच ‘टाई’ रहा था।

मद्रास में उमस और गर्मी के मौसम में जोंस ने 210 रनों की बेहद ही उमदा पारी खेली थी। जोंस अपने इस पारी के अपने कैरियर के सबसे बेहतरीन पारियों में से एक मानते रहे। इस पारी के दौरान उनकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। अब तक दोनों देशों के बीच क्रिकेट के पिच पर दुश्मनी और बढ़ गई थी। इसके साथ ही 1996 में दो महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर और एलेन बॉर्डर के नाम पर बॉर्डर  गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत हुई।

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कोलकाता में टीम इंडिया का चमत्कार

अब बात करते हैं टेस्ट इतिहास के सबसे यादगार वापसी वाली सीरीज की। 2001 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम लगातार 16 टेस्ट सीरीज जीतकर भारत दौरे पर आई थी। पहले टेस्ट में मेहमान टीम को 10 विकेट से जीत मिली। लेकिन कोलकाता टेस्ट में जो हुआ वो किसी चमत्कार से कम नहीं था। वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने 376 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाकर और हरभजन सिंह ने 13 विकेट झटककर अपनी टीम को जीत दिलाई।

 युवा हरभजन सिंह की हैट्रिक के बावजूद आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रन बनाए और मेजबान भारत को 171 रन पर समेटकर फॉलो ऑन दे दिया।

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दूसरी पारी में चार विकेट पर 232 रन के स्कोर भारत को किसी चमत्कार की दरकार थी जो लक्ष्मण और द्रविड़ ने 376 रन की भागीदारी निभाकर किया और टीम ने सात विकेट पर 657 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। 384 रन के असंभव लक्ष्य का पीछा करने उतरी आस्ट्रेलियाई टीम हरभजन के 13 विकेट से 212 रन पर सिमट गई। ईडन गार्डन्स पर इस प्रदर्शन के बाद लक्ष्मण, द्रविड़ और हरभजन महान खिलाड़ियों की फेहरिस्त में शामिल हो गए।

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पिछली लगातार 3 टेस्ट सीरीज पर भारत का कब्जा

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पिछली लगातार 3 टेस्ट सीरीज में मात दी है। इनमें से 2 सीरीज में तो भारतीय टीम कंगारुओं के उनके ही घर में जाकर हराया। अपने घर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत का दबदबा तो नेक्स्ट लेवल का हो गया है। पिछले 19 साल से ऑस्ट्रेलिया की टीम यहां कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी है। ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय जमीन पर आखिरी बार 6,669 दिन पहले टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाबी हासिल की थी। 

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ऑस्ट्रेलिया की टीम लंबे समय बाद भारत में टेस्ट सीरीज खेलने आई है। 4 मैचों के टेस्ट सीरीज का आगाज कल से हो रहा है। नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले जाने वाले इस मुकाबले पर सब की नजर है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बॉर्डर-गावस्कर हमेशा से रोमांचक श्रृखंला रहता है, जिसका हिस्सा बनने के लिए में उत्सुक रहता हूं।

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बता दें कि दोनों देशों के बीच भारत में अब तक 8 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (बीजीटी) खेली गईं। भारत ने इनमें एकतरफा दबदबा दिखाकर 7 सीरीज में जीत हासिल की। ऑस्ट्रेलिया एक ही बार जीत सका। टीम ने 2004 में भारत को 2-1 से हराया था। भारत में दोनों देशों के बीच बीजीटी के 25 मैच खेले गए। भारत ने 16 और ऑस्ट्रेलिया ने 5 में जीत हासिल की। 4 मुकाबले ड्रॉ रहे।

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