बिहार की राजधानी पटना के अतिसुरक्षित क्षेत्र में उद्योगपति गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या के मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस ने इस घटना को ले कर कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। ऐसे में राज्यपाल को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, "गोपाल खेमका सिर्फ एक साधारण नागरिक नहीं थे, वे एक सम्मानित व्यापारी और एक प्रसिद्ध समाजसेवी थे। उनके घर पर यह दूसरी दुखद घटना है। मैं 4-5 साल पहले भी उनके घर गया था, जब उनके बेटे की हत्या हुई थी।
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अखिलेश प्रसाद ने कहा कि जिस जगह रहते हैं, वहां अधिकारियों का आवास है। इसके बावजूद घात लगाकर अपराधियों द्वारा उनकी हत्या कर दी जाती है और इस घटना के दो घंटे के बाद तक पुलिस भी नहीं पहुंचती है। जिनके बेटे की कई साल पहले हत्या की गई उन्हें ही सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई? ये गोपाल खेमका की हत्या नहीं है बल्कि बिहार सरकार के सीने पर सीधा हमला है।" उन्होंने आगे कहा, "हमने मांग की है कि राज्यपाल को इस घटना को लेकर तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। अपराध और अपराधीकरण को लेकर विधानसभा का सत्र बुलाएं और उस पर चर्चा कर समाधान निकाला जाना चाहिए।"
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वहीं, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने भी सरकार पर इसे लेकर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने बिहार की वर्तमान स्थिति को महा-गुंडाराज बताया। उन्होंने पटना में कहा कि अभी भी गोपाल खेमका के परिवार के लोग डरे और सहमे हुए हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगपति और व्यवसायी की बात छोड़ दीजिए, आम लोगों को सुरक्षा देने में भी नीतीश सरकार विफल है। उन्होंने कहा कि जो व्यवसायी जीएसटी देते हैं और बिहार के निर्माण में अपनी भूमिका निभाते हैं, उनकी हत्या प्रदेश के लिए काले धब्बे के समान है।
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राजेश राम ने आरोप लगाया कि गोपाल खेमका के शव के पोस्टमार्टम को लेकर भी असंवेदनशीलता देखने को मिली। अगर आज बिहार में कोई उद्योग-धंधा नहीं आ रहा है, तो इसका बड़ा कारण कानून-व्यवस्था है। अभी उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या हुई है। कुछ साल पहले उनके पुत्र की हत्या हुई थी, उस घटना का भी अब तक खुलासा नहीं किया गया है। उन्होंने यहां तक कहा कि पुलिस ने इस मामले में जो कर्तव्यहीनता दिखाई है, उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने असंवेदनशील और कर्तव्यहीन पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की।
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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अगर कानून-व्यवस्था को लेकर नहीं जागती है तो ईंट से ईंट बजा दिया जाएगा। लोगों को सुरक्षा देने में एनडीए सरकार ने निराश किया है। जिस तरह मुख्यमंत्री बीमार चल रहे हैं, उनका सिस्टम भी बीमार हो चुका है। नीतीश कुमार को भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। उनसे बिहार नहीं चल रहा है। जो बिहार चला रहे हैं, उनसे भी उन्हें बचना चाहिए।
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