अपराध

बेहमई हत्याकांड में अब 18 जनवरी को आएगा फैसला, फूलन सहित कई आरोपियों की हो चुकी है मौत 

बता दें कि 14 फरवरी 1981 को हुए हत्याकांड में फूलन ने अपने 35 साथियों की मदद से 20 लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में फूलन ही मुख्य आरोपी थी, लेकिन मौत के बाद उसका नाम हटा दिया गया। बचे हुए 5 आरोपियों में से एक की मौत हो गई है। 

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

बेहमई हत्याकांड पर अब कोर्ट 18 जनवरी को फैसला सुनाएगी। कानपुर देहात के गांव बेहमई में 39 साल पहले हुए इस घटना पर पहले आज (सोमवार) फैसला आना था। लेकिन, आरोपियों के वकील ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी। इसलिए अब कोर्ट 18 जनवरी को फैसला सुनाएगी। वहीं आरोपियों के वकील गिरीश चंद्र दुबे ने कहा, “आज फैसला आने की उम्मीद नहीं थी। आज लिखित बहस होनी थी। अग्रिम तारीख 18 जनवरी तय की गई है। उसी दिन फैसला आएगा।” बता दें कि 14 फरवरी 1981 को हुए हत्याकांड में फूलन ने अपने 35 साथियों की मदद से 20 लोगों की हत्या कर दी थी। इस मामले में फूलन ही मुख्य आरोपी थी, लेकिन मौत के बाद उसका नाम हटा दिया गया। बचे हुए 5 आरोपियों में से एक की मौत हो गई है। केस की शुरुआत में 6 गवाह थे, इनमें अब 2 जिंदा बचे हैं।

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कौन थी फूलन देवी

10 अगस्त 1963 को उत्तर प्रदेश के जालौन के घूरा का पुरवा गांव में फूलन देवी का जन्म एक मल्लाह परिवार में हुआ था। फूलन देवी का बचपन बेहद गरीबी में बीता था। 10 साल की उम्र में जब उन्हें पता चला कि चाचा ने उनकी जमीन हड़प ली है तो चचेरे भाई के सिर पर ईंट मार दी थी। फूलन के घरवाले उनकी इस हरकत से इतना नाराज हो गए थे कि महज 10 साल की उम्र में 35 साल बड़े आदमी से शादी कर दी थी।

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बेहमई हत्या कांड की मुख्य आरोपी फूलन देवी थी। फूलन ने 1983 में मध्य प्रदेश में आत्मसमर्पण किया था। 1993 में फूलन जेल से बाहर आई। इसके बाद मिर्जापुर लोकसभा सीट से दो बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बनी। 2001 में शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की दिल्ली में हत्या कर दी थी। इसके बाद फूलन का नाम केस से हटा दिया गया। 35 आरोपियों में से सिर्फ 5 पर केस शुरू हुआ। इनके नाम श्याम बाबू, भीखा, विश्वनाथ, पोशा और राम सिंह थे। राम सिंह की 13 फरवरी 2019 को जेल में मौत हो गई। पोशा जेल में है। तीन आरोपी जमानत पर हैं।

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