अपराध

उत्तर प्रदेशः बुलंदशहर में एक हफ्ते में तीन गैंगरेप, दलित किशोरी की मौत से तनाव, गांव छावनी में तब्दील

हैरतअंगेज तौर पर यह बुलंदशहर में एक सप्ताह में तीसरी घटना है। इससे पहले अनूपशहर की एलएलबी की छात्रा ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए अपनी जान दे दी थी। इस युवती के साथ भी गैंगरेप किया गया था और पुलिस कथित तौर पर उसकी मदद नहीं कर रही थी।

फोटोः आस मोहम्मद कैफ
फोटोः आस मोहम्मद कैफ 

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, उल्टे ऐसे अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। अकेले बुलंदशहर में एक सप्ताह में गैंगरेप की तीन वारदातें सामने आई हैं, जिनमें से एक में पुलिस की शिथिलता के चलते गैंगरेप पीड़िता की जलने से मौत हो गई है। पीड़िता के दलित समुदाय से होने के चलते इलाके में जबरदस्त तनाव है। पुलिस ने आनन-फानन में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच पीड़िता के गांव में राजनीतिक लोगों का आना-जाना लगा है, जिससे मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

बता दें कि बुलंदशहर के जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में गैंगरेप पीड़ित दलित किशोरी को मंगलवार को जिंदा जलाने का मामला सामने आने के बाद जिले का पुलिस-प्रशासन हिल गया है। बुरी तरह से झुलसी किशोरी की देर शाम दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजन रात भर दिल्ली में रहे और पोस्टमार्टम कराने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। उधर, मामला गंभीर होने के कारण मृतका के गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और गांव को चारों ओर से सील कर दिया गया है।

Published: undefined

गैंगरेप की घटना जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में करीब तीन माह पहले हुई थी। किशोरी के साथ पड़ोसी गांव के युवक ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। बाद में परिजनों ने आरोपी को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया था। फिलहाल आरोपित जेल में है। इसी मामले में आरोपित युवक के परिजन लगातार पीड़ित पक्ष पर समझौता करने के लिए दबाव बना रहे थे। समझौता न करने पर मंगलवार की सुबह आरोपित पक्ष के लोगों ने पीड़ित के घर में घुसकर किशोरी को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। बाद में परिजनों और पुलिस ने किशोरी को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर शाम उसकी मौत हो गई।

इस किशोरी की मौत के बाद परिजन रात भर अस्पताल प्रशासन से पोस्टमार्टम की गुहार लगाते रहे, लेकिन प्रशासनिक हीलाहवाली के चलते पोस्टमार्टम में देरी हुई। बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन पहले कोरोना की जांच के बाद पोस्टमार्टम करने की बात कह रहा था। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि प्रशासन मामला गंभीर होने के कारण हाथरस जैसी किसी स्थिति से बचना चाहता है। किशोरी के अंतिम संस्कार को लेकर गांव में अत्यधिक तनाव है।

Published: undefined

फोटोः आस मोहम्मद कैफ

इस बीच, घटना के बाद जागी बुलंदशहर पुलिस के कप्तान संतोष कुमार सिंह के अनुसार मामले में ढिलाई बरतने वाले दरोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है, जबकि स्थानीय थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी को हटा दिया गया है। इसके अलावा पांच आरोपी बनवारी, बदन सिंह, वीर सिंह, जसवंत सिंह और गौतम को गिरफ़्तार कर लिया गया है। इस मामले में बुलंदशहर के एसएसपी ने पहले बताया था कि पीड़िता ने खुद ही आग लगाई थी और इसकी वजह आरोपियों द्वारा पीड़िता पर समझौते के लिए दबाव बनाना था।

इस घटना को लेकर एक बार फिर योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया है कि नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलंबन की बात कहकर मिशन शक्ति का नारा देने वाली योगी सरकार में नारियों की दशा और दिशा की यही हकीकत है। इससे पहले हाथरस में भी एक दलित किशोरी की गैंगरेप के बाद सरकार की बेहद किरकिरी हुई थी।

Published: undefined

हैरतअंगेज तौर पर यह बुलंदशहर में एक सप्ताह में तीसरी घटना है। इससे पहले अनूपशहर की एलएलबी की छात्रा ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए अपनी जान दे दी थी। इस युवती के साथ भी गैंगरेप किया गया था और पुलिस कथित तौर पर उसकी मदद नहीं कर रही थी। उसके बाद उसने घर पर ही फांसी लगाकर जान दे दी। पीड़िता की शिकायत के बाद एक महीने तक अनूपशहर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस उसके मामले को झूठा बता रही थी। इससे मानसिक तौर पर तंग होकर अपनी बात का यकीन दिलाने के लिए एलएलबी छात्रा ने आत्महत्या कर ली।

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की पूर्व सदस्य रोली तिवारी मिश्रा कहती हैं कि “यह अत्यंत हृदय विदारक है। पूरे प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध लगातार बढ़ गए हैं। मिशन शक्ति सिर्फ नाम का अभियान है। एक ही जनपद में एक सप्ताह में गैंगरेप की तीन वारदात दहला देती है। इससे भी अधिक आश्चर्यजनक यह है कि तीनों ही मामलों में पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है और उन्होंने पीड़ित को सुना ही नहीं। उत्तर प्रदेश सरकार की असवेंदनशीलता कष्ट देती है।”

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined