अर्थतंत्र

महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को बड़ा झटका! जनवरी में 6.52% रही खुदरा महंगाई, दिसंबर में थी 5.72 फीसदी

साल के पहले महीने जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर साढ़े छह फीसदी के पार जा पहुंची है। बता दें, जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर बड़ी उछाल के साथ 6.52 फीसदी पर जा पहुंची है। जबकि दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी रही थी।

फोटो: सोशल मीडिया
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महंगाई के मोर्च पर देश की जनता को बड़ा झटका लगा है। आम आदमी पर एक बार फिर से महंगाई का बोझ बढ़ा है। साल के पहले महीने जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर साढ़े छह फीसदी के पार जा पहुंची है। बता दें, जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर बड़ी उछाल के साथ 6.52 फीसदी पर जा पहुंची है। जबकि दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी रही थी।

वहीं जनवरी 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.01 फीसदी रही थी। इससे पहले देश के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े में भी गिरावट दर्ज की गई है। दिसंबर 2022 में ये घटकर 4.3 प्रतिशत रह गई है. नवंबर, 2022 में औद्योगिक उत्पादन 7.3 प्रतिशत बढ़ा था।

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खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी की क्या है वजह?

खुदरा महंगाई दर में इजाफे के कारणों पर गौर करें तो जनवरी में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.94 फीसदी पर जा पहुंची है जो दिसंबर 2022 में 4.19 फीसदी रही थी। यानि खाने-पीने की चीजें जनवरी में महंगी हुई है। जनवरी 2022 में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.43 फीसदी रही थी। जनवरी 2023 में महंगे दूध का असर खुदरा महंगाई दर पर नजर आ रहा है। दूध और उससे बनने वाले प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 8.79 फीसदी रही है।

मसाले भी महंगे हुए हैं और उसी महंगाई दर 21.09 फीसदी रही है। सीरल्स और प्रोडक्टस की महंगाई दर 16.12 फीसदी रही है। जबकि मीट और मछली की महंगाई दर 6.04 फीसदी, अंडे की 8.78 फीसदी रही है। साग-सब्जियों की महंगाई दर नेगेटिव में है और ये -11.70 फीसदी रही है। फलों की महंगाई दर 2.93 फीसदी रही। दालों की महंगाई दर 4.27 फीसदी रही है।

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हाल ही में मॉनिटरी पॉलिसी समिति की बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि FY23 में महंगाई 6.5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है।

इससे पहले नवंबर और दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर के टोलरेंस बैंड 6 फीसदी के नीचे आ गया था. इसके बावजूद आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 को रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर उसे 6.50 फीसदी कर दिया। अब जब फिर से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के बाहर जा पहुंचा है तो फिर से कर्ज के और महंगे होने का खतरा बढ़ गया है। अप्रैल 2023 में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होगी जिसमें रेपो रेट पर फैसला लिया जाएगा।

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