अर्थतंत्र

बजट 2020: LIC ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बेचने का किया ऐलान, जानें इसके पीछे की वजह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए एलआईसी को लेकर बड़ी घोषणा कर दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एलआईसी का आईपीओ लाएगी और आईपीओ के जरिए एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी को सरकार बेचेगी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट को पेश किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को बुरे दौर से निकालने के लिए निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा। सरकार एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा कि सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी शेयर पूंजी का हिस्सा बेचने का प्रस्ताव करती है।

Published: 01 Feb 2020, 1:20 PM IST

पिछले कुछ समय में बैंकों के दिवालिया होने से लोगों का पैसा डूबने का खतरा बढ़ गया है। इसी को देखते हुए बजट 2020 में इस पर बड़ा ऐलान किया गया है। अब आपकी बैंक में 5 लाख रुपये तक जमा सुरक्षित रहेगी। यानी बैंक के डूबने पर आपके 5 लाख रुपये तक सुरक्षित रहेंगे। अभी यह सीमा 1 लाख रुपये की थी, जिसे बढ़ा कर 5 लाख किया गया है। बता दें कि बजट से पहले इसकी मांग भी उठी थी।

Published: 01 Feb 2020, 1:20 PM IST

गौरतलब है कि सरकार की स्वामित्व वाली बीमा कंपनी एलआईसी भी बुरे दौर से गुजर रही है। एलआईसी पर नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (एनपीए) का बोझ ज्यादा है। आलम यह है कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कंपनी का एनपीए दोगुना हो गया है। बीतै दिनों एलआईसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 30 सितंबर, 2019 तक कुल 30,000 करोड़ रुपये का सकल एनपीए है। रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2019 में एलआईसी का सकल एनपीए 6.10 प्रतिशत रहा जो पिछले पांच वर्षों में लगभग दोगुना हो गया है। इससे पहले एलआईसी ने हमेशा 1.5 से 2 प्रतिशत के बीच ही सकल एनपीए बनाए रखा था।

Published: 01 Feb 2020, 1:20 PM IST

इतना ही नहीं कर्ज के बोझ में दबी एलआईसी से कई बड़ी कंपनियों ने पैसा ले चुकी है, लेकिन उसे वापस नहीं किया। जिसका नतीजा यह हुआ है कि कंपनी का एनपीए पांच साल में दोगुना हो गया। बकाएदार कंपनियों में डेक्कन क्रॉनिकल, एस्सार पोर्ट, गैमन, आईएल एंड एफएस, भूषण पावर, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज, आलोक इंडस्ट्रीज, एमट्रैक ऑटो, एबीजी शिपयार्ड, यूनिटेक, जीवीके पावर और जीटीएल आदि शामिल हैं। एलआईसी इन कंपनियों में टर्म लोन और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिए निवेश के जरिए निवेश करती थी। एलआईसी के पास कुल 36 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति है और कई बड़ी प्राइवेट कंपनियों में उसकी हिस्सेदारी है।

Published: 01 Feb 2020, 1:20 PM IST

हमेशा मुनाफे में रहने वाली इस कंपनी का अब इन पैसों के मिलने की उम्मीद बहुत ही कम रह गई है। एलआईसी ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया था कि इन डिफॉल्ट मामलों में से कई में उसे बहुत कुछ मिलने की उम्मीद नहीं रही है। बैड लोन का अधिकांश हिस्सा परंपरागत बिजनेस से जुड़ा है। एलआईसी की बुक के मुताबिक 25,000 करोड़ रुपये का बैड लोन इन्हीं कंपनियों पर है।

Published: 01 Feb 2020, 1:20 PM IST

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Published: 01 Feb 2020, 1:20 PM IST