अर्थतंत्र

अर्थजगतः तेजी पर ब्रेक, सेंसेक्स 793 अंक लुढ़का और रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची सोने की कीमत

अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती में देरी से भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को लगभग 800 अंक गिर गया। सेंसेक्स 793 अंक और निफ्टी 234 अंक की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से सोने की कीमत अब तक के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची।

तेजी पर ब्रेक, सेंसेक्स 793 अंक लुढ़का और रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची सोने की कीमत
तेजी पर ब्रेक, सेंसेक्स 793 अंक लुढ़का और रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची सोने की कीमत फोटोः IANS

तेजी पर लगा ब्रेक, सेंसेक्स 793 अंक लुढ़का

बड़े शेयरों में भारी बिकवाली के बीच बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को लगभग 800 अंक गिर गया। सेंसेक्स 793 अंक या 1.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74,244.90 पर और निफ्टी 234 अंक या 1.03 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 22,519.40 पर बंद हुआ। लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए और 60 प्रतिशत शेयरों में गिरावट देखी गई। सबसे ज्यादा जिन शेयरों में गिरावट आई उनमें सन फार्मा 4 फीसदी और मारुति 3 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर रहे।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका में दर में कटौती में देरी, मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण तेल की कीमतें बढ़ने और चौथी तिमाही के कमजोर आय अनुमान की चिंताओं के बीच भारतीय बाजार में मंदी आई। निवेशक इस साल यूएस फेड की तीन दरों में कटौती की व्यवहार्यता पर सवाल उठा रहे हैं, जिससे उभरते बाजारों में प्रदर्शन खराब हो रहा है। नायर ने कहा कि इस बीच, यूरोपीय बाजारों ने अच्छा प्रदर्शन किया। ईसीबी ने नीतिगत दरें बरकरार रखीं लेकिन जल्द ही दर में कटौती का संकेत दिया। एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे ने कहा कि निफ्टी नीचे फिसला, आने वाले दिनों में बाजार का सेंटीमेंट नकारात्मक लग रहा है। हालांकि, इसका समर्थन 22,500 पर देखा गया है।

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची सोने की कीमत

सोने की कीमत अब तक के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी को देखते हुए भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को पांच जून की डिलीवरी के लिए सोने का वायदा भाव बढ़कर 72,423 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2,395.29 डॉलर प्रति औंस है। एमसीएक्स पर सोने के वायदा भाव में 779 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हुई, जो पिछले कारोबारी सत्र के बंद भाव 71,644 रुपये से 1.09 फीसद अधिक है।

देश भर के प्रमुख शहरों में खुदरा सोने की कीमतों में कुछ बदलाव आया है। दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 72,380 रुपये , जबकि मुंबई में 72,230 रुपये प्रति 10 ग्राम है। चेन्नई में सबसे ज्यादा 73,370 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि बेंगलुरु और कोलकाता में यह लगभग 72,230 रुपये है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि जारी है। मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दुनिया के प्रमुख देश इस पीली धातु की बड़ेे पैमाने पर खरीदारी कर रहे हैं। इसे एक सुरक्षित निवेश माना जा रहा है।

इस साल सोने की कीमतों में लगभग 15 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को अमेरिकी सोना वायदा में इसकी कीमत 1.2 फीसद बढ़कर 2,401.80 डॉलर हो गई। चीन के बाद भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतों के बढ़ने का सीधा असर घरेलू कीमतों पर पड़ता है।

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विदेशी मुद्रा भंडार 648 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर

सोने के भंडार में तेज बढ़ोतरी के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह बढ़कर 648 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है, जो अब तक का उच्चतम स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.98 अरब डॉलर बढ़कर 648.562 अरब डॉलर हो गया। इस बढ़ोतरी में स्वर्ण भंडार का योगदान सबसे ज्यादा रहा, जो 2.398 अरब डॉलर बढ़कर 54.558 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह बताया था कि केंद्रीय बैंक सोना खरीद रहा है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम बढ़ने से भी स्वर्ण भंडार मजबूत हुआ है। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 54.9 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 571.166 अरब डॉलर पर पहुंच गईं। सात सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 32.465 अरब डॉलर बढ़ चुका है। इससे पहले 29 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह 2.951 अरब डॉलर बढ़कर 645.583 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था। इसने 22 मार्च तथा 15 मार्च को समाप्त सप्ताहों में भी रिकॉर्ड बनाया था और क्रमशः 642.631 अरब डॉलर तथा 642.492 अरब डॉलर रहा था।

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मार्च में खुदरा महंगाई दर दस महीने के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर रही

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर मार्च में घटकर दस महीने के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर 8.27 फीसदी (फरवरी में 8.66 प्रतिशत) के ऊंचे स्तर पर रहने से आम लोगों को ज्यादा राहत नहीं मिली है। इससे पहले फरवरी में खुदरा महंगाई 5.09 प्रतिशत और जनवरी में 5.1 प्रतिशत थी। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य तेलों के दाम में गिरावट का रुख मार्च में भी जारी रहा और मार्च 2023 के मुकाबले इसमें 11.72 प्रतिशत की नरमी रही। लेकिन, सब्जियों के दाम 28.34 प्रतिशत बढ़ने से आम गृहणियों का बजट गड़बड़ा गया। दालों के दाम 17.71 प्रतिशत बढ़े। मसालों की महंगाई दर 11.4 फीसदी रही।

मार्च में अनाज 8.37 प्रतिशत, अंडे 10.33 प्रतिशत, मांस-मछली 6.36 फीसदी महंगी हुई। दूध के दाम भी 3.38 फीसदी बढ़े। खुदरा महंगाई में नरमी की मुख्य वजह ईंधन एवं बिजली के दाम मार्च 2023 के मुकाबले 3.24 प्रतिशत कम होना रहा। केंद्र सरकार ने आम चुनाव से पहले एलपीजी और पेट्रोल की कीमतों में कटौती की थी। खुदरा महंगाई अभी भी आरबीआई के मध्यावधि लक्ष्य चार प्रतिशत से ऊपर है और यही मुख्य कारण है कि केंद्रीय बैंक ने विकास को गति देने के लिए ब्याज दरों में कटौती नहीं की है। आरबीआई स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना चाहता है और उसने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षाओं में लगातार सात बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। आरबीआई ने 5 अप्रैल को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि उसे उम्मीद है कि इस साल सामान्य मानसून को देखते हुए 2024-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ जाएगी।

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मस्क का आरोप- विज्ञापन के बारे में झूठ बोलता है मेटा

टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने शुक्रवार को कहा कि मार्क जुकरबर्ग के नेतृत्व वाला मेटा विज्ञापन के बारे में झूठ बोलता है, जबकि उनका एक्स प्लेटफॉर्म फेसबुक के मालिक की तुलना में बेहतर रिटर्न देता है। जब एक फालोआर ने पोस्ट किया कि एक्स ने अब तक मेटा की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है, और मेटा उनके विज्ञापन मेट्रिक्स के बारे में झूठ बोलता है, तो टेस्ला और स्पेसएक्स सीईओ ने कहा, "सच है।" टेक अरबपति ने कहा, "हमारी विज्ञापन प्रासंगिकता में काफी सुधार हुआ है।"

एक अन्य एक्स यूजर ने कहा कि मेटा पर विज्ञापन लागत में वृद्धि और आरओएएस (विज्ञापन व्यय पर रिटर्न) में कमी की प्रवृत्ति जारी है और ऐसा लगता है कि स्थिति और "बदतर" हो रही है। उसने कहा, “विज्ञापन प्रासंगिकता और मेटा तक पहुंच पर विज्ञापनदाताओं का कोई नियंत्रण नहीं है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अब हम एक्स पर इतने सारे नए विज्ञापनदाताओं को शामिल कर रहे हैं।'' जवाब में, मस्क ने लिखा, "एक्स पर विज्ञापन दें।"

इस साल फरवरी में, मस्क द्वारा संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने विज्ञापनदाताओं को 'क्रिएटर टारगेटिंग' कार्यक्रम के माध्यम से प्लेटफॉर्म पर कुछ सामग्री निर्माताओं के बगल में विज्ञापन चलाने की अनुमति दी। विज्ञापनदाताओं को अपने विज्ञापनों को विवादास्पद या आपत्तिजनक सामग्री के बगल में प्रदर्शित होने से रोकने की अनुमति भी है। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में, एक्स सीईओ लिंडा याकारिनो ने स्वीकार किया था कि मस्क द्वारा यहूदी विरोधी सामग्री को समर्थन दिए जानेे से नाराज होकर कुछ विज्ञापनदाताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म छोड़ दिया था।

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