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अर्थतंत्र की खबरें: बाजार में आज निवेशकों की 3.44 लाख करोड़ साफ और इन गाड़ियों की बिक्री हुई धड़ाम

सेंसेक्स के 1,390 अंक लुढ़क जाने से निवेशकों की संपत्ति में करीब 3.44 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ गई।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

नए वित्त वर्ष के पहले दिन ही मंगलवार को सेंसेक्स के 1,390 अंक लुढ़क जाने से निवेशकों की संपत्ति में करीब 3.44 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ गई।

बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,390.41 अंक यानी 1.80 प्रतिशत टूटकर 76,024.51 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,502.74 अंक गिरकर 75,912.18 पर आ गया था।

इस तगड़ी गिरावट के बीच सेंसेक्स में शामिल 30 में से 28 कंपनियां नुकसान में रहीं।

मझोली कंपनियों से जुड़ा बीएसई मिडकैप 1.04 प्रतिशत टूटा जबकि छोटी कंपनियों से संबंधित स्मॉलकैप मामूली 0.07 प्रतिशत चढ़ा।

इस चौतरफा गिरावट का असर यह हुआ कि बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन 3,44,058.44 करोड़ रुपये घटकर 4,09,43,588.06 करोड़ रुपये (4.78 लाख करोड़ डॉलर) रह गया।

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ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री मार्च में सालाना आधार पर 56 प्रतिशत गिरी

ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री में मार्च 2025 में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बीते महीने कंपनी के कुल 23,430 वाहनों का पंजीकरण हुआ है, जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 56 प्रतिशत कम है।

कंपनी ने इस गिरावट का कारण फरवरी में शुरू हुए इन-हाउस वाहन पंजीकरण के कारण उत्पन्न चुनौतियों को बताया है।

हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक ने दावा किया कि शहरी और ग्रामीण दोनों बाजारों में मांग मजबूत बनी हुई है, लेकिन फरवरी में थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और शिमनीत इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ फिर से बातचीत के कारण पंजीकरण में देरी हुई है, जिससे वाहन पोर्टल पर पंजीकरण के आंकड़े प्रभावित हुए हैं।

कंपनी ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि उसने ने फरवरी के बैकलॉग को खत्म करना शुरू कर दिया है और फरवरी और मार्च में बिक्री हुए वाहनों का पंजीकरण अप्रैल तक पूरा हो जाएगा।

कंपनी ने यह भी आश्वासन दिया कि वह अपने पंजीकरण कार्यों में तेजी ला रही है और प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए बाहरी पक्षों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रही है।

कंपनी ने इस महीने के दौरान अपने जनरेशन 3 पोर्टफोलियो की डिलीवरी भी शुरू की है, जिसे ग्राहकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।

ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि उसने अपने नए मॉडलों का उत्पादन बढ़ा दिया है और डिलीवरी की गति बढ़ाने और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए अप्रैल में भी उत्पादन बढ़ाना जारी रखेगी।

मार्च में बजाज ऑटो का प्रदर्शन शानदार रहा। बीते महीने कंपनी ने 34,863 यूनिट्स की बिक्री की, जो कि सालाना आधार पर 93 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।

कंपनी को गुड़ी पड़वा त्यौहार से लाभ मिला, जो इस वर्ष अप्रैल के बजाय मार्च में मनाया गया, जिससे ग्राहकों की खरीदारी बढ़ी।

टीवीएस मोटर के इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 30,454 यूनिट्स हो गई है।

हीरो मोटोकॉर्प और ग्रीव्स इलेक्ट्रिक की बिक्री में मासिक आधार पर मजबूत वृद्धि हुई है। हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री में फरवरी के मुकाबले 196 प्रतिशत का उछाल देखा गया है और मार्च में कंपनी ने 7,977 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की है। वहीं, एम्पीयर ब्रांड के तहत दोपहिया वाहन बेचने वाली ग्रीव्स इलेक्ट्रिक ने महीने आधार पर 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो काफी हद तक इसके नए लॉन्च किए गए मैग्नस स्कूटर की सफलता के कारण है।

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मार्च में 2 प्रतिशत घटी हुंडई मोटर की बिक्री, किआ ने 2.2 प्रतिशत की दर्ज की वृद्धि

सोल, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। हुंडई मोटर ने मंगलवार को जानकारी दी कि विदेशी बाजारों में बिक्री में गिरावट के कारण मार्च में कंपनी की मासिक बिक्री में पिछले साल की तुलना में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है।

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मार्च में ऑटोमेकर ने 3,65,812 वाहन बेचे, जो पिछले साल इसी महीने में बेची गई 3,73,290 यूनिट से कम है।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की घरेलू बिक्री में पिछले साल की तुलना में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 63,090 यूनिट हो गई, लेकिन विदेशी बिक्री में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 3,02,722 यूनिट रह गई।

घरेलू बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल अवंते रहा, जिसकी 6,829 यूनिट बिकीं, उसके बाद ग्रैंड्योर सेडान रहा, जिसकी 6,211 यूनिट बिकीं। सैंटे फे घरेलू बाजार में सबसे ज्यादा लोकप्रिय स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) रहा, जिसकी 5,591 यूनिट बिकीं।

हुंडई मोटर के एक अधिकारी ने कहा, "हम स्थानीय मांग और नीतियों के अनुरूप अपनी बिक्री और उत्पादन प्रणाली को मजबूत करेंगे, ताकि क्षेत्रीय बाजार में होने वाले बदलावों के प्रति लचीले ढंग से प्रतिक्रिया दी जा सके।"

इस बीच, किआ ने कहा कि मार्च में उसकी मासिक बिक्री एक साल पहले की तुलना में 2.2 प्रतिशत बढ़ी है। कंपनी ने बताया कि इसका कारण घरेलू और विदेशी दोनों जगहों पर मांग का बढ़ना था।

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि किआ ने पिछले महीने 2,78,058 वाहन बेचे, जो पिछले साल इसी महीने में बेची गई 2,72,011 यूनिट से अधिक है।

घरेलू बिक्री में सालाना आधार पर 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 50,006 यूनिट हो गई, जबकि विदेशी बिक्री में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 227,724 यूनिट हो गई।

वाहन मॉडल के अनुसार, स्पोर्टेज स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) विदेशी बाजारों में सबसे अधिक बिकने वाला मॉडल रहा, जिसकी 42,579 यूनिट बिकी। इसके बाद सोरेंटो और के3 का स्थान रहा, जिनकी क्रमशः 20,439 यूनिट और 18,200 यूनिट बिकीं। घरेलू बाजार में सोरेंटो सबसे लोकप्रिय मॉडल रहा, जिसकी 10,155 इकाइयां बिकीं।

किआ ने कहा कि कंपनी ने पहली तिमाही में अब तक की सबसे अधिक बिक्री हासिल की है, जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान कुल 772,351 वाहन बेचे गए, जो पिछले साल की समान अवधि से 1.6 प्रतिशत अधिक है।

किआ के एक अधिकारी ने कहा, "पिछले साल की दूसरी छमाही में लॉन्च किए गए ईवी3, स्पोर्टेज और सोरेंटो जैसे प्रमुख मॉडलों के हाइब्रिड मॉडल ने मजबूत बिक्री की और हमें पहली तिमाही में अब तक का सबसे अधिक प्रदर्शन हासिल करने में मदद की।"

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सोना वायदा कीमतें 91,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर

मजबूत हाजिर मांग में तेजी के बीच सटोरियों के ताजा सौदे करने से मंगलवार को वायदा कारोबार में सोने का भाव अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 91,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में सोने के जून में आपूर्ति वाले अनुंबध की कीमत 91,400 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। हालांकि बाद में थोड़ी गिरावट के साथ 91,174 रुपये प्रति 10 ग्राम आ गई। इसमें 19,166 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

विश्लेषकों ने कहा कि पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच सोना नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोने का वायदा भाव भी 0.38 प्रतिशत की तेजी के साथ रिकॉर्ड 3,135.44 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।

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दो हजार रुपये के 98.21 प्रतिशत नोट लौटे: रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि 2000 रुपये के 98.21 प्रतिशत नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं और केवल 6,366 करोड़ रुपये मूल्य के ऐसे नोट अब भी जनता के पास हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई, 2023 को 2000 रुपये मूल्य के बैंक नोटों को प्रचलन से वापस लेने की घोषणा की थी।

आरबीआई ने कहा कि प्रचलन में 2000 रुपये के बैंक नोटों का कुल मूल्य 19 मई, 2023 को कारोबार बंद होने पर 3.56 लाख करोड़ रुपये था। अब 31 मार्च, 2025 को कारोबार बंद होने पर इनका कुल मूल्य घटकर 6,366 करोड़ रुपये रह जाएगा।

आरबीआई ने बयान में कहा, “इस प्रकार, 19 मई, 2023 तक प्रचलन में रहे 2000 रुपये के बैंक नोटों में से 98.21 प्रतिशत वापस आ चुके हैं।”

दो हजार रुपये के बैंक नोट जमा करने और/या बदलने की सुविधा सात अक्टूबर, 2023 तक सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी। हालांकि, यह सुविधा अब भी रिजर्व बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में उपलब्ध है।

नौ अक्टूबर, 2023 से आरबीआई के निर्गम कार्यालय भी व्यक्तियों और संस्थाओं से उनके बैंक खातों में जमा करने के लिए 2000 रुपये के बैंक नोट स्वीकार कर रहे हैं।

इसके अलावा, आम लोग देश के किसी भी डाकघर से भारतीय डाक के माध्यम से 2000 रुपये के नोट को अपने बैंक खाते में जमा कराने के लिए आरबीआई के किसी भी कार्यालय में भेज सकते हैं। दो हजार रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।

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