विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने और नीतिगत ब्याज दर पर रिजर्व बैंक के फैसले से पहले निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने से मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार लगातार आठवें दिन भी गिरकर बंद हुए। सेंसेक्स में 97 अंक और निफ्टी में 24 अंक की गिरावट रही।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती बढ़त गंवाकर 97.32 अंक यानी 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,267.62 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसने 80,677.82 के ऊपरी और 80,201.15 के निचले स्तर को भी छुआ।
यह लगातार आठवां कारोबारी सत्र रहा जिसमें सेंसेक्स नुकसान के साथ बंद हुआ। इन आठ दिनों में सेंसेक्स कुल 2,746.34 अंक यानी 3.30 प्रतिशत टूट चुका है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी भी 23.80 अंक यानी 0.10 प्रतिशत गिरकर 24,611.10 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच मौद्रिक समीक्षा के फैसले से पहले घरेलू बाजार में सतर्क धारणा हावी रही। इसके अलावा वायदा अनुबंधों की मासिक समाप्ति का दिन भी होने से कारोबार सीमित रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक इस समय चल रही है। इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी बुधवार को दी जाएगी।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से आईटीसी, भारती एयरटेल, ट्रेंट, बजाज फिनसर्व, टाइटन और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि, अल्ट्राटेक सीमेंट, अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में तेजी दर्ज की गई।
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वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच विदेशी पूंजी की सतत निकासी के दबाव में रुपया मंगलवार को चार पैसे टूटकर 88.79 (अस्थायी) प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने हालांकि कहा कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट और डॉलर के कमजोर रुख से स्थानीय मुद्रा में भारी गिरावट टल गई।
उन्होंने साथ ही बताया कि निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति के फैसले से पहले सतर्क हैं जिसकी घोषणा बुधवार को की जाएगी।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 88.73 पर खुला। कारोबार के दौरान 88.69 से 88.80 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने के बाद अंत में 88.79 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव के मुकाबले चार पैसे की गिरावट है।
रुपया सोमवार को एक सीमित दायरे में स्थिर रहा और तीन पैसे की गिरावट के साथ 88.75 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के डॉलर खरीदने के लगातार दबाव के कारण रुपया कमजोर हुआ है...। अगस्त से अमेरिकी शुल्क लागू होने के बाद से व्यापार में आई गिरावट के कारण एफपीआई की बिकवाली के कारण रुपया कमजोर बना हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि बुधवार को इसके 88.50 से 89.00 प्रति डॉलर के बीच रहने का अनुमान है।
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लॉजिस्टिक्स कंपनी ब्लू डार्ट ने मंगलवार को सामान्य मूल्य वृद्धि (जीपीआई) लागू करने की घोषणा की, जो कि 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी। कंपनी का कहना है कि औसतन शिपमेंट मूल्य में 9 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाएगी। यह वृद्धि उत्पाद की विविधताओं और ग्राहक शिपिंग प्रोफाइल पर निर्भर करेगी।
कंपनी का कहना है कि नए ग्राहकों को सहयोग देने और व्यवसाय की वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 के बीच साइन अप करने वाले ग्राहकों पर इस जीपीआई का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्मॉल बिजनेस लोन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नए दिशा-निर्देशों के साथ बैंकों को लोन की अवधि के दौरान अतिरिक्त ब्याज को एडजस्ट करने में अधिक लेंडिंग फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।
आरबीआई ने कच्चे माल के रूप में सोने का इस्तेमाल करने वाले बिजनेस के लिए लोन की पाबंदियों में ढील दी है।
बयान में कहा गया, "बैंकों को आम तौर पर किसी भी रूप में सोना या चांदी खरीदने या सोने या चांदी को गिरवी रखकर लोन देने से मनाही है। हालांकि, शेड्यूल कमर्शियल बैंक (एससीबी) को ज्वेलर्स को वर्किंग कैपिटल लोन देने की अनुमति दी गई है।"
बिजनेस लोन को लेकर बैंक पहले उधार लेने वाले के क्रेडिट रिस्क से जुड़े स्प्रेड को हर तीन वर्ष में एक बार बदल सकते थे।
नए नियम के तहत, बैंक अब तीन साल की अवधि से पहले भी उधार लेने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए दूसरे स्प्रेड कंपोनेंट्स को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, उधार लेने वालों के पास रीसेट के समय अब फिक्स्ड-रेट लोन में बदलने का विकल्प होगा।
नए नियमों के साथ बैंक सोने का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में करने वाले किसी भी बिजनेस को वर्किंग कैपिटल लोन दे सकते हैं। इससे क्रेडिट की पहुंच ज्वेलरी सेक्टर से आगे बढ़ेगी, जबकि पहले सोने और चांदी की खरीद के लिए फाइनेंसिंग में कुछ ही अपवाद थे।
आरबीआई ने उधार देने वाले बैंकों के लिए सात दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें तीन अनिवार्य और चार ओपन फॉर कंसल्टेशन हैं। केंद्रीय बैंक ने इन उपायों पर 20 अक्टूबर तक फीडबैक मांगा है।
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सोने की कीमतें मंगलवार को एक बार फिर से रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है और यह बीते 14 वर्षों में सबसे अधिक मासिक रिटर्न देने को तैयार है। इसकी वजह अमेरिकी सरकार के शटडाउन की संभावना और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में एक और कटौती की उम्मीद है।
सितंबर में सोने की कीमतों में 11.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह अगस्त 2011 के बाद सोने का सबसे अच्छा प्रदर्शन है, जब सोने ने 15 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया था। बीते एक साल में सोना 40 प्रतिशत और चांदी 50 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न निवशकों को दे चुकी है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सुबह 11:50 पर सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1.11 प्रतिशत बढ़कर 1,17,632 रुपए पर पहुंच गई।
सोने के साथ चांदी की कीमत भी ऑल-टाइम हाई पर चल रही है। एमसीएक्स पर चांदी के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.74 प्रतिशत बढ़कर 1,44,165 रुपए हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। खबर लिखे जाने तक कॉमैक्स पर सोना 1 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,896 प्रति औंस और चांदी की कीमत 0.66 प्रतिशत बढ़कर 47.32 प्रति औंस पर थी।
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