अर्थतंत्र

अर्थजगतः देश का पहला ऑल-इन-वन पेमेंट डिवाइस लॉन्च हुआ और सोना टूटकर 72,200 रुपये पर पहुंचा, चांदी भी लुढ़की

फिनटेक कंपनी भारतपे ने मंगलवार को देश का पहला ऑल-इन-वन पेमेंट डिवाइस लॉन्च किया, जिसमें पीओएस, क्यूआर और स्पीकर को शामिल किया गया है। मंगलवार को सोना 1,450 रुपये गिरावट के साथ 72,200 रुपये पर पहुंच गया। चांदी की कीमत में भी 2,300 रुपये की गिरावट आई।

देश का पहला ऑल-इन-वन पेमेंट डिवाइस लॉन्च हुआ
देश का पहला ऑल-इन-वन पेमेंट डिवाइस लॉन्च हुआ फोटोः सोशल मीडिया

देश का पहला ऑल-इन-वन पेमेंट डिवाइस हुआ लॉन्च

फिनटेक कंपनी भारतपे ने मंगलवार को भारत का पहला ऑल-इन-वन पेमेंट प्रोडक्ट लॉन्च किया। इसमें पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल), क्यूआर और स्पीकर को एक ही डिवाइस में शामिल किया गया है। भारतपे वन नामक यह प्रोडक्ट व्यापारियों के लिए लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो गतिशील और स्थिर क्यूआर कोड, टैप-एंड-पे और ट्रेडिशनल कार्ड पेमेंट ऑप्शन समेत वर्सटाइल (अस्थायी) पेमेंट स्वीकृति ऑप्शन देता है।

कंपनी की योजना पहले चरण में 100 से अधिक शहरों में प्रोडक्ट लॉन्च करने और अगले छह महीनों में इसे 450 से अधिक शहरों में विस्तारित करने की है। भारतपे के सीईओ नलिन नेगी ने कहा, "कई तरह के काम को एक डिवाइस में जोड़कर हम विभिन्न सेक्टरों में छोटे और मध्यम व्यवसायों की विभिन्न जरूरतों के अनुरूप एक व्यापक समाधान प्रदान कर रहे हैं। कंपनी के अनुसार, यह डिवाइस व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए एक सहज और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करती है।

कंपनी का कहना है कि यह हाई-डेफिनिशन टचस्क्रीन डिस्प्ले, 4जी और वाई-फाई कनेक्टिविटी से लैस है और लेटेस्ट एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा संचालित है। यह बेहतर प्रदर्शन और सुरक्षा देती है। भारतपे में पीओएस सॉल्यूशंस के मुख्य व्यवसाय अधिकारी रिजीश राघवन ने कहा, "परीक्षण के चरण में हमें अपने व्यापारियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। हमारा मानना है कि यह डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के लिए एक और गेम चेंजर होगा, जिससे फिनटेक उद्योग में अग्रणी के रूप में हमारी स्थिति और मजबूत होगी।"

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सोना 1,450 रुपये टूटकर 72,200 रुपये पर, चांदी 2,300 रुपये लुढ़की

कमजोर वैश्विक रुख और व्यापारियों की मुनाफावसूली से सोने में लगातार दूसरे दिन भी गिरावट देखी गई। राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना 1,450 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट के साथ 72,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। चांदी की कीमत में भी 2,300 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा कि दिल्ली में सोना 1,450 रुपये की गिरावट के साथ 72,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 73,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

इसी तरह, चांदी की कीमत भी 2,300 रुपये लुढ़ककर 83,500 रुपये प्रति किलोग्राम रही। इसका पिछला बंद भाव 85,800 रुपये प्रति किलोग्राम था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली के बाजार में सोने की हाजिर कीमत (24 कैरेट) 72,200 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। यह पिछले बंद भाव से 1,450 रुपये कम है।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स (जिंस बाजार) में हाजिर सोना 2,310 डॉलर प्रति औंस पर रहा जो पिछले बंद भाव से 55 डॉलर नीचे है।

पश्चिम एशिया में तनाव कम होने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर लंबे समय तक ऊंची बनाए रखने के संकेतों के बीच मांग में कमी आने से मंगलवार को सोने की कीमतों में और गिरावट आई। गांधी ने कहा कि कारोबारियों ने भी अपने निवेश को सुरक्षित माने जानी वाली संपत्ति से जोखिम वाली संपत्तियों में स्थानांतरित कर दिया है। इससे हाल की तेजी के बाद कीमती धातुओं में मुनाफावसूली हुई है। चांदी भी गिरावट के साथ 26.80 डॉलर प्रति औंस पर रही। पिछले सत्र में यह 27.95 डॉलर प्रति औंस पर थी।।

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देश में आर्थिक गतिविधियां 14 साल में अप्रैल में सबसे अधिक तेजः एचएसबीसी सर्वेक्षण

मंगलवार को जारी एचएसबीसी सर्वेक्षण के अनुसार, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के अच्छा प्रदर्शन के कारण इस महीने भारत की आर्थिक गतिविधि 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। भारत के लिए एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी समग्र क्रय प्रबंधक सूचकांक मार्च के 61.8 के मुकाबले अप्रैल में बढ़कर 62.2 हो गया। सूचकांक पर 50 का अंक अर्थव्यवस्था में विस्तार और संकुचन के बीच की विभाजन रेखा को दर्शाता है।

एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "नए ऑर्डरों में बढ़ोतरी के कारण विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने के परिणामस्वरूप जून 2010 के बाद से समग्र उत्पादन सूचकांक सबसे अधिक रहा।" नए व्यवसायों की वृद्धि में तेजी के कारण मार्च में सूचकांक 61.2 से बढ़कर 61.7 हो गया, साथ ही सेवा गतिविधि में भी विस्तार हुआ।

उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ माल के नए ऑर्डरों के कारण विनिर्माण पीएमआई मार्च में मजबूत वृद्धि के साथ अप्रैल में 59.1 पर जारी रहा। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में वृद्धि से नौकरियों में वृद्धि हुई। खासकर विनिर्माण क्षेत्र में, जहां रोजगार डेढ़ साल में सबसे तेज गति से बढ़ रहा है। हालांकि, सर्वेक्षण के अनुसार, सेवाओं में रोजगार सृजन मार्च की तुलना में थोड़ा धीमा था। कुल मिलाकर अंतरराष्ट्रीय मांग ठोस थी और समग्र उप-सूचकांक सितंबर 2014 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। मजबूत बिक्री से अगले 12 महीनों के लिए कारोबारी परिदृश्य में भी सुधार हुआ है।

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विज्ञापन के लिए आपका पर्सनल डेटा शेयर करते हैं ज्यादातर डेटिंग ऐप्स

मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ज्यादातर डेटिंग ऐप्स (80 प्रतिशत) विज्ञापन के लिए आपका निजी डेटा शेयर कर सकते हैं या बेच सकते हैं। फायरफॉक्स इंटरनेट ब्राउजर के डेवलपर मोजिला ने 25 ऐप्स की जांच की और उनमें से 22 को 'गोपनीयता शामिल नहीं' (प्राइवेसी नॉट इंक्लूडेड) के रूप में लेबल किया, जो इनकी भाषा में सबसे कम रेटिंग है।शोधकर्ता ने समलैंगिक स्वामित्व वाली और संचालित लेक्स को पॉजिटिव फीडबैक दिया, जबकि हार्मनी और हैप्पन को ठीक ठाक रेटिंग मिली।

शोधकर्ता मिशा रायकोव ने कहा, "डेटिंग ऐप्स का दावा है कि आप जितना ज्यादा पर्सनल डेटा शेयर करेंगे, आपको पार्टनर मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। हमारे पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि क्या यह सच है। हम जो जानते हैं वह यह है कि ज्यादातर डेटिंग ऐप्स उस जानकारी को सुरक्षित रखने में विफल होते हैं।"

रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 25 प्रतिशत ऐप्स आपके कंटेंट से मेटाडेटा इकट्ठा करते हैं, जो फाइलों में जानकारी उपलब्ध होती है कि फोटो (या वीडियो) कब, कहां और किस दिन लिया गया। इसके अलावा, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ज्यादातर डेटिंग ऐप्स, जैसे हिंज, टिंडर, ओकेक्यूपिड, मैच, प्लेंटी ऑफ फिश, बीएलके और ब्लैकपीपलमीट के पास अपने यूजर्स के सटीक जियो-लोकेशन डेटा तक एक्सेस है।

कुछ ऐप्स, जैसे हिंज, बैकग्राउंड में लोकेशन की जानकारी तब भी इकट्ठा करते हैं जब ऐप का इस्तेमाल एक्टिव रूप से न हो रहा हो। सभी डेटिंग ऐप्स के लिए, शोधकर्ताओं ने अपनी टॉप-3 प्राइवेसी टिप्स शेयर की- अपनी डेटिंग प्रोफाइल को अपने लिंक्डइन प्रोफाइल की तरह समझें, किसी थर्ड पार्टी अकाउंट से लॉग इन न करें, और जहां संभव हो ऐप परमिशन सीमित करें।

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देश की GDP विकास दर फिर 7 प्रतिशत से ऊपर पहुंचने की राह परः आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर का ग्राफ कोविड-19 के पहले के समय की तरह सात प्रतिशत से ऊपर जाने के आरंभिक संकेत मिल रहे हैं। केंद्रीय बैंक की आज जारी मासिक बुलेटिन में कहा गया है, "मजबूत निवेश मांग और उत्साहित व्यापार तथा उपभोक्ता भावनाओं के समर्थन से भारत की वास्तविक जीडीपी विकास दर में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति के विस्तार के लिए स्थितियां बन रही हैं।"

इसमें यह भी बताया गया है कि 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक विकास की गति बरकरार रही है और वैश्विक व्यापार का परिदृश्य सकारात्मक हो रहा है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों पर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सरकारी बॉन्डों पर ब्याज और मॉर्गेज दरें बढ़ रही हैं। वैश्विक व्यापार पर सकारात्मक दृष्टिकोण से भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलने और विकास में तेजी आने की उम्मीद है।

भारत के हालिया विकास प्रदर्शन ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है, जिससे पूर्वानुमान बढ़ाने की होड़ लग गई है। उदाहरण के लिए, आरबीआई बुलेटिन में बताया गया है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अप्रैल 2023 और जनवरी 2024 के बीच 2023 के लिए अपने पूर्वानुमान में कुल मिलाकर 0.80 प्रतिशत की वृद्धि की है।

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