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अर्थतंत्र की खबरें: थोक मुद्रास्फीति में अक्टूबर में 1.21 प्रतिशत की गिरावट और उतार-चढ़ाव भरा रहा आज का शेयर बाजार

थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में 5.22 प्रतिशत के मुकाबले अक्टूबर में 8.31 घटी। प्याज, आलू, सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट देखी गई।

फोटो: सोशल मीडिया
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दालों और सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में नरमी से थोक मुद्रास्फीति में अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गयी और यह 27 महीने के निचले स्तर शून्य से नीचे 1.21 प्रतिशत रही।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में 0.13 प्रतिशत और अक्टूबर 2024 में 2.75 प्रतिशत रही थी।

उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ अक्टूबर 2025 में मुद्रास्फीति में गिरावट की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, बिजली, खनिज तेलों और मूल धातुओं के विनिर्माण आदि की कीमतों में नरमी रही।’’

थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में 5.22 प्रतिशत के मुकाबले अक्टूबर में 8.31 घटी। प्याज, आलू, सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट देखी गई।

सब्जियों की महंगाई दर में अक्टूबर में 34.97 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि सितंबर में यह 24.41 प्रतिशत थी। दालों में अक्टूबर में 16.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि आलू और प्याज में यह क्रमशः 39.88 प्रतिशत और 65.43 प्रतिशत रही।

विनिर्मित उत्पादों के मामले में मुद्रास्फीति सितंबर के 2.33 प्रतिशत से घटकर 1.54 प्रतिशत हो गई। ईंधन और बिजली की कीमतें अक्टूबर में 2.55 प्रतिशत कम हुईं जबकि पिछले महीने इनमें 2.58 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक पारस जसराय ने कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2025-26 के बाकी समय में अनुकूल तुलनात्मक आधार से थोक मुद्रास्फीति में गिरावट का दौर जारी रहने की उम्मीद है। ऐसे में इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि नवंबर 2025 में थोक मुद्रास्फीति में गिरावट एक प्रतिशत से कम रहेगी।’’

माल और सेवा कर (जीएसटी) की दरों में 22 सितंबर से प्रभावी कटौती के बाद थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में अपेक्षा के अनुरूप गिरावट आई है।

कर दरों को युक्तिसंगत बनाने के तहत दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की गई जिसके तहत चार-स्तरीय कर ढांचे को घटाकर पांच और 18 प्रतिशत की दो श्रेणी में लाया गया।

कर कटौती से वस्तुओं की कीमतें कम हुईं तथा पिछले वर्ष की अनुकूल मुद्रास्फीति आधार के कारण थोक और खुदरा मुद्रास्फीति दोनों में कमी आई।

अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 0.25 प्रतिशत के सर्वकालिक निम्न स्तर पर रही जो जीएसटी दरों में कटौती और पिछले साल के उच्च आधार के कारण कम हुई। सितंबर में खुदरा या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 1.44 प्रतिशत थी। यह आंकड़े पिछले सप्ताह जारी किए गए थे।

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उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स, निफ्टी मामूली बढ़त के साथ बंद

स्थानीय शेयर बाजार शुक्रवार को शुरुआती गिरावट से उबरकर मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 84 अंक चढ़ा जबकि एनएसई निफ्टी में 31 अंक की तेजी रही।

निवेशकों ने निचले स्तर पर प्रमुख कंपनियों के शेयरों में खरीदारी की, जिससे बाजार बढ़त में रहा। कारोबार की शुरुआत में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 449.35 अंक यानी 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,029.32 पर खुला। एनएसई निफ्टी 138.35 अंक या 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,740.80 पर खुला।

हालांकि, दोनों प्रमुख सूचकांकों ने बाद में सुधार दर्ज किया और लगातार चौथे दिन बढ़त के साथ बंद हुए।

बीएसई सेंसेक्स 84.11 अंक यानी 0.10 प्रतिशत बढ़कर 84,562.78 पर और एनएसई निफ्टी 30.90 अंक यानी 0.12 प्रतिशत चढ़कर 25,910.05 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में इटर्नल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ट्रेंट, एक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, सन फार्मास्युटिकल्स, एशियन पेंट्स, अदाणी पोर्ट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, पावरग्रिड और बजाज फिनसर्व बढ़कर बंद हुए।

दूसरी ओर इन्फोसिस, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा, टाइटन, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति सुजुकी इंडिया और लार्सन एंड टुब्रो नुकसान में बंद हुए।

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रुपया तीन पैसे टूटकर 88.73 प्रति डॉलर पर बंद

रुपया शुक्रवार को तीन पैसे टूटकर 88.73 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने घरेलू मुद्रा पर दबाव बनाया।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि बिहार चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को मिले व्यापक जनादेश के बाद घरेलू शेयर बाजारों में तेजी से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिला।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.70 पर खुला। कारोबार के दौरान 88.75 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक पहुंचा। अंततः रुपया 88.73 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से तीन पैसे की गिरावट है। रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.70 पर बंद हुआ।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत की बढ़त के साथ 99.27 पर आ गया।

घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 84.11 अंक चढ़कर 84,562.78 अंक पर और निफ्टी 30.90 अंक की बढ़त के साथ 25,910.05 अंक पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.59 प्रतिशत की बढ़त के साथ 63.98 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।

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