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अर्थतंत्र की खबरें: दोपहिया वाहनों पर टोल लगने की रिपोर्ट का गडकरी ने किया खंडन और सस्ते में सोना खरीदने का मौका

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "कुछ मीडिया हाऊसेस द्वारा दोपहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की भ्रामक खबर फैलाई जा रही हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया  

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को दोपहिया वाहनों पर टोल लगने की रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "कुछ मीडिया हाऊसेस द्वारा दोपहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की भ्रामक खबर फैलाई जा रही हैं। ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं हैं। दोपहिया वाहन के टोल पर पूरी तरह से छूट जारी रहेगी। बिना सच्चाई जाने भ्रामक खबरें फैलाकर सनसनी निर्माण करना स्वस्थ पत्रकारिता के लक्षण नहीं है। मैं इसकी निंदा करता हूं।"

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी टोल पर दोपहिया वाहनों को भी टैक्स देना होगा और यह नियम 15 जुलाई से लागू होगा।

रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि टोल चुकाने के लिए दोपहिया वाहनों को भी गाड़ियों की तरह फास्टैग लेना होगा और जो वाहन इस नियम का उल्लंघन करेगा, उसे 2 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 18 जून को वार्षिक फास्टैग का ऐलान किया था। सरकार की ओर से यह घोषणा निजी वाहन चालकों पर टोल के बोझ को कम करने के लिए की गई है।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 15 अगस्त 2025 से 3,000 रुपए की कीमत वाला फास्टैग आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा रहा है। यह पास सक्रिय होने की तिथि से एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा।"

इस वार्षिक पास से निजी वाहन चालकों को बार-बार फास्टैग रिचार्ज से करने से छुटकारा मिल जाएगा और वे आसानी से बिना किसी रुकावट से यात्रा कर पाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने अनुसार, यह वार्षिक पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा। वार्षिक पास को रिन्यू करने लिए जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप और एनएचएआई / एमओआरटीएच की वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल और सुगम होगी।

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सस्ते में सोना खरीदने का मौका, चांदी का दाम भी 700 रुपए से अधिक गिरा

सोना और चांदी खरीदारों के लिए खुशखबरी है। दोनों कीमती धातुओं की कीमत में बुधवार को गिरावट देखने को मिली।

इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम 106 रुपए कम होकर 97,157 रुपए हो गया है, जो कि पहले 97,263 रुपए था।

22 कैरेट के सोने का दाम कम होकर 88,996 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 89,093 रुपए था। वहीं, 18 कैरेट के सोने की कीमत 72,947 रुपए प्रति 10 ग्राम से कम होकर 72,868 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है।

सोने के साथ चांदी की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली है। चांदी का दाम 767 रुपए कम होकर 1,05,200 रुपए प्रति किलो हो गया है, जो कि पहले 1,05,967 रुपए प्रति किलो था।

वायदा बाजार में सोने और चांदी में तेजी देखने को मिली है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 अगस्त 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.32 प्रतिशत बढ़कर 97,335 रुपए और चांदी के 4 जुलाई 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.06 प्रतिशत बढ़कर 1,04,979 रुपए थी।

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीते दो सत्रों से एक दायरे में कारोबार करने के कारण एमसीएक्स पर सोना 97,220 रुपए पर बंद हुआ। आने वाले समय में अमेरिका के जीडीपी डेटा और फेड के ब्याज दरों को लेकर आउटलुक से ही बाजार की दिशा तय होगी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने और चांदी दोनों में बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है। खबर लिखे जाने तक कॉमैक्स पर सोना करीब 0.23 प्रतिशत बढ़कर 3,341.50 डॉलर प्रति औंस और चांदी 0.05 प्रतिशत बढ़कर 35.75 डॉलर प्रति औंस पर थी।

1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 20,994 रुपए या 27.56 प्रतिशत बढ़कर 97,157 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 19,183 रुपए या 22.30 प्रतिशत बढ़कर 1,05,200 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।

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शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन उछाल, सेंसेक्स 1,000 अंक चढ़ा

भू-राजनीतिक तनाव कम होने और चुनिंदा बड़ी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से स्थानीय शेयर बाजार बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स में जहां 1,000 अंक का जोरदार उछाल आया, वहीं निफ्टी 304 अंक चढ़ गया।

विश्लेषकों के मुताबिक, पश्चिम एशिया में जारी तनाव शांत होने और घरेलू स्तर पर उपजे आशावाद ने निवेशकों की धारणा को मजबूती दी। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती के रुख से भी तेजी को समर्थन मिला।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,000.36 अंक यानी 1.21 प्रतिशत बढ़कर 83,755.87 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,056.58 अंक चढ़कर 83,812.09 अंक तक पहुंच गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी भी 304.25 अंक यानी 1.21 प्रतिशत बढ़कर 25,549 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, अदाणी पोर्ट्स, इटर्नल, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एक्सिस बैंक के शेयरों में प्रमुख रूप से तेजी रही।

इसके उलट ट्रेंट, भारतीय स्टेट बैंक, टेक महिंद्रा, मारुति और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में गिरावट का रुख देखने को मिला।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में युद्धविराम के बाद मानक सूचकांक ने निवेशकों के तगड़े भरोसे को दर्शाया। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली लगातार जारी है, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशक घरेलू खपत बढ़ने और नकदी की स्थिति सुधरने से शुद्ध खरीदार बने हुए हैं।’’

व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.56 प्रतिशत की तेजी रही जबकि स्मॉलकैप 0.12 प्रतिशत चढ़ गया।

क्षेत्रवार सूचकांकों में से धातु खंड में सर्वाधिक 2.28 प्रतिशत की तेजी रही जबकि तेल एवं गैस खंड में 1.88 प्रतिशत और ऊर्जा खंड में 1.68 प्रतिशत की बढ़त रही।

बीएसई पर सूचीबद्ध 2,097 शेयरों में तेजी रही जबकि 1,900 शेयर गिरकर बंद हुए और 156 अन्य के भाव अपरिवर्तित रहे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘मासिक वायदा अनुबंधों के निपटान के दिन बाजार एक प्रतिशत से अधिक चढ़ गए। सत्र की शुरुआत से ही सकारात्मक कारोबार हुआ जिसके पीछे बेहतर वैश्विक संकेतों की अहम भूमिका रही। चुनिंदा बड़ी कंपनियों में खरीदारी से बढ़त को मजबूती मिली।’’

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंग सेंग में गिरावट रही।

यूरोपीय बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.18 प्रतिशत बढ़कर 67.80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,427.74 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,372.96 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

बुधवार को सेंसेक्स 700.40 अंक उछलकर 82,755.51 अंक पर और निफ्टी 200.40 अंक चढ़कर 25,244.75 अंक पर रहा था।

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रुपया 41 पैसे की बढ़त के साथ 85.67 प्रति डॉलर पर

अमेरिकी डॉलर में भारी गिरावट और घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती के रुख बीच रुपया बृहस्पतिवार को 41 पैसे की बढ़त के साथ 85.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में जोखिम उठाने की क्षमता में वृद्धि से भी रुपये की धारणा को बल मिला।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.91 पर खुला। दिन में 85.63 से 85.93 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने के बाद अंत में यह 85.67 (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 41 पैसे की बढ़त दर्शाता है।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘ ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में जोखिम उठाने की क्षमता में वृद्धि के बीच हमारा अनुमान है कि रुपया अपनी बढ़त जारी रखेगा।’’

चौधरी ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और वैश्विक बाजार में बढ़त भी निचले स्तर पर रुपये को समर्थन दे सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ अमेरिकी डॉलर-भारतीय रुपये की जोड़ी के 85.30 से 86 के बीच कारोबार करने के आसार हैं। ’’

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 97.10 पर आ गया।

घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 1,000.36 अंक उछलकर 83,755.87 अंक पर और निफ्टी 304.25 अंक की बढ़त के साथ 25,549 अंक पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 67.85 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,427.74 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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रेपो दर में 0.50 प्रतिशत कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएं सभी बैंक : आरबीआई बुलेटिन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सभी बैंकों को नीतिगत दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक तेजी से पहुंचाते हुए कर्ज को सस्ता करना चाहिए।

केंद्रीय बैंक ने इसी महीने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया है।

रिजर्व बैंक के जून बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में इस बात पर जोर दिया गया है कि दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक प्रभावी तरीके से पहुंचाने के लिए वित्तीय स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।

अधिकांश बैंक फरवरी और अप्रैल में घोषित दरों में कटौती का लाभ अपने ग्राहकों तक पहले ही पहुंचा चुके हैं।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और एचडीएफसी बैंक सहित कई बड़े बैंक छह जून को आरबीआई द्वारा रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की भारी कटौती के कुछ ही दिन के भीतर अपनी मानक ऋण दर से जुड़ी ब्याज दर में इतनी ही कटौती कर चुके हैं।

इसी महीने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती के अलावा, आरबीआई ने वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान चरणबद्ध तरीके से नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में एक प्रतिशत की कटौती करके इसे शुद्ध मांग और सावधि देयताओं (एनडीटीएल) के तीन प्रतिशत तक लाने की घोषणा की थी।

रिजर्व बैंक के जून, 2025 के बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ विषय पर प्रकाशित लेख में कहा गया, “वित्तीय स्थितियां ब्याज दर में कटौती का लाभ ऋण बाजार तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए अनुकूल बनी हुई हैं।”

सीआरआर में कटौती से दिसंबर, 2025 तक बैंकिंग प्रणाली में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।

लेख में कहा गया, “टिकाऊ तरलता प्रदान करने के अलावा, यह बैंकों के लिए कोष की लागत को कम करेगा, जिससे ऋण बाजार में मौद्रिक नीति संचरण की सुविधा होगी।”

लेख में कहा गया है कि फरवरी-अप्रैल-2025 के दौरान नीतिगत रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती बैंकों की रेपो से संबद्ध बाहरी मानक आधारित कर्ज दरों (ईबीएलआर) और कोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में दिखती है।

हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

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