बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कहा कि कथित तौर पर उसके अधिकारी की तरफ से संचार भेजकर निवेशकों से सूचना और पैसे की मांग किए जाने पर निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का यह चेतावनी भरा बयान उसके संज्ञान में इस तरह का मामला आने के बाद आया है।
सेबी को पता चला है कि कुछ व्यक्तियों को भेजे गए संदेश में प्रेषक ने नियामक के लेटरहेड, लोगो और मुहर का उपयोग करके सेबी का अधिकारी होने का झूठा दावा किया।
कुछ मामलों में, प्रेषक ने सोशल मीडिया मंचों के जरिये नोटिस जारी कर कहा कि कार्रवाई से रोकने के लिए निवेशक को जुर्माना भरना होगा। प्रेषक ने यह दिखाने के लिए फर्जी बिक्री प्रमाण पत्र भी जारी किया कि पीएसीएल की संपत्ति खरीदी गई। इसके अलावा तीसरे पक्ष के विक्रेता खाते के उपयोग का नकली प्रमाण पत्र भी जारी किया गया।
बाजार नियामक ने इस तरह की धोखाधड़ी का जिक्र करते हुए जनता या निवेशकों को सलाह दी है कि वे सेबी के कथित संचार को नियामक की आधिकारिक वेबसाइट से सत्यापित कर लें।
इसके साथ ही निवेशकों को सेबी की ओर से सूचना या भुगतान की मांग करने वाले संचार/ प्रेषकों से निपटने के दौरान सतर्क रहने के लिए भी कहा गया है।
सेबी ने कहा कि उसके द्वारा पारित हरेक आदेश में एक विशिष्ट संदर्भ संख्या होती है। यह विशिष्ट संख्या सेबी के सभी आधिकारिक संचार, जैसे पत्र, नोटिस, कारण बताओ नोटिस और इसके द्वारा जारी किए गए समन में दर्ज होती है।
इसने कहा कि सेबी के सभी आदेश, आधिकारिक संचार और वसूली प्रमाण पत्र इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
इसके अलावा, सेबी ने दस्तावेज़ सत्यापन प्रणाली भी लागू की है जो दस्तावेजों की सत्यता की जांच करने की सुविधा देती है।
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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक बुधवार को शुरू हो गई। इसमें वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए नीतिगत ब्याज दर में एक और कटौती का फैसला लिया जा सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली एमपीसी की तीन दिन तक चलने वाली बैठक में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू परिवेश को देखते हुए नीतिगत दर पर विचार किया जाएगा।
एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी शुक्रवार को दी जाएगी।
इसके पहले आरबीआई ने फरवरी और अप्रैल में हुई पिछली दो मौद्रिक समीक्षा बैठकों में प्रमुख ब्याज दर रेपो में कुल 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। इस समय रेपो दर छह प्रतिशत पर है।
ऐसे में अगर एमपीसी इस बार भी ब्याज दर में कटौती का फैसला करती है तो यह अल्पकालिक मानक उधारी दर में लगातार तीसरी कटौती हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई शुक्रवार को भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है और यह सिलसिला अगस्त की बैठक में भी जारी रहने की संभावना है।
हालांकि, एसबीआई के एक शोध में उम्मीद जताई गई है कि केंद्रीय बैंक जून की समीक्षा बैठक में ही 0.50 प्रतिशत की ‘जंबो’ कटौती कर सकता है।
केयरएज रेटिंग्स ने कहा कि गिरती मुद्रास्फीति आरबीआई को बाहरी बाधाओं के बीच वृद्धि को प्राथमिकता देने का लचीलापन देगी। हालांकि, वृद्धि की रफ्तार सुधरी है लेकिन असमान खपत, निजी पूंजीगत व्यय वृद्धि में कमी और विनिर्माण विकास में कमी जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।
एमपीसी में आरबीआई के तीन सदस्य और सरकार द्वारा नियुक्त तीन बाहरी सदस्य शामिल हैं। आरबीआई के सदस्यों में गवर्नर संजय मल्होत्रा, डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव और कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन हैं जबकि बाहरी सदस्यों में नागेश कुमार, सौगत भट्टाचार्य और प्रोफेसर राम सिंह शामिल हैं।
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स्थानीय शेयर बाजार में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर बुधवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 261 अंक के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 78 अंक की तेजी आई। वैश्विक बाजारों में तेजी के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे प्रमुख शेयरों में लिवाली से बाजार को समर्थन मिला।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका में रोजगार के उम्मीद से बेहतर आंकड़ों तथा अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति के बीच इस सप्ताह व्यापार वार्ता पर बातचीत के कारण भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 260.74 अंक यानी 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,998.25 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 349.78 अंक तक चढ़ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 77.70 अंक यानी 0.32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,620.20 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में से इटर्नल (पूर्व में जोमैटो) 3.32 प्रतिशत के लाभ में रही। इसके अलावा भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाइटन और लार्सन एंड टुब्रो शामिल हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के शोध प्रमुख (संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बाद भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए और निफ्टी 0.32 प्रतिशत बढ़कर 24,620 अंक पर पहुंच गया। अप्रैल में उम्मीद से बेहतर रोजगार के आंकड़ों के बाद मंगलवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। यह शुल्क नीतियों पर चिंताओं के बावजूद अमेरिकी श्रम बाजार में मजबूती को दर्शाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, इस सप्ताह अमेरिका और चीनी राष्ट्रपति के बीच व्यापार वार्ता को लेकर एक उम्मीद बंधी है। इसके कारण एशियाई बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए।’’
मझोली कंपनियों से संबंधित मिडकैप सूचकांक 0.76 प्रतिशत चढ़ा जबकि छोटी कंपनियों से संबंधित स्मॉलकैप 0.58 प्रतिशत मजबूत हुआ।
बीएसई में 2,071 शेयर लाभ में जबकि 1,933 शेयर गिरावट में रहे। वहीं 151 शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार ने हल्के सकारात्मक रुख के साथ एक सीमित दायरे में कारोबार किया। बाजार को अमेरिका में मजबूत रोजगार के आंकड़ों और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होने जैसे अनुकूल वैश्विक संकेतों का समर्थन मिला।’’
नायर ने कहा, ‘‘मध्यम और छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बेहतर है। इसका कारण अनुमान से बेहतर आय वृद्धि और मूल्यांकन में नरमी है। निवेशकों की अब आज से शुरू हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक पर नजर है। इसमें ब्याज दर में कटौती और भविष्य की वृद्धि और मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान पर स्पष्टता की उम्मीद है।’’
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में तेज उछाल आया। जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग भी बढ़त के साथ बंद हुए।
यूरोपीय बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख रहा। मंगलवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक दायरे में बंद हुए थे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 2,853.83 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.38 प्रतिशत बढ़कर 65.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 636.24 अंक टूटा था जबकि एनएसई निफ्टी में 174.10 अंक की गिरावट आई थी।
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अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 29 पैसे टूटकर 85.90 (अस्थायी) पर बंद हुआ। जोखिम से बचने की धारणा और विदेशी कोषों की निकासी के कारण रुपये में गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण रुपये पर दबाव रहा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणाओं से भी संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू हुई। बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक शुक्रवार को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की और कटौती कर सकता है। अगली नीतिगत बैठक में भी रेपो दर में कमी की जा सकती है। एसबीआई रिसर्च को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक जून में ही रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती करेगा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.69 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.69 के उच्च और 86.05 के निचले स्तर के बीच रहा। कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.90 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 29 पैसे की गिरावट है।
मंगलवार को रुपया 22 पैसे टूटकर 85.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत घटकर 99.11 पर रहा।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.41 प्रतिशत बढ़कर 65.90 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 260.74 अंक बढ़कर 80,998.25 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 77.70 अंक की बढ़त के साथ 24,620.20 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 2,853.83 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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वैश्विक बाजारों में मजबूती के संकेतों के बीच बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 260 रुपये बढ़कर 99,260 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 100 रुपये बढ़कर 98,700 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं के साथ-साथ आर्थिक चिंताओं और भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण बुधवार को सोने में थोड़ा सकारात्मक रुख दिखा, जिससे सुरक्षित निवेश के रूप में इस बहुमूल्य धातु की अपील को समर्थन मिला।’’
बुधवार को चांदी की कीमत भी 1,900 रुपये के उछाल के साथ 1,02,100 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गई। इससे पूर्व के कारोबारी सत्र में चांदी 1,00,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
वैश्विक मोर्चे पर, हाजिर सोना 9.43 डॉलर या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 3,362.6 डॉलर प्रति औंस हो गया।
अप्रैल में, केंद्रीय बैंकों ने वैश्विक भंडार में कुल 12 टन सोना जोड़ा है।
हालांकि, खरीद की गति धीमी हो गई है, जो पिछले महीने की तुलना में 12 प्रतिशत कम है।
गांधी ने कहा कि खरीद में गिरावट के बावजूद केंद्रीय बैंकों द्वारा अपने भंडार में सोने को जोड़ने का सिलसिला कायम रहेगा।
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