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अर्थतंत्र की खबरें: 'टैरिफ बम' के बीच सेंसेक्स ने 765 अंक का लगाया गोता और अमेरिकी व्यापार व्यापार नीति पर उठा सवाल

अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई और सेंसेक्स 765 अंक लुढ़क गया। निफ्टी में भी 233 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर टैरिफ़ को अचानक दोगुना करने से लेकर विदेशी निवेशक चिंतित है। आज इसका असर शेयर मार्केट पर देखने का मिला।अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई और सेंसेक्स 765 अंक लुढ़क गया। निफ्टी में भी 233 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

विश्लेषकों ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और भारती एयरटेल जैसी प्रमुख कंपनियों में भारी बिकवाली से भी बाजार पर दबाव पड़ा।

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 765.47 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 80,000 के स्तर से नीचे 79,857.79 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 847.42 अंक टूटकर 79,775.84 अंक पर आ गया था।

बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में से 2,507 शेयर गिरावट में रहे जबकि 1,521 शेयरों में तेजी रही और 145 अन्य अपरिवर्तित रहे।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी भी 232.85 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 24,363.30 अंक पर बंद हुआ।

यह लगातार छठा कारोबारी सप्ताह है जब बाजार नुकसान में रहा है। बीएसई सेंसेक्स में इस हफ्ते कुल 742.12 अंक यानी 0.92 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि एनएसई निफ्टी 202.05 अंक यानी 0.82 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

शुक्रवार को सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। हालांकि, एनटीपीसी, टाइटन, ट्रेंट, आईटीसी और बजाज फिनसर्व के शेयरों में तेजी का रूख रहा।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "भारतीय निर्यात पर अमेरिकी शुल्क के प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ने से घरेलू बाजार में गिरावट रही और यह तीन माह के निचले स्तर पर बंद हुआ।"

नायर ने कहा, "विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली जारी रखी है जिससे घरेलू सूचकांकों पर दबाव बढ़ रहा है। नाउम्मीद के माहौल में रियल्टी एवं धातु खंडों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा।"

लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, "घरेलू इक्विटी बाजार एफआईआई की बिकवाली और शुल्क चिंताओं के दबाव में गिर गए। विवाद न सुलझने तक कोई भी व्यापार वार्ता न होने की चेतावनी से बाजार धारणा प्रभावित हुई।"

अमेरिका की तरफ से भारतीय आयात पर घोषित शुरुआती 25 प्रतिशत शुल्क बृहस्पतिवार से लागू हो गए। वहीं रूसी तेल खरीदने पर अलग से लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से लागू होने वाले हैं।

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की सूचकांक सकारात्मक दायरे में बंद हुआ, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में ज्यादातर बढ़त में थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.59 प्रतिशत बढ़कर 66.82 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 79.27 अंक बढ़कर 80,623.26 अंक और निफ्टी 21.95 अंक चढ़कर 24,596.15 अंक पर रहा था।

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अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता ट्रंप के टैरिफ की चुका रहे हैं कीमत

अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता अमेरिकी टैरिफ की कीमत चुका रहे हैं।

पेंस ने 'एक्स' के ज़रिए इस बात पर जोर दिया कि इनपुट पर टैरिफ बढ़ने के बाद ऑटो दिग्गज फोर्ड जैसी अमेरिकी कंपनियों की उत्पादन लागत में भारी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी वस्तुओं के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। पूर्व उपराष्ट्रपति ने स्वतंत्र राष्ट्रों के साथ मुक्त व्यापार की आवश्यकता पर बल दिया।

अपनी बात को पुष्ट करने के लिए पेंस ने अमेरिकी मासिक पत्रिका 'रीजन' के एक लेख को टैग किया, जिसमें कहा गया था कि फोर्ड ने अपनी अधिकांश कारों का निर्माण अमेरिका में करने के बावजूद 2025 की दूसरी तिमाही के दौरान टैरिफ-संबंधी खर्चों में 800 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था।

लेख में कहा गया है, "अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अमेरिकी विनिर्माण क्षेत्र की संभावनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं तो फोर्ड मोटर कंपनी को सबसे बड़े विजेताओं में से एक होना चाहिए। आखिरकार, फोर्ड अमेरिका में किसी भी अन्य वाहन निर्माता की तुलना में ज्यादा वाहन बनाती है। पिछले साल इसने 18 लाख वाहन बनाए और ऊपरी मध्य-पश्चिम में स्थित अपने संयंत्रों में लगभग 57,000 विनिर्माण कर्मचारियों को रोजगार देती है। यह एक पारंपरिक अमेरिकी ब्रांड है, जो रस्ट बेल्ट में उस तरह का ब्लू-कॉलर काम कर रहा है जिसके बारे में ट्रंप प्रशासन का मानना है कि उसकी व्यापार नीतियों से उसे सीधा फायदा होगा।"

दरअसल, टैरिफ फोर्ड को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। कार निर्माता कंपनी ने इस हफ्ते घोषणा की है कि उसने 2025 की दूसरी तिमाही (जिस दौरान उसे 2023 के बाद पहली तिमाही में घाटा हुआ) के दौरान टैरिफ से जुड़े खर्चों में 80 करोड़ डॉलर का भुगतान किया है और उसे उम्मीद है कि टैरिफ से उसके वार्षिक मुनाफे में लगभग 3 अरब डॉलर की कमी आएगी।

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सोने की कीमत 1.01 लाख रुपए प्रति दस ग्राम के करीब, चांदी के दाम हुए कम

सोने और चांदी की कीमतों में शुक्रवार को मिलाजुला कारोबार हुआ। 24 कैरेट का 10 ग्राम सोना 1.01 लाख रुपए के करीब और चांदी की कीमत 1.15 रुपए प्रति किलो से नीचे आ गई है।

इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की ओर से शाम को जारी की गई कीमतों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 24 कैरेट सोने का दाम 239 रुपए बढ़कर 1,00,942 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।

वहीं, 22 कैरेट सोने का भाव बढ़कर 92,463 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। 18 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 75,707 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है। वहीं, चांदी की कीमत में गिरावट देखी गई। बीते 24 घंटे में चांदी का दाम 518 रुपए कम होकर 1,14,732 रुपए प्रति किलो हो गया है। आईबीजेए की ओर दिन में दो बार हाजिर बाजार की सोने और चांदी की कीमतें जारी की जाती है।

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतीन त्रिवेदी ने कहा, "डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट के कारण घरेलू स्तर पर सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। कॉमैक्स पर सोने 3,390 डॉलर प्रति औंस के आसपास बना हुआ है।"

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि ट्रंप का टैरिफ रुख अनिश्चितता पैदा कर रहा है, खासकर भारत के साथ समझौता फिलहाल संभव नहीं दिख रहा है। रुपए में कोई भी सकारात्मक बदलाव सोने की तेजी को सीमित कर सकता है। फिलहाल, सोने के 1,00,000 रुपए से 1,02,500 रुपए के बीच कारोबार करने की संभावना है।"

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी गई। सोने की कीमत 0.80 प्रतिशत बढ़कर 3,480.17 डॉलर प्रति औंस और चांदी की कीमत 0.58 प्रतिशत बढ़कर 38.52 डॉलर प्रति औंस पर है।

1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 24,780 रुपए या 32.53 प्रतिशत बढ़कर 1,00,942 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 28,715 रुपए या 33.38 प्रतिशत बढ़कर 1,14,732 रुपए पर पहुंच गया है।

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डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे टूटकर 87.71 पर बंद

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे टूटकर 87.71 पर बंद हुआ। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की अनिश्चितता के बीच घरेलू बाजार की कारोबार का असर रुपये पर पड़ा।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में लगातार कमजोर रुख के बीच रुपया एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है और विदेशी पूंजी की निकासी से भी रुपये पर दबाव पड़ा है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 87.56 पर खुला और कारोबार के दौरान 87.52-87.75 के दायरे में घट-बढ़ के बाद अंत में 87.71 (अस्थायी) पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव से 13 पैसे की गिरावट है।

बृहस्पतिवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे मजबूत होकर 87.58 पर बंद हुआ था।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक (कमोडिटी और करेंसी) अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर में सुधार और कमजोर घरेलू शेयर बाजारों के कारण शुक्रवार को भारतीय रुपये में गिरावट आई। व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितता ने भी रुपये पर दबाव डाला। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने तेज गिरावट पर रोक लगायी।’’

चौधरी ने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार युद्ध के बीच रुपये में नकारात्मक रुख रहने की संभावना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू शेयरों में लगातार कमजोर रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी से भी घरेलू मुद्रा पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि, श्रम बाजार के कमजोर होने और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती संभावनाओं के बीच अमेरिकी डॉलर में कमजोरी से रुपये को निचले स्तरों पर सहारा मिल सकता है।

अमेरिका ने छह अगस्त को सभी भारतीय आयातों पर मौजूदा 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की। जिससे 27 अगस्त से कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा।

इस बीच, वायदा कारोबार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 0.60 प्रतिशत बढ़कर 66.83 डॉलर प्रति बैरल हो गईं। विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला, डॉलर सूचकांक 0.16 प्रतिशत घटकर 98.24 रह गया।

घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर, बंबई सूचकांक 765.47 अंक टूटकर 79,857.79 और निफ्टी 232.85 अंक टूटकर 24,363.30 पर बंद हुआ।

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 4,997.19 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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