केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है लेकिन देश अभी एकल दर वाली जीएसटी प्रणाली के लिए तैयार नहीं है। हालांकि सीतारमण ने कहा कि भविष्य में एकल दर वाली जीएसटी प्रणाली की संभावना बनी हुई है।
सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार दरों वाली जीएसटी संरचना मनमाने ढंग से तय नहीं की गई थी, बल्कि यह विभिन्न राज्य-स्तरीय करों को उसके नजदीकी स्लैब में रखने की एक विस्तृत प्रक्रिया के जरिये तय की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब जीएसटी प्रणाली की समीक्षा की गई, तो एक जरूरत यह थी कि वे (जीएसटी परिषद के सदस्य) चार दरें नहीं चाहते थे। हालांकि इस सवाल का जवाब अभी नहीं मिला है कि कि क्या वे अभी एकल दर वाली स्थिति के लिए तैयार हैं। शायद भविष्य में ऐसा हो सकता है।’’
वित्त मंत्री ने मौजूदा कर सुधार प्रक्रिया को ‘नई पीढ़ी के जीएसटी सुधारों’ का हिस्सा बताया, जो खासकर गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए प्रणाली को सरल और निष्पक्ष बनाने पर केंद्रित है।
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स्थानीय शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 320 अंक चढ़कर 83,000 अंक के पार पहुंच गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कमी और इस साल दो और कटौती के संकेत से बाजार में तेजी आई।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 320.25 अंक यानी 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83,013.96 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 447.5 अंक तक चढ़ गया था।
पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी भी 93.35 अंक यानी 0.37 प्रतिशत चढ़कर 25,423.60 अंक पर पहुंच गया। औषधि, आईटी और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि रियल्टी और ऊर्जा शेयरों में नरमी रही।
विश्लेषकों ने कहा कि बाजार धारणा को मुख्य रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में कटौती के फैसले से समर्थन मिला।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में इटर्नल सबसे ज्यादा 2.96 प्रतिशत लाभ में रही। इसका कारण ब्रोकरेज कंपनियों का इटर्नल को लेकर सकारात्मक संकेत है। इसके अलावा, सन फार्मा, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, पावर ग्रिड, आईटीसी और अदाणी पोर्ट्स प्रमुख रूप से लाभ में रहीं।
हालांकि, दूसरी तरफ टाटा मोटर्स में सर्वाधिक 1.13 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा, ट्रेंट, बजाज फाइनेंस और एशियन पेंट्स भी नुकसान में रहें।
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स्थानीय मांग कमजोर होने से बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 600 रुपये गिरकर 1,13,200 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
पिछले कारोबार में, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
इसी प्रकार, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 500 रुपये गिरकर 1,12,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया, जो पिछले सत्र में 1,13,300 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
दूसरी ओर, बुधवार की गिरावट के बाद चांदी की कीमतों में उछाल आया और यह 300 रुपये बढ़कर 1,31,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गई। पिछले सत्र में यह 1,670 रुपये गिरकर 1,31,200 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई थी।
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फेडरल रिजर्व के सख्त रुख और डॉलर में तेजी के कारण बृहस्पतिवार को रुपया, अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 28 पैसे टूटकर 88.13 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि व्यापारियों ने ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दृष्टिकोण का आकलन किया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के मुताबिक ब्याज दरों में एक चौथाई अंक की कमी की और संकेत दिया कि वह शेष वर्ष के लिए उधारी लागत में लगातार कमी करेगा।
इसके अलावा, भारत पर अमेरिकी शुल्क और वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं को लेकर चिंताओं के कारण रुपया दबाव में रहा। इसके अलावा, विदेशी पूंजी की सतत निकासी ने भी निवेशकों की कारोबारी धारणाओं को प्रभावित किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.93 पर खुला और कारोबार के दौरान 88.16 के निचले स्तर को छूने के बाद 88.13 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 28 पैसे की गिरावट है। बुधवार को रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 24 पैसे बढ़कर 87.85 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख और अमेरिकी डॉलर में उछाल के कारण भारतीय रुपये में भारी गिरावट आई। फेडरल रिजर्व ने अनुमान के अनुरूप ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। फेडरल रिजर्व को वर्ष 2025 में दो बार और 0.25 प्रतिशत कटौती 2026 में केवल एक बार 0.25 प्रतिशत कटौती की उम्मीद है।’’
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देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह वाहनों की कीमत में 22 सितंबर से 1.29 लाख रुपये तक की कटौती करेगी।
कंपनी ने कहा कि उसने वाहनों को और अधिक किफायती बनाने के लिए 8.5 प्रतिशत के जीएसटी लाभ के अलावा छोटी कारों की कीमतों में भी कटौती की है।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि शुरुआती स्तर के मॉडल एस प्रेसो की कीमतों में 1,29,600 रुपये तक, ऑल्टो के10 की कीमतों में 1,07,600 रुपये तक, सेलेरियो की कीमतों में 94,100 रुपये तक, वैगन-आर की कीमतों में 79,600 रुपये तक और इग्निस की कीमतों में 71,300 रुपये तक की कमी आएगी।
कंपनी की प्रीमियम हैचबैक स्विफ्ट की कीमत 84,600 रुपये तक कम हो जाएगी। इसी तरह बलेनो की कीमत 86,100 रुपये, टूर एस की कीमत 67,200 रुपये, डिजायर की कीमत 87,700 रुपये, फ्रोंक्स की कीमत 1,12,600 रुपये और ब्रेजा की कीमत 1,12,700 रुपये तक कम हो गई है।
कंपनी ने बताया कि ग्रैंड विटारा की कीमत 1.07 लाख रुपये, जिम्नी की कीमत 51,900 रुपये, अर्टिगा की कीमत 46,400 रुपये और एक्सएल6 की कीमत 52,000 रुपये तक कम हो गई है।
इसी तरह, इनविक्टो की कीमतों में 61,700 रुपये, ईको की कीमत 68,000 रुपये और सुपर कैरी एलसीवी की कीमत 52,100 रुपये तक कम हो जाएगी।
मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) पार्थो बनर्जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि कंपनी ने दोपहिया वाहन से चलने वालों को कार लेने में मदद करने के लिए 8.5 प्रतिशत के जीएसटी लाभ के अलावा छोटी कारों की कीमतों में अलग से कमी की है।
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