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अर्थतंत्र की खबरें: उत्तर प्रदेश रेरा ने घर खरीदारों को किया सतर्क और अब भारत की नकल कर रहा पाक

रेरा ने स्पष्ट किया है कि रजिस्टर्ड परियोजनाओं में ही निवेश सुरक्षित है और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

फोटो: IANS
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उत्तर प्रदेश रेरा (रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने एक बार फिर रियल एस्टेट क्षेत्र में घर या दुकान खरीदने की योजना बना रहे उपभोक्ताओं को चेतावनी दी है कि वे केवल उप्र. रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं में ही निवेश करें।

रेरा ने स्पष्ट किया है कि रजिस्टर्ड परियोजनाओं में ही निवेश सुरक्षित है और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

रेरा के अनुसार, आम नागरिकों के जीवन में घर खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है और इसमें उनकी जीवनभर की कमाई का बड़ा हिस्सा लग जाता है। ऐसे में जल्दबाजी या अधूरी जानकारी के आधार पर लिया गया फैसला न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि उपभोक्ता को कानूनी उलझनों में भी डाल सकता है।

रेरा ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि किसी भी परियोजना में निवेश करने से पहले रेरा के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर संबंधित प्रमोटर और परियोजना की पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। पोर्टल पर परियोजना की भूमि, मानचित्र, स्वीकृतियां, विशिष्टताएं, बैंक खातों की जानकारी, रजिस्ट्रेशन की वैधता, समय विस्तार, ओसी/सीसी की स्थिति तथा क्वार्टरली प्रोग्रेस रिपोर्ट जैसी सभी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध हैं।

रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि रेरा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और रियल एस्टेट क्षेत्र के पारदर्शी विकास के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि वे केवल रेरा के पोर्टल पर दी गई जानकारी के आधार पर ही निर्णय लें और किसी भी प्रकार के भ्रामक प्रचार या विज्ञापन से बचें। घर खरीदार रेरा के पोर्टल के होमपेज पर जाकर 'रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स' सेक्शन में संबंधित परियोजना या प्रमोटर का नाम या रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

प्रोजेक्ट समरी पेज पर प्रमोटर के विरुद्ध दर्ज शिकायतें और परियोजना से जुड़ी आवंटियों की शिकायतें भी देखी जा सकती हैं। रेरा ने उपभोक्ताओं को यह भी सलाह दी है कि परियोजना में इकाई के मूल्य का भुगतान केवल प्रोजेक्ट के कलेक्शन एकाउंट में ही करें और हर पहलू की जांच-पड़ताल के बाद ही निवेश करें। अधिक जानकारी के लिए उपभोक्ता रेरा हेल्पलाइन नंबर 9151602229, 9151642229 (लखनऊ मुख्यालय) और 9151672229, 9151682229 (एनसीआर कार्यालय, ग्रेटर नोएडा) पर संपर्क कर सकते हैं या रेरा संवाद लिंक पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।

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अब आर्थिक सशक्तीकरण के लिए भी भारत की नकल कर रहा पाक, ऐसे तैयार कर रहा कार्बन कॉपी

पाकिस्तान अपनी डूबी हुई अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए भारत की नकल करने की कोशिश कर रहा है और कैशलेस इकॉनमी की तरफ जाने की योजना बना रहा है।

पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्री-बजट चर्चा के तहत पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने डिजिटलीकरण के माध्यम से कर का बोझ वेतनभोगी वर्ग और संगठित से हटाकर अन्य पर डालने का वादा किया है। साथ ही कैशलेस इकॉनमी और बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।

पाकिस्तान में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट 2 जून को पेश किया जा सकता है। इस वजह से पड़ोसी देश में उद्योगों और पक्षकारों के साथ प्री-बजट चर्चा का दौर चल रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तानी सरकार असंगठित क्षेत्र में डिजिटाइजेशन को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए वह कैश लेनदेन पर टैक्स और डिजिटल पेमेंट पर भारत की तरह इंसेंटिव देने के साथ कुछ सेक्टरों में कैश भुगतान को ब्लॉक करने के प्रस्तावों पर काम कर रही है। इनमें से कुछ को अंतिम रूप दे दिया गया है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की स्थिति लगातार खराब बनी हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1950 से लेकर अब तक पाकिस्तान कम से कम 25 बार अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लोन ले चुका है।

अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वह फिर लोन की गुहार लगा रहा है।

मई 2025 में आईएमएफ ने एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) के तहत पड़ोसी देश को एक अरब डॉलर का लोन दिया था।

पाकिस्तान का बाहरी कर्ज 133 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है, जो कि उसकी अर्थव्यवस्था का एक तिहाई है और सरकार की आय का 43 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा ब्याज भुगतान में जा रहा है।

दूसरी तरफ 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ भारत पाकिस्तान से मीलों आगे है।

भारत में डिजिटल इकोसिस्टम पूरी तरह से विकसित हो चुका है। अकेले यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए होने वाले लेनदेन की संख्या अप्रैल में सालाना आधार पर 34 प्रतिशत बढ़कर 17.89 अरब पर पहुंच गई है और इन लेनदेन की वैल्यू 23.95 लाख करोड़ रुपए थी।

यूपीआई से भारत ही नहीं बल्कि भूटान, मलेशिया, यूएई, सिंगापुर, ओमान, कतर, रूस, फ्रांस, श्रीलंका और मॉरीशस में भी भुगतान किया जा सकता है।

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सकारात्मक वैश्विक संकेतों से हरे निशान में बंद शेयर बाजार, सेंसेक्स 320 अंक बढ़ा

भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। सेंसेक्स 320.70 अंक या 0.39 प्रतिशत की तेजी के साथ 81,633.02 और निफ्टी 81.15 अंक या 0.33 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,833.60 पर था।

बाजार में तेजी की वजह सकारात्मक वैश्विक संकेतों को माना जा रहा है। अमेरिकी कोर्ट ने रेसिप्रोकल टैरिफ को रद्द कर दिया है और इसे असंवैधानिक माना है। इससे सेंटीमेंट में सुधार हुआ है।

लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 315.85 अंक या 0.55 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,457.25 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 105.40 अंक या 0.59 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,889 पर था।

सेक्टोरल आधार पर मेटल, आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल्टी, मीडिया और एनर्जी इंडेक्स हरे निशान में थे, जबकि, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी और पीएसई लाल निशान में थे।

सेंसेक्स पैक में इंडसइंड बैंक, सनफार्मा, अदाणी पोर्ट्स, इटरनल (जोमैटो), टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, मारुति सुजुकी, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, टाइटन कंपनी, कोटक महिंद्रा बैंक, नेस्ले, रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, एशियन पेंट्स और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "अमेरिकी अदालत द्वारा डोनाल्ड ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी को खारिज किए जाने के बाद ग्लोबल सेंटीमेंट में सुधार हुआ। हालांकि, तेल की बढ़ती कीमतों और अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर अधिक यील्ड के कारण घरेलू बाजार दिन के दौरान ज्यादातर सीमित दायरे में रहा।"

वहीं, एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक दे ने कहा कि निफ्टी के लिए 24,670 एक मजबूत सपोर्ट है। अगर इंडेक्स इस स्तर से नीचे जाता है तो 24,400 से लेकर 24,300 के स्तर देखने को मिल सकते हैं। अगर निफ्टी 25,000 के स्तर को पार करता है तो 25,150 का स्तर भी देखने को मिल सकता है।

शेयर बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई थी। सुबह करीब 9.29 बजे, सेंसेक्स 237.56 अंक या 0.29 प्रतिशत बढ़कर 81,549.88 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 57.00 अंक या 0.23 प्रतिशत बढ़कर 24,809.45 पर था।

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सोना 500 रुपये टूटा, चांदी स्थिर

कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 500 रुपये घटकर 98,500 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।

99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 500 रुपये घटकर 98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गई।

अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘शुल्क जोखिम कम होने और अधिक सतर्क फेडरल रिजर्व द्वारा सुरक्षित-निवेश वाले परिसपंत्तियों की मांग को कम करने के कारण सोने की कीमतों में सुधार जारी है।’’

मेहता ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मई बैठक के ब्योरे से पता चलता है कि नीति-निर्माता ब्याज दरों में कटौती के समय के बारे में ‘देखो और इंतजार करो’ का दृष्टिकोण अपना रहे हैं, क्योंकि वे हाल के नीतिगत कदमों के आर्थिक प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। इसमें अमेरिकी कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड द्वारा अब जवाबी शुल्क पर रोक भी शामिल है।

हालांकि, स्थानीय बाजारों में चांदी की कीमतें बृहस्पतिवार को 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर स्थिर रहीं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, पश्चिम एशिया में इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष अस्थिरता और वैश्विक अनिश्चितता को बढ़ावा दे रहा है, जिससे सोने की सुरक्षित-पनाहगाह मांग बढ़ रही है और अन्य प्रतिकूलताओं के बावजूद कीमतों को कुछ हद तक समर्थन मिल रहा है।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 17.94 डॉलर प्रति औंस गिरकर 3,304.46 डॉलर प्रति औंस रह गया।

कोटक सिक्योरिटीज में एवीपी-जिंस शोध कायनात चैनवाला ने कहा, ‘‘निवेशक अब आगे के आर्थिक संकेतों के लिए दिन के उत्तरार्द्ध में आने वाले अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़े, जैसे कि प्रारंभिक जीडीपी, साप्ताहिक बेरोजगारी दावे और लंबित घरेलू बिक्री का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’’

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डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे गिरकर 85.48 पर बंद

प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे गिरकर 85.48 (अस्थायी) पर बंद हुआ।

हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि सकारात्मक घरेलू शेयर बाजार और विदेशी कोषों का निवेश बढ़ने से रुपये को समर्थन मिला और इसकी गिरावट पर अंकुश लगा दिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में, रुपया 85.56 पर खुला और दिन के कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.62 के दिन के निचले स्तर को छू गया। रुपये ने दिन के उच्चतम 85.40 को छुआ और सत्र के अंत में डॉलर के मुकाबले 85.48 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से 10 पैसे की गिरावट है।

बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले दो पैसे बढ़कर 85.38 पर बंद हुआ था।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने रुपये पर दबाव डाला।

उन्होंने कहा, ‘‘मासांत की डॉलर मांग और एफआईआई की धननिकासी से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है। डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 85.15 रुपये से 85.80 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।’’

इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत बढ़कर 99.89 पर कारोबार कर रहा था।

विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी संघीय अदालत द्वारा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापक ‘जवाबी’ शुल्क आदेश पर रोक लगाने के बाद अमेरिकी मुद्रा सूचकांक में तेजी आई, जिससे वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं में कमी आने की उम्मीद बढ़ गई।

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.25 प्रतिशत बढ़कर 65.71 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक 320.70 अंक बढ़कर 81,633.02 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 81.15 अंक बढ़कर 24,833.60 पर पहुंच गया।

एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक(एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने बुधवार को शुद्ध आधार पर 4,662.92 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

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