दिग्गज फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के बोर्ड ने गुरुवार को कंपनी का नाम बदलकर 'इटरनल' करने की मंजूरी दे दी है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि जब हमने ब्लिंकिट का अधिग्रहण किया था, तब से आंतरिक तौर पर जोमैटो की जगह इटरनल नाम का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था, जिससे कंपनी और ब्रांड/ऐप के बीच अंतर किया जा सके। जोमैटो के सह-संस्थापक, दीपिंदर गोयल ने कहा कि हमने सोचा था कि जिस दिन जोमैटो से परे कंपनी भविष्य में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल कर लेगी, तब हम कंपनी का नाम सार्वजनिक तौर पर जोमैटो से इटरनल कर देंगे। आज ब्लिंकिट के साथ मुझे लगता है कि वह पल आ गया है।
गोयल ने आगे कहा कि हम कंपनी का नाम जोमैटो लिमिटेड से बदलकर इटरनल लिमिटेड कर रहे हैं। फूड डिलीवरी ब्रांड/ऐप के नाम में कोई बदलाव नहीं होगा। कंपनी का नाम बदलने के बाद जोमैटो ऐप पहले की तरह अपने मौजूदा नाम से ऑपरेट करता रहेगा। हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी का नाम जोमैटो से बदलकर इटरनल हो जाएगा। इटरनल के तहत चार कारोबार होंगे, जिसमें जोमैटो, ब्लिंकिट, डिस्ट्रिक्ट और हायपरप्योर शामिल है। मौजूदा समय में कंपनी फूड डिलीवरी, क्विक कॉमर्स, डायनिंग सर्विसेज, टिकट बुकिंग और सप्लाई चेन सॉल्यूशंस में कारोबार कर रही है।
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में जोमैटो के मुनाफा 57 प्रतिशत गिरकर 59 करोड़ रुपये रह गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 176 करोड़ पर था। इस दौरान कंपनी की परिचालन से आय 64 प्रतिशत बढ़कर 5,404 करोड़ रुपये हो गई है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी का कुल खर्च 5,533 करोड़ रुपये था। कंपनी ने शेयरधारकों को अपने विस्तार के बारे में बताते हुए कहा था कि उसकी योजना इस साल के अंत तक देश में 1,000 ब्लिंकिट स्टोर खोलने की है।
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दुनिया में सबसे अधिक चर्चित चैटबॉट ओपनएआई का चैटजीपीटी वैश्विक स्तर पर डाउन हो गया है। यूजर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स पर शिकायत की है कि चैटजीपीटी काम नहीं कर रहा है। चैटजीपीटी को लेकर यूजर्स अलग-अलग देशों से शिकायत दर्ज करा रहे हैं और ऐसा लगता है कि करीब पूरी दुनिया में यूजर्स को चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने में समस्या आ रही है। जानकारी के मुताबिक, ऐप किसी भी कमांड का जवाब नहीं दे रहा है और कुछ यूजर्स को लॉगइन करने में भी समस्या आ रही है। वहीं, कुछ यूजर्स द्वारा चैट रिक्वेस्ट भेजने पर ओपनएआई का चैटबॉट "इंटरनल सर्वर एरर" दिखा रहा है।
ऑनलाइन आउटेज ट्रैक करने वाले प्लेटफॉर्म डाउनडिटेक्टर के अनुसार, इससे हजारों यूजर्स प्रभावित हुए हैं। हालांकि, ओपनएआई ने अभी तक आउटेज के कारण या इसके दायरे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। डाउनडिटेक्टर पर पिछले 24 घंटों में चैटजीपीटी आउटेज के ग्राफ में उछाल आया और जैसे-जैसे अधिक लोग इस समस्या की रिपोर्ट कर रहे हैं, यह ग्राफ बढ़ता जा रहा है। डाउनडिटेक्टर पर कोई भी अपनी समस्या रिपोर्ट कर सकता है, लेकिन जब भी किसी विशेष ऐप या वेबसाइट पर यूजर्स को समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो शिकायतों के आधार पर तैयार ग्राफ तेजी से बढ़ता है।
यूजर्स ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा कि चैटजीपीटी करीब 20 मिनट से जवाब नहीं दे रहा है। मुझे 2015 की तरह महसूस हो रहा है, जब गूगल सर्च कई घंटों के लिए ऑफलाइन हो जाता था। एक अन्य यूजर ने लिखा कि चैटजीपीटी डाउन हो गया है और कोई भी चैट रिक्वेस्ट भेजने पर "इंटरनल सर्वर एरर" लिखा आ रहा है। चैटजीपीटी की यह पहली आउटेज नहीं है। इससे पहले 23 जनवरी को यूजर्स चैटजीपीटी के वेब और ऐप को पूरी दुनिया में एक्सेस नहीं कर पा रहे थे। इस दौरान डाउनडिटेक्टर पर हजार से भी ज्यादा शिकायतें रिपोर्ट की गई थीं। पिछले वर्ष क्रिसमस के एक दिन बाद भी ओपनएआई का चैटबॉट काम नहीं कर रहा था। इस दौरान कई यूजर्स ने शिकायत की थी कि चैटजीपीटी काम नहीं कर रहा है।
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आरबीआई की मौद्रिक नीति से एक दिन पहले गुरुवार के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार नुकसान के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा गिरावट देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 213 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 78,058 और निफ्टी 92 अंक या 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 23,603 पर था। लार्जकैप के अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक गिरावट हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 680 अंक या 1.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,500 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 51 अंक या 0.30 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,056 पर बंद हुआ। आरबीआई की ओर से मौद्रिक नीति का ऐलान 7 फरवरी को किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है, जो कि फिलहाल 6.50 प्रतिशत है।
आईटी, फार्मा और प्राइवेट बैंक इंडेक्स में तेजी देखी गई। ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, एफएमसीजी, मेटल और रियल्टी इंडेक्स दबाव के साथ बंद हुए हैं। सेंसेक्स पैक में अदाणी पोर्ट्स, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स थे। भारती एयरटेल, टाइटन, एनटीपीसी, एसबीआई, आईटीसी और टाटा स्टील टॉप लूजर्स थे। जानकारों के मुताबिक, निफ्टी के लिए 23,600 एक मजबूत सपोर्ट है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,917 शेयर हरे निशान, 2,017 शेयर लाल निशान और 129 बिना किसी बदलाव के बंद हुए। गिरावट के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपये गिरकर 425 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि बुधवार को 427 लाख करोड़ रुपये था। शेयर बाजार की शुरुआत सपाट हुई थी। सुबह 9:26 पर सेंसेक्स 7 अंक की मामूली तेजी के साथ 78,279 और निफ्टी 2 अंक की तेजी के साथ 23,698 पर था।
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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने गुरुवार को वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया है। देश के सबसे बड़े बैंक का मुनाफा अक्टूबर-दिसंबर अवधि में सालाना आधार पर 84 प्रतिशत बढ़कर 16,891 करोड़ रुपये हो गया है। बैंक ने पिछले साल समान अवधि में 9,164 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। दिसंबर तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) सालाना आधार पर 4 प्रतिशत बढ़कर 41,445.5 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 39,816 करोड़ रुपये थी। बैंक का कर्मचारियों पर खर्च 17 प्रतिशत गिरकर 16,074 करोड़ रुपये हो गया है।
एसबीआई के घरेलू लोन में सालाना आधार पर 14.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रोविजन पिछले साल के मुकाबले 32.4 प्रतिशत बढ़कर 911.06 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में एसबीआई का ग्रॉस एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) कम होकर 2.07 प्रतिशत हो गया है, जो कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2.13 प्रतिशत था। हालांकि, इस दौरान बैंक के शुद्ध एनपीए में कोई बदलाव नहीं आया है और यह 0.53 प्रतिशत पर बना हुआ है। इसके अलावा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंक का ऑपरेटिंग मुनाफा सालाना आधार पर 15.81 प्रतिशत बढ़कर 23,551 करोड़ रुपये हो गया है। एसबीआई का क्रेडिट ग्रोथ सालाना आधार पर 13.49 प्रतिशत रही है। बैंक के ग्रोड एडवांस 40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।
एसबीआई ने फाइलिंग में बताया कि पूरे बैंक की जमा सालाना आधार पर 9.81 प्रतिशत बढ़ी है। करंट अकाउंट सेविंग अकाउंट (सीएएसए) जमा सालाना आधार पर 4.46 प्रतिशत बढ़ी है। दिसंबर तिमाही के आखिर में बैंक का कासा रेश्यो 39.20 प्रतिशत रहा है। बैंक के मुताबिक, विदेशी कार्यालयों के एडवांस में 10.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, एसएमई एडवांस में 18.71 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसके बाद कृषि एडवांस में 15.31 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कॉर्पोरेट एडवांस और खुदरा व्यक्तिगत एडवांस में क्रमशः 14.86 प्रतिशत और 11.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। नतीजों के बाद एसबीआई का शेयर 1.74 प्रतिशत गिरकर 752.70 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
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भारत में गाड़ियों की बिक्री जनवरी में 15.53 प्रतिशत बढ़कर 4,65,920 यूनिट्स हो गई है। यह जानकारी फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) द्वारा गुरुवार को दी गई। एफएडीए के अध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने कहा, "पीवी (यात्री-वाहन) की बिक्री में जोरदार वृद्धि हुई है। हालांकि, इसमें से कुछ बढ़ोतरी 2025 मॉडल वर्ष के लाभ के लिए जनवरी में पंजीकृत दिसंबर की खरीदारी से हुई है।" उन्होंने आगे कहा, "इन्वेंट्री स्तर में सुधार हुआ है, जो लगभग पांच दिन घटकर 50-55 दिनों पर आ गया है, जो आपूर्ति-मांग संतुलन में सुधार का संकेत देता है। कई डीलरों ने मांग में सुधार देखा है। पिछले वर्ष दिए गए अधिक डिस्काउंट ने पुराने मॉडल को समाप्त करने में मदद मिली है।"
एफएडीए की रिपोर्ट में कई सकारात्मक संकेतों के बारे में बताया गया है, जिसने गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने में मदद की है। इसमें शादियों का सीजन और प्रमोशन शामिल है। साथ ही उम्मीद जताई गई शादियों के सीजन के कारण मांग बढ़ सकती है। इसके अलावा बताया गया कि बजट 2025-26 में आयकर छूट की सीमा को 12.75 लाख रुपये तक किए जाने के कारण करीब एक करोड़ लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा। इससे वाहनों की मांग को बढ़ावा मिलेगा।
नए मॉडल लॉन्च, चल रहे शादी सीजन की मांग और बढ़े हुए फाइनेंस विकल्पों के कारण दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 4.15 प्रतिशत बढ़कर 15,25,862 इकाई हो गई है, जिससे खरीदारी को बढ़ावा मिल रहा है। ऊंची माल ढुलाई दरों और यात्री को ले जाने वाले वाहनों की मांग में बढ़ोतरी के कारण वाणिज्यिक वाहन की बिक्री सालाना आधार पर 8.22 प्रतिशत बढ़कर 99,425 इकाई हो गई, जबकि तिपहिया वाहनों की बिक्री 6.86 प्रतिशत बढ़कर 1,07,033 इकाई हो गई। अच्छे फसल सीजन के कारण ट्रैक्टर की मांग में भी उछाल देखने को मिला है और बिक्री सालाना आधार पर 5.23 प्रतिशत बढ़कर 93,381 यूनिट्स हो गई है।
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