
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गुरुवार को लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश कर दिया गया है। नए बिल में सरकार ने कानूनों के सरलीकरण पर जोर दिया गया है। नया कानून पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा, जो कि मौजूदा समय में पुराना पड़ चुका है और बार-बार संशोधनों के कारण काफी पेचीदा हो गया है। इससे पहले, 7 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस बिल को मंजूरी दी थी। नया टैक्स कानून एक अप्रैल, 2026 से अमल में लाया जाएगा।
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नए बिल में ‘असेसमेंट ईयर’ की जगह ‘टैक्स ईयर’ शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा, जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की 12 महीने की अवधि होगी।
अगर कोई नया बिजनेस या काम शुरू किया जाता है, तो उसका टैक्स ईयर उस दिन से शुरू होगा और उसी वित्तीय वर्ष के अंत में खत्म होगा।
नए बिल में कानूनी शब्दों को आसान और छोटा किया गया है, जिससे इसे समझना आसान होगा।
पुराने 823 पन्नों के मुकाबले नया इनकम टैक्स बिल 622 पन्नों में तैयार किया गया है।
बिल में चैप्टर्स की संख्या 23 है, लेकिन सेक्शन्स 298 से बढ़कर 536 हो गए हैं।
शेड्यूल्स की संख्या 14 से बढ़कर 16 हो गई है।
पुराने कानून में मौजूद जटिल स्पष्टीकरण और प्रावधान हटा दिए गए हैं, जिससे इसे समझना आसान हो गया है।
क्रिप्टोकरेंसी जैसे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को अब अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत माना जाएगा।
डिजिटल ट्रांजैक्शन और क्रिप्टो एसेट्स पर कड़े प्रावधान, पारदर्शिता बढ़ाने और टैक्स चोरी को रोकने के लिए लागू किए गए हैं।
नए बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर भी शामिल किया गया है, जो करदाताओं के अधिकारों की रक्षा करेगा और टैक्स प्रशासन को पारदर्शी बनाएगा।
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नए इनकम टैक्स बिल से 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री होने से मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, टैक्स फाइलिंग आसान होगी, पेपरवर्क कम होगा और ऑनलाइन टैक्स रिटर्न फाइलिंग को बढ़ावा मिलेगा। नए समाधान तंत्र से टैक्स विवादों का हल जल्दी होगा। वहीं, इस बिल की वजह से डिजिटल भुगतान और बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।
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