भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए बनी सहमति का स्थानीय शेयर बाजार ने सोमवार को शानदार स्वागत किया और मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी ने करीब चार प्रतिशत की छलांग के साथ एक कारोबारी सत्र की सबसे ऊंची बढ़त दर्ज की।
बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स में 2,975.43 अंक की जबर्दस्त तेजी देखी गई जबकि एनएसई निफ्टी ने 916.70 अंक की बड़ी छलांग लगाई।
विश्लेषकों ने कहा कि पाकिस्तान के साथ जारी तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सहमति बनने से निवेशकों के बीच सकारात्मक धारणा बनी। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच सीमा शुल्क संबंधी समझौते की घोषणा से भी निवेशक उत्साहित हुए।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 2,975.43 अंक यानी 3.74 प्रतिशत बढ़कर सात महीने से अधिक के उच्चस्तर 82,429.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 3,041.5 अंक बढ़कर 82,495.97 अंक पर पहुंच गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला निफ्टी 916.70 अंक यानी 3.82 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 24,924.70 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 936.8 अंक बढ़कर 24,944.80 अंक पर पहुंच गया था।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), धातु, रियल्टी और प्रौद्योगिकी शेयरों की अगुवाई में हुई खरीदारी के चलते सेंसेक्स और निफ्टी ने एक कारोबारी सत्र की सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की।
दोनों सूचकांकों ने इससे पहले तीन जून, 2024 को लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा से एक दिन पहले सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की थी। उस दिन सेंसेक्स में 2,507.45 अंक और निफ्टी में 733.20 अंक की भारी बढ़त देखी गई थी।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘सकारात्मक भू-राजनीतिक एवं आर्थिक घटनाक्रम के मेल ने हाल के दिनों की सबसे बड़ी एक दिन की तेजी का रास्ता तैयार किया।’’
नायर ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह जारी रहने, साथ ही कारोबारी धारणा में तेजी से सुधार की उम्मीदों ने खुदरा भागीदारी बढ़ाई जिससे इस तेजी को बल मिला।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘अमेरिका-चीन व्यापार करार पर उत्साहजनक खबर ने सकारात्मक धारणा को और बढ़ाया, जिससे सत्र आगे बढ़ने के साथ निवेशकों का विश्वास और मजबूत हुआ।’’
अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे पर लगाए ऊंचे सीमा शुल्क को 90 दिन के लिए निलंबित करने की घोषणा की है। अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर शुल्क को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की।
सेंसेक्स की कंपनियों में से आईटी कंपनी इन्फोसिस ने 7.91 प्रतिशत की तगड़ी छलांग लगाई। एचसीएल टेक, टाटा स्टील, इटर्नल, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और बजाज फाइनेंस के शेयर भी खासी बढ़त के साथ बंद हुए।
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से सिर्फ सन फार्मा और इंडसइंड बैंक ही गिरावट में रहे।
व्यापक बाजारों में भी यह मजबूती नजर आई। छोटी कंपनियों के स्मालकैप सूचकांक में 4.18 प्रतिशत और मझोली कंपनियों के मिडकैप सूचकांक में 3.85 प्रतिशत की जोरदार तेजी देखी गई।
चौतरफा तेजी के बीच सभी क्षेत्रवार सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। आईटी खंड में 6.75 प्रतिशत, रियल्टी खंड में 5.87 प्रतिशत, धातु खंड में 5.24 प्रतिशत और प्रौद्योगिकी खंड में 5.21 प्रतिशत की तेजी रही।
बीएसई पर सूचीबद्ध 3,545 कंपनियों के शेयर बढ़कर बंद हुए जबकि 576 शेयरों में गिरावट रही और 133 अन्य अपरिवर्तित रहे।
एशिया के अन्य बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़त के साथ बंद हुए।
यूरोप के बाजार सकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.88 प्रतिशत उछलकर 65.75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने कई दिन तक शुद्ध खरीदार बने रहने के बाद शुक्रवार को 3,798.71 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 880.34 अंक गिरकर 79,454.47 अंक पर और एनएसई निफ्टी 265.80 अंक के नुकसान के साथ 24,008 अंक पर बंद हुआ था।
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सोने और चांदी की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी है। बीते एक हफ्ते में 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत में 2,400 रुपए और चांदी की कीमत में 1,600 रुपए प्रति किलो से अधिक की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के सोने की कीमत बढ़कर 96,416 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो कि 3 मई को 93,954 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, जो सोने के दाम में 2,462 रुपए की वृद्धि को दिखाता है।
22 कैरेट के सोने का भाव बढ़कर 94,100 रुपए प्रति 10 ग्राम, 20 कैरेट के सोने की कीमत बढ़कर 85,810 रुपए प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट के सोने का दाम बढ़कर 78,100 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।
इसके अतिरिक्त चांदी की कीमतों में भी 1,601 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी देखने को मिली है। एक किलो चांदी का दाम बढ़कर 95,726 रुपए प्रति किलो हो गया है, जो कि 3 मई को 94,125 रुपए प्रति किलो पर था।
घरेलू के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। सोने की कीमत बढ़कर 3,344 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है, जो कि इस हफ्ते की शुरुआत में 3,246 डॉलर प्रति औंस पर थी। वहीं, इस दौरान चांदी की कीमत 32.20 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर 32.90 डॉलर प्रति औंस हो गई है।
सोने और चांदी की कीमत में इस साल की शुरुआत से ही तेजी का ट्रेंड देखा जा रहा है। एक जनवरी से अब तक 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का भाव 76,162 रुपए से 20,254 रुपए या 26.59 प्रतिशत बढ़कर 96,416 रुपए हो गया है।
इस दौरान चांदी की कीमत 86,017 रुपए प्रति किलो से 9,709 रुपए या 11.28 प्रतिशत बढ़कर 95,726 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है।
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अमेरिका और चीन के बीच अधिकतर शुल्क वृद्धि को 90 दिन तक निलंबित करने का समझौता भारत के लिए चुनौतियां व अवसर दोनों पेश करता है। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने यह बात कही है।
अमेरिका और चीन ने हाल ही में एक-दूसरे पर लगाए भारी शुल्क में से अधिकतर पर 90 दिन की रोक लगाने को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बनने की सोमवार को जानकारी दी है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने कहा कि अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145 प्रतिशत शुल्क दर का 115 प्रतिशत घटाकर 30 प्रतिशत करने पर, जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर अपनी दर को भी इतना की कम कर 10 प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की है।
फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा कि यह घोषणा दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार तनाव में आई कमी को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, इस तरह के घटनाक्रम वैश्विक व्यापार स्थिरता के लिए मोटे तौर पर सकारात्मक हैं, हालांकि ये भारत के लिए चुनौतियां तथा अवसर दोनों प्रस्तुत करते हैं।’’
रल्हन ने कहा कि शुल्क में कमी से इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और रसायन जैसे उच्च मूल्य वाले क्षेत्रों में अमेरिका-चीन द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इससे दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और लातिनी अमेरिका जैसे बाजारों में भारतीय निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, जहां भारत ने हाल ही में अमेरिका-चीन व्यापार बाधाओं का लाभ उठाते हुए अपनी पैठ बनाई है।
हालांकि, रल्हन ने कहा कि भारत इस बदलाव का लाभ उन क्षेत्रों में निर्यात को मजबूत करने के लिए उठा सकता है जो अमेरिका-चीन व्यापार से अपेक्षाकृत अछूते हैं जैसे औषधि एपीआई, रत्न व आभूषण, इंजीनियरिंग से जुड़ा सामान, कार्बनिक रसायन और आईटी-सक्षम सेवाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत को अपनी तरजीही व्यापार पहुंच को सुरक्षित और विस्तारित करने के लिए अमेरिका के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए। एक विश्वसनीय वैकल्पिक स्रोत गंतव्य के रूप में अपनी भूमिका को बढ़ाना चाहिए।’’
एक अन्य निर्यातक ने कहा कि भारत सरकार को चीन से भारत में होने वाले आयात पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।
अमेरिका और चीन, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। चीन 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार रहा है। इसके बाद से अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा।
भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73 प्रतिशत है। दूसरी ओर, निर्यात में चीन की हिस्सेदारी करीब चार प्रतिशत और आयात में 15 प्रतिशत है।
वित्त वर्ष 2024-25 में, अमेरिका को भारत का निर्यात 2023-24 के 77.52 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 11.6 प्रतिशत बढ़कर 86.51 अरब डॉलर हो गया। 2024-25 में आयात 7.44 प्रतिशत बढ़कर 45.33 अरब डॉलर रहा जबकि 2023-24 में यह 42.2 अरब डॉलर था। अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 2024-25 में बढ़कर 41.18 अरब डॉलर हो गया।
चीन को भारत का निर्यात 2024-25 में सालाना आधार पर 14.5 प्रतिशत घटकर 14.25 अरब डॉलर रह गया। आयात 11.52 प्रतिशत बढ़कर 113.45 अरब डॉलर हो गया, जो 2023-24 में 101.73 अरब डॉलर था। व्यापार घाटा 2024-25 में बढ़कर 99.2 अरब डॉलर हो गया।
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ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म 'ग्रो' ने सोमवार को जानकारी दी कि ऐप के कुछ यूजर्स को स्टॉक की कीमतों में विसंगतियों का सामना करना पड़ा। यह एक अस्थायी समस्या थी और बाद में इसे ठीक कर दिया गया।
इससे पहले तकनीकी गड़बड़ी के कारण ग्रो यूजर्स के निवेश मूल्यों को लेकर गलत जानकारी देखी गई। कुछ यूजर्स ने बताया कि उनके 1,000 रुपए के निवेश को ऐप पर गलत तरीके से 1,00,000 रुपए के निवेश के रूप में देखा जा रहा था। इससे कुछ यूजर्स को भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ा।
तकनीकी गड़बड़ी के कारण कुछ यूजर्स के मुनाफे में 10,000 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई, जिससे कुछ अस्थायी रूप से करोड़पति बन गए, जबकि कुछ का निवेश मूल्य असल से बेहद कम हो गया।
'ग्रो' ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, ''हमारे कुछ यूजर्स को उनके स्टॉक प्राइस को लेकर विसंगतियों का सामना करना पड़ा। यह एक अस्थायी समस्या थी और अब इसका समाधान हो गया है।"
'ग्रो' की ओर से आगे कहा गया कि जिन यूजर्स के जीटीटी (गुड टिल ट्रिगर) इस वजह से ट्रिगर हुए हैं, उनसे ग्रो सहायता टीम संपर्क कर रही है और समाधान की पेशकश कर रही है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग पोर्टल ने कहा, "अगर आपको भी इस समस्या का सामना करना पड़ा है, तो हमें डायरेक्ट मैसेज करें।"
यह समस्या तब सामने आई जब कई यूजर्स ने विसंगतियों की रिपोर्ट करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
यूजर्स ने पोस्ट किया, "मेरे खाते पर मेरे कुछ जीटीटी ऑर्डर आपके 'ग्रो' मूल्य विसंगति या 'ग्रो' मूल्य निर्धारण के साथ समस्याओं के कारण बेचे गए थे। मेरे पास आपके पिछले और वर्तमान मूल्य निर्धारण की स्थिति का स्क्रीनशॉट है। कृपया उचित कार्रवाई करें और मामले को हल करें।"
दूसरे यूजर ने पोस्ट किया, "अगर हमारे नुकसान की भरपाई नहीं की गई तो हम ग्रो को छोड़ देंगे और दूसरे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर चले जाएंगे।"
गलत मूल्य प्रदर्शन के कारण बड़े व्यवधान हुए, कुछ यूजर्स ने गलत डेटा के आधार पर ट्रेडिंग निर्णय लिए। यह स्थिति उन लोगों के लिए निराशा और वित्तीय नुकसान का कारण बनी, जिन्होंने भ्रामक जानकारी पर काम किया।
एक ग्रो यूजर ने लिखा, "वाकई ग्रो 2.8 लाख रुपए की यह जबरदस्त तेजी देखकर मैंने सोचा कि मुझे सोना मिल गया है, पता चला कि यह केवल एक बग था। अब मैं खरीद का ऑर्डर भी ठीक से नहीं दे सकता क्योंकि राशि पूरी तरह गड़बड़ है।"
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