विधानसभा चुनाव 2023

बिहार चुनाव: सत्ता की लड़ाई में हुई ‘राम-रावण’ की एंट्री, बीजेपी के बाद अब जेडीयू को भी इसी पर भरोसा

राजधानी पटना से सटे मोकामा विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी की जीत के लिए मुंगेर से जेडीयू सांसद और सीएम नीतीश कुमार के खासमखास ललन सिंह पूरा जोर लगाए हुए हैं। इसी क्रम में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे ललन सिंह ने कहा कि मोकामा सीट पर राम बनाम रावण की लड़ाई है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

बिहार विधानसभा चुनाव यूं तो लंबे समय से जात-पात के नाम पर होता रहा है, लेकिन इस बार के चुनाव में यहां 'राम' और 'रावण' की भी एंट्री हो गई है। बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू ने चुनाव प्रचार के दौरान पटना से सटे मोकामा विधानसभा सीट के चुनाव को राम बनाम रावण की लड़ाई बता दिया है। हालांकि जेडीयू के इस बयान के बाद अब इस पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है।

दरअसल राजधानी पटना के मोकामा विधानसभा सीट पर इस बार मुख्य मुकाबला आरजेडी के अनंत सिंह और जेडीयू के राजीव लोचन के बीच माना जा रहा है। इस सीट पर अपने प्रत्याशी की जीत के लिए मुंगेर से जेडीयू सांसद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी ललन सिंह पूरा जोर लगाए हुए हैं। इसी क्रम में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे ललन सिंह ने कहा कि मोकामा सीट पर राम बनाम रावण की लड़ाई है।

Published: 16 Oct 2020, 4:19 PM IST

इस दौरान उन्होंने महागठबंधन समर्थित आरजेडी प्रत्याशी अनंत सिंह को रावण का प्रतीक बताया, जबकि जेडीयू के प्रत्याशी राजीव लोचन सिंह को राम का प्रतीक बताया। जीत के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जब भी राम और रावण का मुकाबला होता है तो किसकी जीत होती है, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। इससे पहले अनंत सिंह के जेडीयू से विधायक बनने के बारे में पूछे जाने पर ललन सिंह ने कहा, वह रावण हैं, इसलिए वे रावण की पार्टी में चले गए। अब ठीक हो गया।

Published: 16 Oct 2020, 4:19 PM IST

उल्लेखनीय है कि अनंत सिंह की पहचान दबंग की रही है। इनकी पहचान उनके क्षेत्र में 'छोटे सरकार' की रही है। पिछले वर्ष अनंत के नदवां गांव स्थित घर से एके-47 राइफल बरामद की गई थी और इसी मामले में वे पटना के बेउर जेल में बंद हैं। यही कारण है कि अनंत सिंह सात अक्टूबर को नामांकन भरने भी कैदी वैन पर सवार होकर जेल से आए थे।

वहीं, जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन भी कहते हैं कि साल 2005 के बाद से बिहार में जंगल राज का सफाया किया जा रहा है। जो कुछ चीजें बच गई हैं, उनका भी इस चुनाव में सफाया तय है। उन्होंने कहा कि राम सदाचार के प्रतीक हैं, जबकि रावण अनाचार, भ्रष्टाचार का प्रतीक रहा है।

Published: 16 Oct 2020, 4:19 PM IST

गौरतलब है कि 2005 से 2015 तक अनंत सिंह जेडीयू के टिकट पर मोकामा से तीन बार विधायक रहे हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनंत सिंह पर हत्या के आरोप लगने पर जेडीयू ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। वहीं राजीव लोचन की छवि साफ-सुथरी रही है। कहा जाता है कि प्रत्येक चुनाव में वे पर्दे के पीछे रहकर राजग प्रत्याशी की यहां मदद करते रहे हैं।

Published: 16 Oct 2020, 4:19 PM IST

इसके जवाब में आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा, “जब तक अनंत सिंह जेडीयू में थे, तब तक वह राम थे, जैसे ही आरजेडी में आए तो वे रावण हो गए। जिनके घर खुद शीशे के हैं उन्हें किसी दूसरे के घर पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।” उन्होंने कहा कि 10 नवंबर को पता चल जाएगा कि कौन रावण है, कौन राम। उन्होंने कहा कि रावण सरकार का अब अंत निकट आ गया है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Published: 16 Oct 2020, 4:19 PM IST

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Published: 16 Oct 2020, 4:19 PM IST