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जन्मदिन विशेष: जब महान गायक किशोर कुमार का बेटा होना गायक अमित कुमार के संघर्ष की वजह बना !

3 जुलाई 1952 को जन्मे अमित कुमार आज भी अपने गाए गीतों की वजह से याद किये जाते हैं।1968 में अमित कुमार ने 16 साल की उम्र में अपने पिता की फिल्म ‘दूर का राही’ के लिये पहला गीत ‘मैं एक पंछी मतवाला रे’ रिकार्ड कराया था।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  महान गायक किशोर कुमार और उनके गायक बेटे अमित कुमार

बड़े बाप का बेटा होना ऐसे बोझ के नीचे दबा देता है जिसके नीचे सारी जिंदगी सांस लेनी होती है और कदम-कदम पर बाप से तुलना की जाती है। ऐसे में बेटे की निजी प्रतिभा को जगह बनाने के लिये सारी जिंदगी जूझना पड़ता है। गायक अमित कुमार के साथ भी यही हुआ। महान गायक किशोर कुमार का बेटा होने के नाते उन्हें जिस तरह का संघर्ष करना पड़ा, यह केवल वे ही जानते हैं।

3 जुलाई 1952 को जन्मे अमित कुमार आज भी अपने गाए गीतों, ‘बड़े अच्छे लगते हैं, ये धरती, ये नदिया, ये रैना और तुम’ (बालिका बधू, 1976), ‘देखो, मैंने देखा है इक सपना, फूलों के शहर में हो घर अपना’, ‘याद आ रही है, तेरी याद आ रही है’ (लव स्टोरी), और ‘दिल की बात कहीं लब पर ना आ जाए’ (तेरी कसम, 1982) की वजह से याद किये जाते हैं। सधी हुई दिल को छू लेने वाली आवाज होने के बावजूद वे फिल्मों में लंबी पारी नहीं खेल पाए।

शुरूआत के 7 साल तक अमित कुमार अपनी मां रूमा देवी के पास कोलकाता में रहे जो खुद भी एक गायिका थीं। दरअसल, तब तक किशोर और रूमा देवी में अलगाव हो चुका था। लेकिन दोनों ने अमित कुमार को इसका एहसास नहीं होने दिया। किशोर कुमार नियमित रूप से अमित से मिलने कोलकाता आया करते थे। इसके बाद अमित कुमार को हजारीबाग के बोर्डिंग स्कूल में दाखिल कराया गया, लेकिन साल भर बाद वे वापस कोलकाता में रहने के लिये आ गए।

थोड़ा बड़ा होने पर अमित कुमार अपने दोस्तों के साथ स्टेज पर गाने के कार्यक्रम प्रस्तुत करने लगे। वे अपने पिता के ही गाने सुनाया करते थे। उन्हें इस तरह की गतिविधियां बहुत भाती थीं। दुर्गा पूजा के कार्यक्रमों के दौरान तो अमित कुमार की लोकप्रियता देख उनकी मां को बहुत आश्चर्य भी हुआ। उन्होंने जब देखा कि अमित सिवाय गाना गाने के और कुछ नहीं करते हैं तो उन्होंने किशोर कुमार से इसकी शिकायत की। किशोर कुमार दुर्गा पूजा के एक कार्यक्रम के दौरान खुद अमित कुमार को सुनने आए। कार्यक्रम के दौरान वे उस केबिन में बैठे ,जहां से लाइट और साउंड का संचालन किया जा रहा था। वे नहीं चाहते थे कि अमित कुमार को पता चले कि उसके पापा उसका गाना सुन रहे हैं। कार्यक्रम के बाद किशोर कुमार ने अमित कुमार से कहा कि अपना बोरिया बिस्तर समेट कर मेरे साथ मुंबई चलो।

मुंबई में होने वाले स्टेज शो में जहां किशोर कुमार गाने के लिये आमंत्रित होते थे, अमित कुमार उनकी लोकप्रियता देख कर दंग हो जाते थे। अब पिता की एक नयी छवि उनके सामने बन रही थी। किशोर कुमार स्टेज शो में अमित कुमार को भी गवाया करते थे। ऐसे ही एक शो में एसडी बर्मन ने अमित कुमार के गायन की उनकी पीठ ठोक कर तारीफ की।

1968 में अमित कुमार ने 16 साल की उम्र में अपने पिता की फिल्म ‘दूर का राही’ के लिये पहला गीत ‘मैं एक पंछी मतवाला रे’ रिकार्ड कराया। पर्दे पर भी यह गीत अमित कुमार पर ही फिल्माया गया, लेकिन जब 1971 में फिल्म रिलीज हुई तो किन्हीं वजहों से फिल्म से इस गीत को हटा दिया गया। इस गीत को अमित कुमार की अवाज में फिर से फिल्म ‘ममता की छांव’ के लिए रिकार्ड किया गया।

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सही मायनों में अमित कुमार को फिल्मों में पार्श्व गायन का मौका फिल्म ‘बालिका वधू’ से मिला। इस गीत में जहां उनकी आवाज पर किशोर कुमार की छाप दिखी, वहीं उनका मौलिक रंग भी महसूस किया गया। लेकिन फिल्म ‘लव स्टोरी’ (1980) ने अमित कुमार को सुपर स्टार बना दिया। इस फिल्म के गीत ‘याद आ रही है’ के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड मिला।

इसके बाद तो कई सुपर हिट गीत उनके खाते में आए। उन्होंने स्टेज पर सैकड़ों बार अपने पिता के साथ गीत गाए, लेकिन जिंदगी का एक यादगार मौका उन्हें फिल्म ‘कसमें वादे’ के दौरान मिला जब उन्होंने अपने पिता के साथ ‘आती रहेंगी बहारें’ गीत गाया। न जाने क्या हुआ कि अमित कुमार को कामयाबी तो मिलती रही, लेकिन कुछ समय के लिये ही। उन पर पिता की आवाज की नकल करने के आरोप लगते रहे, पर अमित कुमार मेहनत से गाते रहे। उन्होंने कई बार सफाई भी दी कि अगर उनकी आवाज उनके पिता से मिलती है तो इसमें उनका क्या दोष है।

अमित कुमार ने खुद को साबित करने के लिये कई बार वापसी की। 2006 में प्रीतम के संगीत में फिल्म ‘अपना सपना मनी मनी’ के लिये ‘देखा जो तुझे यार दिल में बजी गिटार’ गीत गा कर अपनी श्रेष्ठता साबित की। मगर अमित को अस्सी के दश्क के कुछ सालों के अलावा फिल्मों में लगातार मौके नहीं मिल पाए। किशोर कुमार की मृत्यु के बाद अमित कुमार ने खुद को एक संगीतकार के रूप में गढ़ने में काफी मेहनत की। उनके कई प्राइवेट एलबम भी जारी हुए।

और अब जब उनकी 15 साल की बेटी मुक्तिका गांगुली और छोटे भाई सुमित गायन के क्षेत्र में हाथ आजमाने लगे हैं, अमित कुमार अपने पिता की तरह ही इस नयीं पीढ़ी को तराशने में मेहनत कर रहे हैं। दो साल पहले मुक्तिका ने एक वीडियो गीत में अपना हुनर दिखाया था। फिलहाल अमित अपनी ऑन लाइन म्यूजिक कंपनी के जरिये दूसरी नयी प्रतिभाओं को भी तराश रहे हैं।

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