
अभी तो फिल्मी सफर चल ही रहा था। पर्दा चाहे बड़ा हो या छोटा, 90 की उम्र तक भी वही ठसक, चाल में वही मर्दानगी, और बोली ऐसी मानो हर शब्द संवाद की तरह का हो। एकदम वही 25 साल वाला युवा अंदाज जो 89 की उम्र में भी छलकता रहा।
300 से ज्यादा फिल्मों में पर्दे पर अपनी अदाकारी से असर छोड़ जाने वाले 'ही-मैन', जिन्होंने हमेशा दर्शकों को कहा कि 'गर तुम भूला ना दोगे, सपने ये सच ही होंगे, हम तुम जुदा ना होंगे,' लेकिन, अपने 90वें जन्मदिन को मनाने से ठीक पहले दर्शकों के दिलों में अपनी यादों का कारवां छोड़कर चले गए महान अभिनेता धर्मेंद्र।
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89+ की उम्र में भी चेहरे पर उनकी वह चमक थी, जो उनके परिवार में किसी के चेहरे में नहीं। 2 पत्नियां, 6 बच्चे और 13 नाती-पोते, लेकिन कोई उनकी तरह का कलाकार नहीं। वह 'ही-मैन' थे जिनकी आवाज जब-जब पर्दे पर गूंजी, दर्शकों ने कुर्सी पर अपने आपको स्थिर कर लिया। चाहे किरदार नायक का हो या खलनायक का, आवाज में इतनी दबंगई कि उनकी पर्दे पर उपस्थिति में हर तरफ केवल उनका ही किरदार चमकता।
महज 19 साल की उम्र में सदी के इस नायक ने प्रकाश कौर से शादी रचाई थी। तब तो सिनेमा के पर्दे पर उनका पदार्पण भी नहीं हुआ था। ऐसे में उनके चार बच्चे हुए: दो बेटे सनी देओल और बॉबी देओल एवं दो बेटियां, विजेता देओल और अजीता देओल।
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परिवार चलता रहा और धर्मेंद्र पर्दे पर मशहूर होते रहे। 70 के दशक तक धर्मेंद्र हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार किए जाने लगे थे। इसी दशक में एक फिल्म आई 'शोले', जिसमें उनके साथ पर्दे पर हेमा मालिनी नजर आईं और फिर क्या था, कुछ दिनों बाद खबर आई कि दोनों ने शादी रचा ली है। खबर यहां तक थी कि पहली पत्नी प्रकाश कौर ने तलाक देने से मना कर दिया, तो धर्मेंद्र ने इस्लाम धर्म अपनाकर हेमा से ब्याह कर लिया। हालांकि 2004 में धर्मेंद्र ने इन अफवाहों को खारिज कर दिया था।
हालांकि समय के साथ यह भी बात सुर्खियों में रही कि धर्मेंद्र न तो हेमा के साथ रहते थे न प्रकाश के साथ, वह तो लोनावाला वाले अपने फॉर्म हाउस पर अकेले रहते थे। वैसे धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की शादी से दो बेटियां हुईं, ईशा और अहाना।
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धर्मेंद्र केवल 6 बेटे-बेटियों के पिता नहीं थे। उम्र के इस पड़ाव पर आते-आते उनका घर नाती-पोतों से भर गया। सनी के दो बेटे, बॉबी के दो बेटे, विजेता के एक बेटा और एक बेटी, अजीता की दो बेटियां, ईशा की दो बेटियां, और अहाना के तीन बच्चे एक बेटा और दो जुड़वां बेटियां। यानी उनके नाती-नातिन और पोते-पोते की संख्या कुल मिलाकर 13 है।
8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के नसराली गांव में धर्मेंद्र केवल कृष्ण देओल का जन्म हुआ था। उनके माता-पिता, केवल कृष्ण और सतवंत कौर, एक पंजाबी जाट परिवार से आते हैं। उनका पैतृक गांव दांगों है, जो लुधियाना के पास पाकहोवाल तहसील रायकोट में स्थित है।
2012 में धर्मेंद्र को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। राजनीति में भी धर्मेंद्र ने अपनी किस्मत आजमायी और 2004 में बीजेपी के टिकट पर राजस्थान के बीकानेर सीट से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचे।
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वैसे तो धर्मेंद्र की जोड़ी उनके जमाने की हर अभिनेत्री के साथ पर्दे पर पसंद की गई, लेकिन हेमा मालिनी के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खास प्यार दिया। 28 फिल्मों में इस जोड़ी ने एक साथ काम किया। फिर एक समय आया जब धर्मेंद्र ने अपना एक प्रोडक्शन हाउस बनाया और तीन फिल्में प्रोड्यूस की और तीनों ही सुपरहिट रहीं। उसी समय हेमा मालिनी ने भी तीन फिल्मों का डायरेक्शन किया और उनकी तीनों फिल्मों को दर्शकों ने नकार दिया।
धर्मेंद्र ने 12 साल के अंतराल में तीन फिल्में प्रोड्यूस की थीं 'बेताब', 'घायल' और 'घातक'। तीनों ने पर्दे पर धमाल मचा दिया था। वहीं, हेमा मालिनी ने जिन तीन फिल्मों 'दिल आशिना है', 'टेल मी ओ खुदा' और 'मोहिनी' का डायरेक्शन किया, वे दर्शकों को पसंद नहीं आईं।
धर्मेंद्र की प्रोडक्शन कंपनी विजेता फिल्म्स के बैनर तले ही बॉबी देओल को भी लॉन्च किया गया। फिल्म थी 'बरसात' और ये सुपरहिट रही थी।
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वैसे धर्मेंद्र के लिए फिल्मी दुनिया तक पहुंचने की राह आसान नहीं थी। 1958 में उन्होंने फिल्मफेयर टैलेंट कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और एक ऐसे सफर पर निकल पड़े जिसकी मंजिल तक पहुंचने के लिए कोई एक सही रास्ता नहीं था, बल्कि पगडंडियों की भूल-भुलैया थी, लेकिन धर्मेंद्र डटे और अड़े रहे और इसी बात ने उन्हें कामयाबी, शोहरत और पैसा सब दिलाया।
1960 में आई फ़िल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' के साथ उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया, लेकिन पर्दे पर अंक अकेले हीरो के तौर पर उनकी पहली फिल्म 'फूल और पत्थर' (1966) थी। इसी फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ हीरो के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी नवाजा गया। फिर 70 के दशक में आते-आते दर्शकों के बीच इस रोमांटिक हीरो की पहचान एक एक्शन हीरो के तौर पर होने लगी। यह वही 70 का दशक था जब धर्मेन्द्र को दुनिया के सबसे हैंडसम मर्दों में से एक चुना गया था। यह सम्मान पाने वाले वह भारत के पहले शख्स थे। उन्हें 'वर्ल्ड आयरन मैन' का खिताब भी मिला। 1997 में उन्हें फिल्मों में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया।
धर्मेंद्र को दर्शक इनकी साल 1975 में आई उनकी फिल्म 'शोले' के लिए जानते हैं, लेकिन इसी साल 'ही-मैन' की एक और फिल्म आई थी जिसे धर्मेंद्र के भाई अजित सिंह देओल ने प्रोड्यूस किया था। फिल्म का नाम था 'प्रतिज्ञा' और इस फिल्म में उनके साथ हेमा मालिनी नजर आई थीं। फिल्म का एक गाना ‘मैं जट यमला पगला दीवाना' तो इतना सुना गया कि यह आज भी ये लोगों की जुबां पर है। इसी फिल्म से धर्मेंद्र को ‘गरम धरम' का टैग मिला।
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70 का दशक ही था जब बॉलीवुड में सुपरस्टार राजेश खन्ना का सिक्का चल रहा था, जिसे टक्कर देने वाले एकमात्र अभिनेता धर्मेंद्र थे। इस दशक में केवल शोले ही नहीं, धर्मेंद्र ने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं, जिनमें जीवन मृत्यु, प्रतिज्ञा, लोफर, धर्मवीर, यादों की बारात जैसी फिल्में शामिल हैं।
धर्मेंद्र साल 2025 में अपनी एक और फिल्म लेकर दर्शकों के बीच आने वाले थे। फिल्म का नाम है 'इक्कीस' जो रिलीज के लिए तैयार है। दर्शकों को इसकी खुशी मिलती इससे पहले पूरी फिल्म इंडस्ट्री के साथ अपने चाहने वालों को अकेला छोड़ गए 'गर तुम भूला ना दोगे, सपने ये सच ही होंगे, हम तुम जुदा ना होंगे' कहने वाले 'ही-मैन'।
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