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मोदी सरकार में 4600 करोड़ का दाल घोटाला! कांग्रेस ने कहा– दाल में काला नहीं, पूरी दाल ही काली

प्रधानमंत्री मोदी के प्रसिद्ध वादे “न खाउंगा न, खाने दूंगा” के उलट मोदी सरकार का हज़ारों करोड़ का दाल घोटाला सामने आया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

प्रधानमंत्री मोदी के प्रसिद्ध वादे “न खाउंगा न, खाने दूंगा” के उलट मोदी सरकार का हज़ारों करोड़ का दाल घोटाला सामने आया है। कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट में वकील, अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया है कि साल 2018 से लेकर 2022 के बीच में मोदी सरकार की नीतियों की वजह से 4600 करोड़ का दाल घोटाला हुआ है।

Published: 28 Apr 2022, 10:45 PM IST

दाल घोटाले का संबंध नाफेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Ltd) यानि राष्ट्रीय कृषि सहरकारी बाज़ार संघ से है। सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सिंघवी ने बताया कि किस प्रकार मोदी सरकार द्वारा नियमों में मामूली बदलाव करने की वजह से 4600 करोड़ का घोटाला संभव हो सका।

सिंघवी ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने दाल बनाने की पूरी प्रक्रिया में तीन बदलाव किए जिसकी वजह से यह घोटाला संभव हो सका।

Published: 28 Apr 2022, 10:45 PM IST

पहला बदलाव – सिंघवी के दावे के मुताबिक मोदी सरकार ने न्यूनतम बोली के नियम को हटा दिया

दूसरा बदलाव - अधिकतम दाल निकालने की सीमा समाप्त कर दी

2018 से पहले नियम था कि न्यूनतम बोली लगाने वाले दाल मिल के मालिक को चने या अरहर से दाल निकालने का ठेका दिया जाता था। सरकार की शर्त यह होती थी कि अधिकतम दाल निकाली जाएगी।

Published: 28 Apr 2022, 10:45 PM IST

सिंघवी ने कहा कि, “इसका दुष्प्रभाव यह हुआ कि जो 10, 15 बड़े मिलर होते हैं, उन्होंने पूरा सिस्टम काबू कर लिया। 100 क्विंटल चने से दाल निकालने का काम बड़े मिल मालिक ही कर सकते हैं। अगर सिर्फ तीन-चार बड़े मिल मालिक सरकार को एक फीगर दें कि कि हम तो 100 किलोग्राम से 60 किलोग्राम ही दाल निकाल सकते हैं और सरकार के पास कोई न्यूनतम मापदंड नहीं है तो घोटाला होगा ही।”

Published: 28 Apr 2022, 10:45 PM IST

सिंघवी ने यह भी कहा कि दाल घोटाला सामने नहीं आता अगर कोविड महामारी के दौरान सरकार गरीबों को फ्री में राशन देने का ऐलान नहीं करती। हैरानी की बात यह है कि खुद नाफेड ने चिट्ठी लिखकर सरकार से अपील की थी कि दाल बनाने के संबंध में 2018 से पूर्व के नियम फिर से लागू किए जाएं लेकिन सरकार ने इस अपील पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

Published: 28 Apr 2022, 10:45 PM IST

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Published: 28 Apr 2022, 10:45 PM IST