तीन तलाक के मुद्दे पर महिलाओं की हक की बात करने वाली बीजेपी का सबरीमाला मुद्दे पर दोहरा रवैया सबके सामने आ गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने केरल के कन्नूर में सभा को संबोधित करते हुए सबरीमाला पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सबरीमाला में श्रद्धालुओं का दमन किया जा रहा है। शाह ने कहा कि राज्य की हिंदू जनता के धार्मिक विश्वास से राज्य की कम्यूनिस्ट सरकार का संघर्ष चल रहा है।
अमित शाह ने सबरीमाला पर केरल सरकार को परिणाम भुगतने की धमकी दी। इसके जवाब में सीएम पिनरई विजयन ने कहा कि उन्हें यह याद रखना चाहिए कि यह जनता की चुनी हुई सरकार है, बीजेपी की कृपा से नहीं है।
Published: 27 Oct 2018, 4:47 PM IST
अपने इस बयान के दौरान अमित शाह भूल गए कि राज्य सरकार ने सिर्फ वही किया जो सुप्रीम कोर्ट ने उसे करने के लिए कहा था। सबरीमाला के कपाट खुलने के बाद राज्य की पुलिस ने 10 साल से ज्याद और 50 साल से कम उम्र की महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिश की ताकि वे मंदिर के दर्शन कर सकें, और सुप्रीम कोर्ट का देश भी यही था। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अदालत के फैसले के नाम पर, जो लोग हिंसा को उत्तेजित करना चाहते हैं, उन्हें मैं बता दूं कि देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो विभिन्न नियमों और मानदंडों पर चलते हैं।
Published: 27 Oct 2018, 4:47 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर, 2018 को फैसला सुनाते हुए सभी उम्र की महिलओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने साफ-साफ कहा था, “महिलाएं समाज में बराबर की हिस्सेदार हैं। पुरानी मान्यताएं और पितृसत्तात्मक सोच आड़े नहीं आनी चाहिए। समाज को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी।” यह कहते हुए कोर्ट ने 53 साल पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया था।
कोर्ट के फैसले से ये साफ हो गया था कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाना उनके अधिकार का हनन है। लेकिन, कन्नूर में सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जरा भी गौर नहीं किया। केरल में सत्त पाने की जुगत में गिद्ध की तरह नजरें गड़ाये बीजेपी के अध्यक्ष ने कहा कि सबरीमाला को लेकर केरल सरकार 2 हजार से ज्यादा बीजेपी और आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या करवा चुकी है।
Published: 27 Oct 2018, 4:47 PM IST
तीन तलाक के मुद्दे पर महिलाओं की हक की बात करने वाली बीजेपी लगातार सबरीमाला के मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाए हुए है। साफ है, केरल एक ऐसा राज्य जहां राजनीतिक तौर पर बीजेपी का सूखा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक बीजेपी इस राज्य में साम दाम दंड भेद सब अपना चुकी है, लेकिन अपने अस्तित्व में आने के बाद से केरल में बीजेपी को कभी सत्ता का स्वाद चखने को नहीं मिल पाया।
Published: 27 Oct 2018, 4:47 PM IST
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Published: 27 Oct 2018, 4:47 PM IST