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नए साल में बंगाल का बकाया चुकाया जाए, प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करें; टीएमसी ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

तृणमूल नेता ने यह भी कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि सुनिश्चित करना, विदेशी निवेश आकर्षित करना, रुपये को मजबूत बनाना, ‘‘सभी के लिए भोजन’’ प्रदान करना और समान वेतन सुनिश्चित करने जैसे आर्थिक उपाय केंद्र सरकार को करने चाहिए।

फोटो: Getty Images
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तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार को नए साल में पश्चिम बंगाल का मनरेगा का बकाया चुकाना चाहिए और मणिपुर में हिंसा तथा देश में महंगाई पर अंकुश लगाने और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए।

अपने ब्लॉग में एक पोस्ट में तृणमूल नेता ने 25 चीजें सूचीबद्ध करते हुए कहा कि केंद्र को 2025 में इन्हें करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महंगाई को नियंत्रित करना पहला कदम होना चाहिए।

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तृणमूल नेता ने यह भी कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि सुनिश्चित करना, विदेशी निवेश आकर्षित करना, रुपये को मजबूत बनाना, ‘‘सभी के लिए भोजन’’ प्रदान करना और समान वेतन सुनिश्चित करने जैसे आर्थिक उपाय केंद्र सरकार को करने चाहिए।

उन्होंने कहा कि केंद्र को ‘‘आम आदमी’’ के हित में काम करना चाहिए। ओ'ब्रायन ने कहा कि पिछले चार वर्षों में, औद्योगिक क्षेत्र के लिए कुल 5.65 लाख करोड़ रुपये की राशि माफ की गई है, जबकि सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाले कृषि क्षेत्र पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से ऋण माफ़ी के मामले में सबसे कम ध्यान दिया गया।

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केंद्र से पश्चिम बंगाल का बकाया चुकाने की मांग करते हुए राज्यसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता ओ'ब्रायन ने कहा कि केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य का 1,500 करोड़ रुपये बकाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘धन का भुगतान न होने से 59 लाख मनरेगा श्रमिकों की आजीविका पर सीधा असर पड़ा है।’’

मणिपुर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां एक साल से अधिक समय से हिंसा जारी है, जिसके कारण 67,000 लोगों का विस्थापन हुआ है जिनमें 14,000 स्कूली छात्र हैं।

ओ'ब्रायन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने अभी तक राज्य तक का दौरा नहीं किया है।’’

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तृणमूल नेता ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में निलंबित विपक्षी सांसदों की संख्या 13 गुना बढ़ गई है और पिछले 10 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किए गए 95 प्रतिशत मामले विपक्ष के लोगों के खिलाफ थे।

ओ'ब्रायन ने इस बात पर भी जोर दिया कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जानी चाहिए।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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