सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद में उनकी कथित "केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं" टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की खंडपीठ ने आदेश पारित किया और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर यादव द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका पर जवाब मांगा।
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यादव ने आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई गुजरात से बिहार स्थानांतरित करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। आपराधिक मानहानि का मुकदमा अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष दायर किया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता और अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निरोधक एवं अपराध निरोधक परिषद नामक संगठन के उपाध्यक्ष हरेश मेहता ने यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
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उपमुख्यमंत्री ने अपने वकील अजय विक्रम सिंह के माध्यम से मामले को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की अगली सुनवाई 2024 के जनवरी महीने में होगी।
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यह शिकायत यादव की मार्च में पटना में की गई कथित टिप्पणी पर आधारित है। आरोप है कि यादव ने कहा, ''आज के समय में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उन्हें इसके लिए माफ भी किया जाएगा।''
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ये टिप्पणियां गुजरातियों को सार्वजनिक रूप से बदनाम और अपमानित करती हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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