
नए साल में बिहार पुलिस और हाईटेक नजर आएगी। अब तक प्रदेश में शराब तस्करों को पकड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब पुलिस विधि-व्यवस्था से लेकर ट्रैफिक नियंत्रण तक ड्रोन की मदद लेगी।
अपराधियों के विरुद्ध छापेमारी, रेकी आदि में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल, राज्य के सभी जिलों में ड्रोन पुलिस यूनिट का गठन करने की योजना बनाई गई है। यह यूनिट खासकर दियारा इलाके में शराब और बालू माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अफीम की अवैध खेती पर भी ड्रोन की मदद से नजर रखेगी। पुलिस का विशेष कार्य बल (एसटीएफ) इसकी नोडल एजेंसी होगी।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस आवश्यकता के मुताबिक जल्द ही ड्रोन की खरीददारी करेगी। ड्रोन संचालन के लिए पुलिस को विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। अलग-अलग वजनों के ड्रोन उड़ाने के लिए ड्रोन पायलट लाइसेंस भी प्राप्त किया जाएगा।
बताया जाता है कि ड्रोन यूनिट बनाने के लिए बिहार पुलिस ने तमिलनाडु पुलिस, उत्तराखंड पुलिस और वायुसेना की भी मदद ली है। ड्रोन पुलिस यूनिट में आवश्यकता के अनुसार 250 ग्राम से लेकर 1.50 क्विंटल तक के ड्रोन का इस्तेमाल किया जाना है। पुलिस मुख्यालय का मानना है कि आपराधिक वारदातों के उद्भेदन और निष्पादन में हो रही देरी को कम करने में भी इससे मदद मिलेगी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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