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उत्तर प्रदेशः अपनी सरकार से दुखी बीजेपी विधायकों ने कहा, भ्रष्ट है योगी सरकार

योगी आदित्यनाथ लगातार यह दावा करते हैं कि उनकी सरकार विकास के लिए समर्पित है और भ्रष्टाचार मुक्त है, लेकिन खुद उनकी ही पार्टी के कई विधायक उनके इन दावों की पोल खोल रहे हैं। 

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने 16 नवंबर को 3 पुलिसकर्मियों समेत 8 ऐसे अधिकारियों की सूची जारी की, जिन्हें भ्रष्टाचार में शामिल होने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के जरिये योगी सरकार ने खुद को एक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के तौर पर पेश करने की कोशिश की। लेकिन सरकार के इस दावे का विरोध विपक्ष की ओर से नहीं, बल्कि बीजेपी के ही विधायकों द्वारा किया गया जिन्होंने कहा कि सरकार के कामकाज में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।

विभिन्न समन्वय समितियों की बैठक के दौरान सत्ताधारी पार्टी के करीब आधा दर्जन विधायकों ने वरिष्ठ पार्टी नेताओं और मंत्रियों से कहा है कि योगी सरकार में भी अधिकारी उसी तरह भ्रष्ट हैं जिस तरह वे बहुजन समाज ,पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों में थे।

विधायकों ने कहा कि सरकार में भ्रष्टाचार का स्तर बहुत ऊंचा है। सभी सरकारी विभागों में कोई भी काम सुविधा शुल्क (रिश्वत) देने पर ही होता है। यह तथ्य है कि अगर आप अधिकारियों और बाबुओं (क्लर्क) को रिश्वत नहीं देते हैं तो फाइल आगे नहीं बढ़ेगी।

लखीमपुर खीरी के पल्लिआ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हरविंदर ‘रोमी’ साहनी ने कहा कि खीरी में सभी विभागों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि चाहे पुलिस हो या स्वास्थ्य और शिक्षा या ग्रामीण विकास विभाग, अपना काम कराने के लिए लोगों को हर विभाग में रिश्वत देना पड़ता है। सरकार और पार्टी के बीच समन्वय दिखाने के लिए बुलाई गई बैठक में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “योगी राज की स्थिति अखिलेश और मायावाती के राज से बेहतर नहीं हैं।”

इस तरह की समितियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिमाग की उपज हैं। ये जनपद-आधारित समितियां हैं जिनके अध्यक्ष उस जिले के प्रभारी मंत्री होते हैं। विधायकों को सरकार और पार्टी के बीच समन्वय पर ध्यान रखते हुए सरकार के प्रदर्शन के बारे में अपनी राय देने के लिए कहा गया है। इन समितियों की बैठक एक पखवाड़े पर आयोजित की जाती है और इसमें मिलने वाली प्रतिक्रियाओं को मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडे के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

खेल और युवा मामलों के मंत्री चेतन चौहान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल से विधायक विजय कश्यप ने कहा कि उनके जिले में पुलिस बहुत भ्रष्ट है। उन्होंने कहा, “थाने में लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।”

जौनपुर जिले के बदलापुर से विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि जिले में कई अधिकारी पिछले 5 साल से ज्यादा से तैनात हैं, जिनमें ग्रामीण विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी और कई पुलिस स्टेशनों में तैनात पुलिस अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “ये अधिकारी लोगों की दुर्दशा के प्रति असंवेदनशील हैं जिसका नतीजा है कि सरकारी योजनाएं अपेक्षित परिणाम नहीं दे रही हैं।”

कुशीनगर जिले से बीजेपी विधायक रजनीकांत मणी त्रिपाठी ने जिले में बिजली संकट के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति अनियमित है। उन्होंने यह भी कहा कि गांवों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति के आश्वासन के बावजूद जिले के गांवों में मुश्किल से 4 से 5 घंटे के लिए बिजली की आपूर्ति होती है।

उन्होंने समिति के सदस्यों को बताया, "पिछले एक हफ्ते में 23 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं और उनको बदलने में 20 से 25 दिन लग गए। सरकार का दावा है कि 48 घंटे के भीतर ट्रांसफॉर्मर बदल दिया गया, लेकिन ऐसा नहीं है ।"

Published: 17 Nov 2017, 10:38 PM IST

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Published: 17 Nov 2017, 10:38 PM IST