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'BJP ने अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर लोगों को गुमराह किया', सचिन पायलट ने चुनाव आयोग को भी घेरा

सचिन पायलट ने कहा, “सवाल है कि बिहार की मतदाता सूची से लाखों नाम कैसे हटाए गए। राहुल गांधीजी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें वोट चोरी और नामों को हटाने के बारे में जानकारी दी। दुर्भाग्य से, चुनाव आयोग ने जांच का आदेश देने पर भी विचार नहीं किया।”

फाइल फोटोः विपिन
फाइल फोटोः विपिन 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी पर अवैध प्रवासियों के मुद्दों को लेकर लोगों को गुमराह करने और पिछले 11 वर्षों से केंद्र में सत्ता में रहने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

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छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी ने आज राज्य के बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

कांग्रेस नेता ने कहा, “जो भी अवैध प्रवासी है, उसे कानून के अनुसार देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। यहां अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, और हम इस तरह की कार्रवाई का पूरा समर्थन करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 11 वर्षों से वे केवल भाषणों के माध्यम से लोगों को गुमराह कर रहे हैं। आंकड़े प्रस्तुत करना चाहिए और दिखाना चाहिए कि उन्होंने वहां (अवैध प्रवासियों के खिलाफ) क्या कार्रवाई की है।’’

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पायलट ने कहा, "यह और कुछ नहीं बल्कि लोगों को गुमराह करने के लिए चुनावों के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली नौटंकी है और झूठा दावा है कि कांग्रेस अवैध प्रवासियों के साथ खड़ी है।"

उन्होंने कहा कि देश में कानून और व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए छत्तीसगढ़ में (शुक्रवार से) पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, लेकिन राज्य के भीतर ही अपराध बढ़ रहे हैं।

पायलट ने आरोप लगाया, "छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ लूटपाट, और अपराध हो रहे हैं, फिर भी कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।”

मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिये जारी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) पर, पायलट ने सवाल किया कि चुनाव आयोग कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत कथित मतदाता सूची धोखाधड़ी के दस्तावेजों और आंकड़ों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा।

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उन्होंने कहा, “सवाल है कि बिहार की मतदाता सूची से लाखों नाम कैसे हटाए गए। राहुल गांधीजी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें वोट चोरी और नामों को हटाने के बारे में जानकारी दी। दुर्भाग्य से, चुनाव आयोग ने जांच का आदेश देने पर भी विचार नहीं किया।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को डर है कि इस दौरान दलित, आदिवासी, गरीब और पिछड़े समुदायों के वास्तविक मतदाताओं को निशाना बनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि इस देश में कोई भी वास्तविक मतदाता बाहर न हो। हम निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाए रखेंगे। बीजेपी नेता बार-बार जनता को गुमराह करने के लिए ‘घुसपैठियों’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो भी अवैध प्रवासी है और जो अवैध रूप से मतदान कर रहा है, उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”

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पायलट ने कहा, “ उनके शब्दों और कार्यों के बीच एक स्पष्ट अंतर है। संसद में सवाल पूछे गए थे, फिर भी कोई स्पष्ट आंकड़े नहीं दिए गए थे।”

उन्होंने कहा, "अगर छत्तीसगढ़ में कोई गरीब, पिछड़ा, कमजोर या अशिक्षित है, तो क्या वह उन्हें घुसपैठिया बता रहे है? जो किसान अभी बुवाई और कटाई कर रहे हैं, क्या उनके पास दस्तावेज एकत्र करने का समय है? कई लोग एक दिन में दो बार भोजन भी नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस ऐसे लोगों के साथ खड़ी है।"

शीर्ष माओवादी कमांडर हिडमा के मुठभेड़ पर कांग्रेस के रुख के बारे में एक सवाल के जवाब में, पायलट ने कहा कि कांग्रेस का चरमपंथ से लड़ने का एक लंबा इतिहास रहा है।

उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि हमारे रुख पर सवाल उठाया जा रहा है। आजादी से पहले, और पिछले 75 वर्षों में, कांग्रेस ने हमेशा इस देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को प्राथमिकता दी है। हमारे नेताओं ने आतंकवाद के आगे झुकने के बजाय अपने जीवन का बलिदान दिया। इन ताकतों का सामना किया और उन्हें हराया।”

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पायलट ने कहा, “जो कोई भी हिंसा का सहारा लेता है, राष्ट्रीय हित के खिलाफ काम करता है, या कानून का उल्लंघन करता है, उसे सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। छत्तीसगढ़ में नक्सल हमले में कांग्रेस ने एक पूरी पीढ़ी खो दी है। कोई हम पर ऐसी ताकतों का समर्थन करने का आरोप कैसे लगा सकता है? हमारे लिए, राष्ट्र पहले आता है। राष्ट्रीय सुरक्षा पहले आती है। पार्टी और विचारधारा आती है बाद में।”

उन्होंने इस दौरान बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर विपक्ष, मीडिया और नागरिकों को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

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