सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और स्थानीय प्रशासन पर तीखा हमला करते हुए समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने और अयोध्या में मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया। उन्होंने निर्वाचन आयोग से कार्रवाई की भी मांग की।
पार्टी द्वारा यहां जारी एक बयान में यादव ने दावा किया, ‘‘पुलिस-प्रशासन का रवैया अलोकतांत्रिक रहा। दर्जनों बूथों पर समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया।’’
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एसपी प्रमुख ने आरोप लगाया, ‘‘बीजेपी ने मिल्कीपुर में बेईमानी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। बीजेपी के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला। पुलिस-प्रशासन ने बीजेपी के गुंडों को खुली छूट देकर चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया।’’
यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन ने मतदाताओं के बीच डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के समर्थकों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने फर्जी मतदान किया है।
यादव ने कहा कि फर्जी मतदान करते हुए कुछ लोगों को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने स्वयं पकड़ा है।
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उन्होंने कहा, ‘‘मिल्कीपुर उपचुनाव में रायपट्टी अमानीगंज में फर्जी वोट डालने की बात अपने मुंह से कहने वाले ने साफ कर दिया कि बीजेपी सरकार में अधिकारी किस तरह से धांधली में लिप्त हैं। निर्वाचन आयोग को और क्या सबूत चाहिए।’’
यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया के जरिए निर्वाचन आयोग से शिकायत की कि कुछ बूथों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार एवं चौकी प्रभारी (खंडासा) अनुराग पाठक और पीठासीन अधिकारी ने मिलकर मतदान को प्रभावित किया।
उन्होंने दावा किया कि मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में कई मतदान केन्द्रों पर समाजवादी पार्टी के एजेंटों को या तो बाहर कर दिया गया या एजेन्ट ही नहीं बनाया गया। ज्यादातर बूथों पर ईवीएम खराब होने की शिकायतें मिलीं।
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सपा नेता ने कहा कि ईवीएम तो कई जगह खराब रही परन्तु कुटिया अमानीगंज में दो घंटे से ज्यादा मशीन खराब रही और मतदान बाधित रहा। उन्होंने कहा कि पर्ची के बावजूद कई जगहों पर मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया।
यादव ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर उनकी पहचान करने के बहाने उन्हें ‘‘भयभीत और अपमानित’’ किया गया।
यादव ने आरोप लगाया, ‘‘बीजेपी ने चुनाव प्रक्रिया को ध्वस्त कर दिया है। वह लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है। उपचुनाव सिर्फ खानापूर्ति आयोजन बनकर रह गया है। सरकार के अधिकारी, कर्मचारी खुलेआम फर्जी मतदान कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के समर्थक मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया।’’
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मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है क्योंकि यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है।
पिछले साल के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद द्वारा सीट खाली करने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस सीट पर शाम पांच बजे तक 65.25 फीसदी वोट डाले गए। सपा जहां सीट बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, वहीं बीजेपी इस चुनाव को फैजाबाद में अपनी हार का बदला लेने के अवसर के रूप में देख रही है।
वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर अयोध्या जिले की एकमात्र विधानसभा सीट थी, जहां बीजेपी हारी थी।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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