कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए आम बजट में कोई दर्शन नहीं था, बल्कि यह राजनीति से प्रेरित था और इसके उद्देश्य की पूर्ति पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों से हो गई।
राज्यसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य पी चिदंबरम ने कहा कि ऐसा नहीं है कि आयकर में कटौती के प्रस्ताव का फायदा केवल मध्यम वर्ग को ही होगा, बल्कि ‘बहुत अमीर’ और ‘सबसे अमीर’ लोगों को भी होने वाला है।
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चिदंबरम ने कहा, ‘‘बजट के पीछे कोई दर्शन नहीं है। यह स्पष्ट है कि बजट राजनीति से प्रेरित था। मैं इसके बारे में विस्तार से नहीं बता सकता, लेकिन मैं वित्त मंत्री को कुछ दिन पहले अपने एक उद्देश्य को पूरा करने के लिए बधाई देता हूं ... वित्त मंत्री को बधाई।’’
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कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य का इशारा स्पष्ट तौर पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों की ओर था। इस चुनाव के बीच केंद्रीय बजट में आयकर प्रस्तावों के संबंध में घोषणा की गई थी। चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की हार और भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई।
चिदंबरम ने कहा कि इस बजट में वित्त मंत्री का मुख्य जोर आयकर में कटौती पर रहा और सभी को पता है कि केवल 3.2 करोड़ व्यक्ति ही आयकर का भुगतान करते हैं। उन्होंने कहा कि बाकी रिटर्न फाइल करते हैं, लेकिन वे शून्य कर का भुगतान करते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस सीमा को सात लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दिया है और यह सभी करदाताओं से लेकर उच्चतम करदाताओं तक पर लागू होगी।
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उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मोटा-मोटा अनुमान है कि अगले वर्ष से लगभग 80 से 85 लाख करदाता कर के दायरे से बाहर हो जाएंगे और 2.5 करोड़ लोगों को लाभ होगा। इन 2.5 करोड़ लोगों में न केवल मध्यम वर्ग शामिल है, जिसकी वित्त मंत्री ने पूरे उत्साह से वकालत की थी, बल्कि इसमें 2,27,315 ऐसे व्यक्ति भी शामिल हैं, जिन्होंने एक करोड़ से अधिक का रिटर्न भरा है। इसमें 100 करोड़ से अधिक का रिटर्न भरने वाले 262 व्यक्ति और 5000 करोड़ से अधिक का रिटर्न भरने वाले 23 व्यक्ति शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि इससे केवल मध्यम वर्ग को ही लाभ नहीं हो रहा है, बल्कि इससे ‘बहुत अमीर और सबसे अमीर लोगों’ को भी लाभ हो रहा है।
पूर्व वित्त मंत्री ने बजट प्रस्तावों में विदेश मंत्रालय के बजट को कम किए जाने को भी रेखांकित किया।
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उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने इस सभा से विदेश मंत्रालय के लिए 20,517 करोड़ रुपये विनियोजित करने को कहा है। सामान्यत: विदेश मंत्रालय का उल्लेख बजट भाषण में नहीं होता है, लेकिन मैं विदेश मंत्रालय से शुरू करना चाहता हूं।’’
उन्होंने विदेश मंत्रालय के बजट आवंटन में हो रही कमी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या हम अपनी वैश्विक उपस्थिति को कम कर रहे हैं, या हम दूतावासों को बंद कर रहे हैं या फिर वाणिज्य दूतावास बंद कर रहे हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘कृपया स्पष्ट करें।’’
चिदंबरम ने पिछले दिनों अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे प्रवासी भारतीयों को निर्वासित किए जाने का मुद्दा भी उठाया और दावा किया कि अब यह स्पष्ट है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को निर्वासन के बारे में सूचित किया था।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘उन्होंने भारत को एक सूची दी। विदेश मंत्रालय ने सूची की पुष्टि की कि 104 नाम भारतीय नागरिकों के हैं।’’
उन्होंने कहा कि निर्वासन से कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की थी।
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उन्होंने सवाल किया कि क्या इस मुलाकात के दौरान जयशंकर ने मानक संचालन प्रक्रिया का वह मुद्दा उठाया था, जिसमें निर्वासित किए जा रहे लोगों को हथकड़ी लगाने और पैरों को रस्सियों से बांधने का जिक्र था।
उन्होंने पूछा कि अगर ऐसा था तो भारत ने इसका विरोध क्यों नहीं किया।
चिदंबरम ने यह भी पूछा कि क्या जयशंकर ने अमेरिका को यह प्रस्ताव दिया था कि अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत सरकार एक विमान भेजेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘एक और गंभीर मामला है कि अमेरिका ने 483 भारतीयों की सूची तैयार की है, जिनकी पहचान अवैध प्रवासियों के रूप में की गई है। मुझे नहीं पता कि वह उन्हें कब निर्वासित करेंगे। मैं विशेष तौर पर पूछना चाहता हूं कि क्या सरकार भारतीयों को वापस लाने के लिए एक भारतीय विमान भेजेगी।’’
पीटीआई के इनपुट के साथ
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