जून महीने की शुरुआत हो गई, लेकिन अभी तक बिहार के सात जिलों में सरकार द्वारा किसानों से छटांक भर गेहूं की भी खरीदारी नहीं हुई है। गेहूं की खरीद नहीं होने के कारण परेशान किसान बिचौलिओं को औने-पौने के दाम में गेहूं बेचने को मजबूर हैं। राज्य में 30 जून तक गेहूं खरीदा जाना है। जहां खरीद हो रही है, वहां भी रफ्तार काफी धीमी है। सहकारिता विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में अब तक करीब 2700 टन गेहूं की खरीद हो पाई है, जबकि लक्ष्य दो लाख टन का रखा गया है।
Published: 07 Jun 2019, 3:15 PM IST
औरंगाबाद जिले के अंबा के किसान श्याम जी पांडेय कहते हैं कि गेहूं की खेती तो इस साल बड़े उत्साह से की थी और इस खेती के भरोसे ही कई सपने भी संजोए थे। लेकिन अभी तक खरीद शुरू नहीं हो पाने के कारण अगली खेती करने, महाजनों का कर्ज चुकाने और अपनी अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए औने-पौने दाम में गेहूं बेच रहे हैं। यही हाल कई किसानों के भी हैं।
Published: 07 Jun 2019, 3:15 PM IST
सहकारिता विभाग के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि बिहार के 38 जिलों में से सात जिलों- वैशाली, सारण, शेखपुरा, कटिहार, मधुबनी, औरंगाबाद और जमुई में अब तक गेहूं की खरीद शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की जानी थी, मगर लोकसभा चुनाव के कारण शुरू नहीं हो सकी थी, पिछले एक पखवाड़े से खरीद शुरू की गई है।
Published: 07 Jun 2019, 3:15 PM IST
सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद भी मानते हैं कि चुनाव के कारण गेहूं खरीद में देरी हुई है, लेकिन अब इसमें तेजी आई है। उन्होंने दावा किया कि सरकार निश्चित लक्ष्य की प्राप्ति कर लेगी। वहीं सहकारिता विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि इन जिलों में गेहूं की खरीद शुरू नहीं करने असली वजह गोदाम में स्थान नहीं होना है। उनका दावा है कि पैक्स और व्यापार मंडल गेहूं खरीदने से इसीलिए बच रहे हैं।
Published: 07 Jun 2019, 3:15 PM IST
गौरतलब है कि पहले व्यापार मंडल द्वारा ही यहां गेहूं की खरीद की जाती थी, लेकिन पहली बार सहकारिता विभाग प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के माध्यम से भी इस वर्ष गेहूं की खरीद कर रहा है। हालांकि ऐसे पैक्सों को इसमें शामिल नहीं किया गया है, जो पहले से डिफॉल्टर हों या वे जनवितरण प्रणाली की दुकान संचालित कर रहे हैं। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 1500 से ज्यादा समितियों का चयन गेहूं खरीद के लिए किया गया है। सबसे ज्यादा समितियों का चयन मधुबनी जिले में हुआ है, जबकि पटना में गेहूं की खरीद में 135 से ज्यादा समितियां जुटी हुई हैं। सहकारिता का विभाग का दावा है कि सुपौल में अब तक सबसे अधिक गेहूं की खरीद की गई है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 07 Jun 2019, 3:15 PM IST
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Published: 07 Jun 2019, 3:15 PM IST