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'अहंकार की ईंटों से नहीं संवैधानिक मूल्यों से बनती है संसद', राहुल बोले- राष्ट्रपति को नहीं बुलाना संविधान का अपमान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस कार्यक्रम को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं।

सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद राहुल गांधी ने 25 मार्च को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की थी। (फोटो : Getty Images)
सूरत कोर्ट का फैसला आने के बाद राहुल गांधी ने 25 मार्च को दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की थी। (फोटो : Getty Images) 

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्षी दलों की मांग है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा करवाया जाना चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। इसकी वजह से कांग्रेस, टीएमसी, आप सहित 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस कार्यक्रम को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  को नहीं बुलाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। इससे पहले भी उन्होने ट्वीट कर कहा था कि उद्घाटन प्रधानमंत्री नहीं बल्कि राष्ट्रपति से करवाया जाना चाहिए।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी पार्टियों की ओर से बहिष्कार के ऐलान के बाद ट्वीट करते हुए लिखा, “राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है”

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बता दें कि कांग्रेस समेत 19 विपक्षी राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। एक साझा बयान में विपक्षी दलों ने कहा, “नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को पूरी तरह से दरकिनार करना न केवल महामहिम का अपमान है बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला भी है। जब लोकतंत्र की आत्मा को ही संसद से निष्कासित कर दिया गया है, तो हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता। हम नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के अपने सामूहिक निर्णय की घोषणा करते हैं।”

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संसद की नई इमारत के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान करने वाले राजनीतिक दलों में कांग्रेस के अलावा, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, मुस्लिम लीग, जेएमएम, केरल कांग्रेस (एम), वीसीके, आरजेडी, आरएलडी, आरएसपी, नेशनल कांफ्रेंस, जेडीयू और एमडीएमके शामिल हैं।

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