देश

कफ सिरप कांड: सुप्रीम कोर्ट में PIL दाखिल, CBI जांच की मांग

याचिका के अनुसार, कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डीईजी की मात्रा 48.6 फीसद तक पाई गई, जो मानक सीमा से करीब 500 गुना अधिक है। यह रसायन औद्योगिक उपयोग के लिए होता है, लेकिन दवाओं में मिलाने से किडनी फेलियर हो जाता है।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कम से कम 14 बच्चों की मौत के मामले ने देश को झकझोर दिया है। अब वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर इसकी निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

Published: undefined

याचिका में क्या कहा गया है?

याचिका में सिरप में मिले जहरीले रसायनों डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) की बिक्री पर सख्त नियंत्रण की भी मांग उठाई गई है।

याचिका के अनुसार, कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डीईजी की मात्रा 48.6 फीसद तक पाई गई, जो मानक सीमा से करीब 500 गुना अधिक है। यह रसायन औद्योगिक उपयोग के लिए होता है, लेकिन दवाओं में मिलाने से किडनी फेलियर हो जाता है।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9, राजस्थान में 2 और अन्य राज्यों में भी मौतें हुईं। केंद्र सरकार ने सिरप पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन जांच में लापरवाही बरती जा रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

Published: undefined

CBI या राष्ट्रीय आयोग से जांच की मांग

  • विशाल तिवारी ने कोर्ट से मांग की है कि मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के तहत विशेषज्ञ समिति करे। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज इसकी निगरानी करें।

  • उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक स्थान पर स्थानांतरित कर एकीकृत जांच की जानी चाहिए।

Published: undefined

दोषी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

  • याचिकाकर्ता ने मांग की है कि विषैले सिरप बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस तुरंत रद्द कर उन्हें बंद किया जाए और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।

  • इसके साथ ही, बाजार से सभी प्रभावित उत्पाद वापस मंगवाने और एक मजबूत ड्रग्स रिकॉल पॉलिसी बनाने की मांग भी की गई है।

  • इसके अलावा, याचिका में पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की गई है।

Published: undefined

NHRC ने राज्यों को जारी किया नोटिस

  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सोमवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान के स्वास्थ्य विभागों के प्रमुख सचिवों को नोटिस जारी किया था।

  • यह नोटिस दोनों राज्यों में कफ सिरप पीने के बाद 12 बच्चों की मौत के मामले में जारी किया गया है।

Published: undefined

राजनीतिक हलचल और सरकार का रुख

  • इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने जांच का आश्वासन दिया है।

  • जनता और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि दोषियों को बख्शा न जाए और बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार तंत्र के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined