कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर फिर से हमला बोला है। राहुल ने कहा कि जब हमने चोरी पकड़ी तब जाकर चुनाव आयोग को ताला लगाना याद आया। दरअसल, राहुल गांधी के खुलासे के बाद चुनाव आयोग ने नाम काटने को लेकर एक नई तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू किया है। आयोग ने अपने ECINet पोर्टल और एप्लिकेशन पर एक नया इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर फीचर शुरू किया है। इस नए नियम के तहत, अब किसी भी मतदाता को रजिस्टर करने या वोटर लिस्ट से नाम हटाने या सुधार के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर के जरिए अपनी पहचान प्रमाणित करनी होगी। इसे लेकर ही राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल पूछा है।
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राहुल गांधी ने एक्स हैंडल पर अपने पोस्ट लिखा, “ज्ञानेश जी, हमने चोरी पकड़ी तब आपको ताला लगाना याद आया - अब चोरों को भी पकड़ेंगे।“ उन्होंने पूछा- तो बताइए, CID को सबूत कब दे रहे हैं आप?
उन्होंने साथ ही इससे संबंधित अंग्रेजी अखबार में छपे खबर की स्क्रीन शॉट को भी शेयर किया है।
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चुनाव आयोग का यह राहुल गांधी के उस आरोप के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में करीब 6,000 वोट धोखाधड़ी से हटा दिए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि अज्ञात लोगों ने सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके यह सब किया गया। उनका कहना था कि ज्यादातर मामलों में आवेदन पत्र जमा करने के लिए वास्तविक मतदाताओं की पहचान का दुरुपयोग किया गया था। फॉर्म जमा करने के लिए ओटीपी प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए गए फोन नंबर भी उन मतदाताओं के नहीं पाए गए जिनके नाम पर फॉर्म भरे गए थे।
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मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, 'ई-साइन' फीचर अगस्त के पहले सप्ताह में शुरू किया गया था। पहले, कोई भी व्यक्ति फॉर्म 6 (मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए) या फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए) का उपयोग करके एक साधारण फोन नंबर को अपने मौजूदा इलेक्टर फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) नंबर से जोड़कर आवेदन कर सकता था।
लेकिन अब, जरूरी जानकारी दर्ज करने के बाद, मतदाता को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (CDAC) द्वारा होस्ट किए गए एक बाहरी 'ई-साइन' पोर्टल पर रीडायरेक्ट किया जाएगा। यहां, उपयोगकर्ता को अपने आधार-लिंक्ड फोन नंबर पर भेजे गए ओटीपी (OTP) के माध्यम से अपने आधार को प्रमाणित करना होगा। एक बार यह प्रमाणीकरण पूरा हो जाने पर, उपयोगकर्ता को वापस चुनाव आयोग की साइट पर भेज दिया जाएगा।
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