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संसद के बजट सत्र पर कोरोना वायरस का असर, आगंतुकों पर लगी रोक, क्या सत्र होगा स्थगित !

कोरोना वायरस का असर संसद पर भी पड़ने लगा है। लोकसभा ने तो दर्शकों के समूहों के प्रवेश पर रोक लगा दी है, वहीं राज्य सभा ने आगंतुकों के आगमन को सख्ती से सीमित करने का फैसला किया है। इस बीच चर्चा है कि संसद के बजट सत्र को समय से पहले स्थगित किया जा सकता है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

संसद में कोरोनावायरस का असर दिखने लगा है। संसद में तर्क तैयार हो रहा है कि संसद सार्वजनिक सभा का एक केंद्र हैं और भारत सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए सामूहिक सभा से बचने की सलाह दी है। लोकसभा में इसी तर्क के आधार पर दर्शकों के समूहों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वहीं राज्य सभा में अन्य आगंतुकों के आगमन को सख्ती से सीमित करने की हिदायत जारी की गई है। इसी बीच यह चर्चा भी है कि संसद की बैठक निर्धारित समय से पहले ही स्थगित कर दी जाए।

नोवल कोरोना वायरस (सीओवीआईडी-19 ) के प्रसार को रोकने के मकसद से पहले ही संसद में दर्शकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। लोकसभा ने 9 मार्च को ही सदन में दर्शकों के सामूहिक रूप से प्रवेश पर रोक लगाते हुए इस संबंध में एक बुलटिन भी जारी की है।

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9 मार्च 2020 को जारी लोकसभा की बुलेटिन संख्या 1235 में बताया गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी नोवल कोरोना वायरस (सीओवीआईडी-19 ) बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए सामूहिक सभा से बचने की विशिष्ट सलाह को देखते हुए शैक्षणिक संस्थानों सहित बड़े समूहों के लिए दर्शक दीर्घा पास को बंद करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार सदस्यों से अनुरोध है कि वे बड़े समूहों के लिए दर्शेक दीर्धा पास जारी करने की सिफारिश नहीं करें। संसद सदस्यों से इसमें सहयोग करने की अपील की गई है।

सदन में प्रवेश के लिए निर्देश जारी करने वाले एक अधिकारी के अनुसार समूह में आने वाले दर्शकों पर रोक लगा दी गई है। हालांकि बुलेटिन में दर्शकों के आने पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं लगाई गई है। लेकिन अकेले आने वाले दर्शकों के लिए भी स्थिति सामान्य नहीं है। अधिकारी के अनुसार सदन के सदस्यों से अपील की गई है कि वे केवल अपने परिवार या बेहद करीबी लोगों के लिए ही दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए सिफारिश करें।

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इस बीच लोकसभा की बैठक समय पूर्व स्थगित करने की चर्चा ने लोकसभा अध्यक्ष के उस प्रस्ताव के बाद जोर पकड़ा है, जिसमें उन्होंने इस हफ्ते शनिवार और रविवार को भी सदन की बैठक जारी रखने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन सदस्यों ने इसे स्वीकार नहीं किया। लोकसभा में यह चर्चा चल रही है कि बजट सत्र 3 अप्रैल से पहले ही स्थगित कर दी जानी चाहिए।

सामान्य तौर पर लोकसभा की बैठक स्थगित होने के हालात में राज्य सभा की भी बैठक स्थगित कर दी जाती है। राज्य सभा ने हालांकि अपने बुलेटिन में दर्शकों के पूर्ण रूप से प्रवेश पर पाबंदी नहीं लगाई है, लेकिन सख्ती बरतने की हिदायत जरूर दी है। राज्यसभा ने 9 मार्च को जारी बुलेटिन में नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के संबंध में अपनाई जाने वाली स्वाथ्य परामर्शिका जारी की है।

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बुलेटिन में बताया गया है कि “संसद भवन संपदा की प्रसीमा के भीतर अधिक लोगों को एक साथ एकत्रित न होने दिया जाए। वैसे आगंतुक जिनका आगमन सरकारी/प्रचालन संबंधी कार्यों के लिए अनिवार्य है, के अलावा अन्य आगंतुकों के आगमन को सख्ती से सीमित किया जाए।”

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