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अमेरिका-ईरान में युद्ध जैसे हालात, ओमान की खाड़ी में भारत ने तैनात किए दो युद्धपोत 

भारत ने ओमान की खाड़ी में अपने दो युद्धपोतों को तैनात किया है। ज्यादातर भारतीय जहाज इसी इलाके से होकर गुजरते हैं, उनकी सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए नौसेना ने अपने दो युद्धपोतों आईएनएस चेन्नई और आईएनएस सुनयना को तैनात को ओमान की खाड़ी में तैनात किया है।

फोटो: नौसेना ट्विटर
फोटो: नौसेना ट्विटर 

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत ने भी अपनी हितों के रक्षा के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत ने ओमान की खाड़ी में अपने दो युद्धपोतों को तैनात किया है। ज्यादातर भारतीय जहाज इसी इलाके से होकर गुजरते हैं, उनकी सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए नौसेना ने अपने दो युद्धपोतों आईएनएस चेन्नई और आईएनएस सुनयना को तैनात को ओमान की खाड़ी में तैनात किया है। इसके अलावा इस क्षेत्र के समुद्र पर नजर रखने के लिए एक निगरानी एयरक्रॉफ्ट को भी लगाया गया है।

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भारतीय नौसेना का कहना है कि इनकी तैनाती इस क्षेत्र में भारतयी ध्वज वाले जहाजों की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए की गई है। भारतीय नौसेना के कैप्टन डीके शर्मा ने कहा, ‘ये दोनों युद्धपोत इस क्षेत्र में भारतीय ध्वज वाले जहाजों की आवाजाही के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।’ उन्होंने बताया कि ओमान की खाड़ी में भारत ने अपने युद्धपोतों आईएनएस चेन्नई, आईएनएस सुनयना और समुद्र की निगरानी के लिए एक एयरक्रॉफ्ट को तैनात किया है।

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बता दें कि ईरान ने होर्मुज स्ट्रेट के पास अमेरिका के एक निगरानी ड्रोन को मार गिराया। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हो गए हैं। इसी को देखते हुए भारत ने अपने युद्धपोतों की तैनाती यहां की है। ईरान का कहना है कि ड्रोन ईरान की सीमा में जासूसी कर रहा था, इसलिए ड्रोन को मारा गिराया गया जबकि अमेरिका ने उसके दावे को खारिज किया है।

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गौरतलब है कि ओमान और फारस की खाड़ी का जलमार्ग दुनिया के अहम सामुद्रिक रास्तों में से एक है। भारत अपना करीब 40 फीसदी तेल का आयात इसी रास्ते से करता है। पिछले सप्ताह होर्मुज स्ट्रेट के करीब जापान और नार्वे के तेल टैंकरों पर हमला हुआ था। इन तेल टैंकरों पर हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।

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