विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है जो 16 साल से अधिक समय तक संवैधानिक अदालतों में सेवाएं दे चुके हैं।
जुलाई 1946 में जन्मे न्यायमूर्ति रेड्डी को दो मई, 1995 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का स्थायी जज नियुक्त किया गया और बाद में पांच दिसंबर, 2005 को वह गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए।
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वह 12 जनवरी, 2007 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने और आठ जुलाई, 2011 को सेवानिवृत्त हुए।
न्यायमूर्ति रेड्डी 27 दिसंबर, 1971 को हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए।
उन्होंने 1988 से 1990 के दौरान हाई कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में और 1990 के दौरान छह महीने के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी काम किया।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थाई वकील भी रह चुके हैं।
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न्यायमूर्ति रेड्डी मार्च 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त बने थे, लेकिन सात महीने के भीतर ही निजी कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वह हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को घोषणा की कि न्यायमूर्ति रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार होंगे।
खड़गे ने कहा, ‘‘ ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दलों ने एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। मुझे खुशी है कि सभी विपक्षी दल एक नाम पर सहमत हुए हैं। यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।’’
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