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‘लाभ के फेरे’ में फंसी ‘आप’ को अपनों का ताना, विपक्षी पार्टियों का मिला सहारा

लाभ के पद के फेरे में फंसी आम आदमी पार्टी को जहां कुछ विपक्षी पार्टियों का साथ मिला है, तो वहीं उसे अपनों के तानों का भी सामना करना पड़ रहा है। कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

लाभ के पद के फेरे में फंसी आम आदमी पार्टी को जहां कुछ विपक्षी पार्टियों का साथ मिला है, तो वहीं उसे अपनों के तानों का भी सामना करना पड़ रहा है। पार्टी से नाराज चल रहे कुमार विश्वास ने इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “पार्टी के 20 विधायकों पर की गई कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने पहले कुछ सुझाव दिए थे, लेकिन मुझे बताया गया था कि किसी की नियुक्ति करना सीएम का प्राथमिक अधिकार है, इसलिए मैं शांत रहा।” कुमार विश्वास राज्य सभा में नहीं भेजे जाने की वजह से पार्टी से नाराज चल रहे हैं।

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जहां कुमार विश्वास ने सीएम केजरीवाल पर निशाना साधा तो वहीं कुछ विपक्षी पार्टियों और नेताओं का आम आदमी पार्टी को समर्थन भी मिला है। तृणमूल कांग्रेस, सीपीआईएम, शिवसेना और शरद यादव ने ‘आप’ का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया है।

शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, “चुनाव आयोग का फैसला सवालों के घेरे में है। जब इस तरह के मामले आते हैं, तब चुनाव आयोग पर सवाल उठता है। इसके लिए खुद आयोग जिम्मेदार है।”

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शरद यादव ने इस मुद्दे पर कहा, “आम आदमी पार्टी के विधायकों की सदस्यता रद्द करना अलोकतांत्रिक है, क्योंकि उनका पक्ष सुना ही नहीं गया, यह न्याय के खिलाफ है।” शरद यादव ने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

माकपा ने ‘आप’ के 20 विधायकों को लाभ के पद के मामले में अयोग्य घोषित करने की चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रपति से की गई सिफारिश को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सीपीएम नेता वृंदा करात ने कहा, “हम चुनाव आयोग के इस फैसले का विरोध करते हैं।” उन्होंने कहा कि विधायकों की सदस्यता के खिलाफ चुनाव आयोग का फैसला अलोकतांत्रिक है और इस फैसले से स्वायत्त, स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्था के तौर पर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता नहीं बढ़ेगी।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम आदमी पार्टी का समर्थन करते हुए चुनाव आयोग के फैसले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदले के लिए संवैधानिक संस्था का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ‘आप’ के विधायकों को चुनाव आयोग की ओर से अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया।

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पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता अयोग्य घोषित करने की सिफारिश के बीच दिल्‍ली के उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के इस फैसले से पार्टी को गहरा झटका लगा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का यह फैसला असंवैधानिक है। सिसोदिया ने कहा कि औपचारिक हस्ताक्षर से पहले विधायक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे और अपना पक्ष रखेंगे।

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