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'यूपी में खुली कानून-व्यवस्था की पोल', अखिलेश यादव का तंज, बोले- मुख्यमंत्री साइडलाइन हो गए हैं

अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी का रास्ता नफरत भरा और नकारात्मक सोच वाला है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए वह जनता का ध्यान बांटती है। बीजेपी के सुशासन की भी पोल खुल गई है। हमारा संविधान हमारी ढाल है। इसी संविधान पर बीजेपी चोट पहुंचाती है।

अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था की पोल खुल गई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था की पोल खुल गई है। फोटोः IANS

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने अलीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी के काशी में अधिकारियों से दुष्कर्म की घटना की जानकारी लेने पर तंज किया और कहा कि आज कानून व्यवस्था की पोल खुल गई है और मुख्यमंत्री साइडलाइन किए गए हैं। 

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अधिकारियों से यह जानकारी ली गई कि उस घटना (वाराणसी दुष्कर्म) में कितने दोषी पकड़े गए हैं। जो आंकड़े यूपी सरकार बताती है, उनमें बेटियां असुरक्षित हैं। पार्टी और जाति देखकर भेदभाव हो रहा है। पूर्व में बीएचयू में एक बेटी के साथ घिनौनी घटना हुई, उसमें आरोपी भाजपाई ही निकले।

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उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का रास्ता नफरत भरा और नकारात्मक सोच वाला है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए वह जनता का ध्यान बांटती है। बीजेपी के सुशासन की भी पोल खुल गई है। हमारा संविधान हमारी ढाल है। इसी संविधान पर बीजेपी चोट पहुंचाती है।

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उन्होंने वक्फ बिल को लेकर कहा कि इसका हम विरोध करते हैं। यह बिल बीजेपी का है। हम इसे किसी भी कीमत पर नहीं मानेंगे। जब इन्हें अपनी नाकामी छिपानी होती है तब ऐसा फैसला लेते हैं, जिससे लोगों का ध्यान बंट जाए। रामजी लाल सुमन ने जो कुछ बोला, उसके बाद राज्यसभा से उसे रिकॉर्ड से हटा दिया गया। इसके बाद बात खत्म हो गई थी। लेकिन, बीजेपी का भरोसा तानाशाही पर है। इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लिए ढाल है, हमारा सम्मान है, हमारी पहचान है। यह हमें हक और अधिकार दिलाता है। आज महंगाई चरम पर है, किसानों को सुविधा नहीं मिल रही है। गेहूं का ऐसा समर्थन मूल्य लागू किया गया है, जिससे किसानों को नुकसान पहुंच रहा है। प्राइवेट लोग भी किसान का गेहूं महंगा नहीं खरीद सकते हैं। यह इसीलिए काला कानून ला रहे हैं कि किसान को फसल की सही कीमत न मिले और ये बड़ी-बड़ी न‍िजी कंपनियों से गेहूं खरीदवा रहे हैं। जीएसटी ने व्यापार को बर्बाद कर दिया है, जो व्यापारियों को लाभ मिलना चाहिए, वह नहीं मिला।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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