विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर बुधवार को भी लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न करीब 2.25 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में कहा कि एसआईआर का मुद्दा उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और लोकसभा के नियमों और परंपराओं के तहत इस मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही सदन ने वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2025 को पारित कर दिया।
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कांग्रेस और उसके सहयोगी दल मॉनसून सत्र में पिछले कई दिन से एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा कर रहे हैं, जिससे सदन में गतिरोध बना हुआ है।
सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दो बजे शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने कहा कि सरकार सदन में किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार रही है लेकिन विपक्ष एसआईआर का मुद्दा उठा रहा है, वह उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और सदन की कार्य प्रक्रियाओं के नियम और परंपराओं के तहत यहां इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकती।
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इस दौरान विपक्ष के सदस्य आसन के पास आकर एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे। शोर-शराबे के बीच ही पीठासीन सभापति संध्या राय ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024 को चर्चा के लिए पेश करने को कहा।
विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा के बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया। इसके बाद पीठासीन सभापति ने कार्यवाही बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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इससे पहले सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराए जाने के 80 साल पूरा होने का उल्लेख किया तथा विनाशकारी हथियारों से मुक्त विश्व को लेकर भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
इसके बाद बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और सवाल करने लगे कि ‘‘प्रधानमंत्री कहां हैं?’’ उन्होंने ‘‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’’ के नारे लगाए। उल्लेखनीय है कि बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री से संबंधित विभागों के प्रश्न सूचीबद्ध होते हैं।
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बिरला ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की लेकिन हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर तीन मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बैठक 12 बजे पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। इसी दौरान विपक्ष के सदस्य एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे। शोर-शराबे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-26 के लिए मणिपुर राज्य की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण प्रस्तुत किया।
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इसके बाद पीठासीन सभापति सैकिया ने आसन के समीप नारे लगा रहे विपक्षी सांसदों से अपने स्थान पर जाकर बैठने और कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए कहा, ‘‘सदन में बैनर और पोस्टर लेकर आना ठीक नहीं है। आप सदन में अपना विषय रखिए लेकिन कार्यवाही बाधित करना उचित नहीं। आपके व्यवहार से देश दुखी है।’’
उन्होंने कहा कि विपक्ष को सदन चलाने में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। हंगामा नहीं थमने पर सैकिया ने दोपहर 12.05 बजे कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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