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मध्य प्रदेश: सीधी पुलिस ने पत्रकारों के कपड़े उतरवाए, थाने में नंगा खड़ा किया, सुनिए क्या थी उनकी गलती

मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले से आई शर्मनाक तस्वीरों में पुलिस ने पत्रकारों को थाने में नंगा खड़ा कर दिया क्योंकि उन्होंने विधायक के ख़िलाफ़ ख़बर चलाई थी। साथ ही पुलिस ने पत्रकारों को धमकी भी दी है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

मध्य प्रदेश में सच बोलने वाले पत्रकारों को बदनाम करने की कोशिश हो रही है! पुलिस पर उन्हें मानसिक और शारिरिक प्रताड़ना के आरोप लग रहे हैं। दरअसल राज्य के सीधी जिले की पुलिस पर कुछ पत्रकारों को गिरफ्तार कर बेइज्जत करने के आरोप लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि सीधी पुलिस ने पहले तो पत्रकारों को गिरफ्तार किया और फिर थाने में उनके कपड़े उतरवाकर उनके फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। इतना ही नहीं इन पत्रकारों को अंडरगारमेंट्स में ही हवालात में भी रखा गया। उनके साथ ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने एक बीजेपी विधायक, जिनका नाम केदारनाथ शुक्ला बताया जा रहा है, के खिलाफ खबरें चलाई थी। इस घटना को लकेर कई बड़े पत्रकारों और कांग्रेस ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।

कनिष्क ने स्थानीय समाचार पत्र पंजाब केसरी मध्य प्रदेश छतीसगढ़ से बातचीत की और पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा पुलिस ने उनसे कहा कि अगर पुलिस और विधायक जी के खिलाफ खबर चलाई, तो अगली बार नंगा करके पूरे शहर में घुमाएंगे!

सुनिए उन्होंने क्या कहा

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मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार डॉ राकेश पाठक ने ट्वीट कर लिखा कि "बताया गया है कि पत्रकारों ने बीजेपी एमएलए केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ ख़बरें चलाई थीं जिससे वे नाराज़ थे। उनके कहने पर सीधी पुलिस ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी आईडी से बीजेपी सरकार और विधायकों के खिलाफ लिखते और ख़बरें दिखाते हैं।"

उनका कहना है कि कनिष्क के यूट्यूब पर एक लाख से अधिक फॉलोअर हैं। न्यूजनेशन चैनल का भी एक पत्र सामने आया है, जिसमें कनिष्क तिवारी को फ्रीलांस पत्रकार होने की पुष्टि होती है।

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वरिष्ठ पत्रकार आवेश तिवारी ने अपने फेसबुक पर लिखा कि यह नया भारत है। "यह लोग जो थाने में अर्धनग्न अवस्था में खड़े हैं यह सब पत्रकार हैं। इनमे सबसे बॉएँ खड़े दाढ़ी वाले भाई कनिष्क तिवारी के यूट्यूब चैनल के सवा लाख सब्सक्राइबर हैं। अब इन्होंने गलती यह कर दी कि पहले मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार में बीजेपी के ही विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ खबर लिख दी थी और अब शुक्ला के कहने पर सीधी पुलिस ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। जब कनिष्क और उनके साथियों ने पुलिस से पूछा कि हमारा कुसूर क्या है तो उनसे कहा गया कि फर्जी आईडी से आप लोग बीजेपी सरकार और विद्यायकों के खिलाफ लिखते हैं।"

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यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवास ने भी इस घटना पर एमपी पुलिस और सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, तस्वीर मध्यप्रदेश के सीधी पुलिस थाने की है, अर्धनग्न खड़े युवा स्थानीय पत्रकार हैं। इनका गुनाह है कि BJP MLA के खिलाफ खबर चलाने की हिमाकत इन्होंने की थी..

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पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि यह मध्य प्रदेश के सीधी जिले के पुलिस थाने की तस्वीर है। यह अर्धनग्न युवा कोई चोर उचक्के नहीं है, ये लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया के साथी है। इन्हें अर्धनग्न कर जेल में इसलिए डाला गया क्योंकि इन्होंने बीजेपी विधायक के खिलाफ खबर चलाई थी। वहीं, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि प्रदेश की निकम्मी और उनके बड़बोले मुखिया से सवाल करना सीधी बघेली न्यूज चैनल के वरिष्ठ पत्रकार कनिष्क तिवारी और उनके साथियों को भारी पड़ा। नग्न कर उन्हें थाने में खड़ा किया गया है। यह घोर निंदनीय कृत्य है... शिवराज सिंह सरकार अब अंग्रेजों की भांति दमनकारी रवैया अपना रही है।

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