हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में रविवार को तीन बच्चों सहित 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शिमला में भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि रविवार को हुई बारिश बीते 70 सालों में 24 घंटे के दौरान दर्ज की गई सबसे ज्यादा बारिश है।
एक अधिकारी ने कहा कि लगातार बारिश की वजह भूस्खलन, सड़कों के संपर्क मार्ग के कटने से सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। बारिश की वजह से जलविद्युत परियोजनाओं को बंद करना पड़ा और बांध का पानी छोड़ना पड़ा।
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उफनती ब्यास नदी के किनारे बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलनों के कारण मंडी और कुल्लू शहरों के बीच चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है। मंडी-जोगिंदरनगर राजमार्ग को भी यातायात के लिए बंद किया गया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि राज्यभर में 68 सड़कों पर यातायात बाधित है और चंबा जिले में सबसे अधिक 47 सड़कें बाधित हैं।
बाढ़ के कारण कुल्लू शहर के पास एक पुल बह गया।
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उन्होंने आगे बताया कि एहतियात के तौर पर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) के 1,500 मेगावाट के नाथपा झाकरी प्लांट, जो कि किन्नौर जिले में स्थित है और भारत का सबसे बड़ा हाइड्रो प्रोजेक्ट है, उससे अतिरिक्त पानी छोड़ा गया, जिससे सतलुज नदी में बाढ़ आ गई।
बिलासपुर जिले के घुमारवीं में आठ परिवारों और उनके मवेशियों को इलाके में बाढ़ के कारण उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
पुलिस ने कहा कि चंबा जिले में लोना ग्राम पंचायत में हुए भूस्खलन में 70 वर्षीय व्यक्ति सहित दो लोग लापता हो गए हैं। चट्टानों से टूटकर गिरे भारी पत्थरों से उनका घर भी तहस-नहस हो गया है।
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अधिकारियों ने बताया कि पोंग बांध से 112 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंडोह डायवर्जन बांध से एहतिहात के तौर पर अतिरिक्त पानी छोड़ा गया। बांध से छोड़े गए पानी की मात्रा एक लाख क्यूसेक थी।
पूरे कांगा जिले में बीते दो दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है।
यहां के मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य के अधिकांश स्थानों सहित कांगड़ा और चंबा जिलों में बीते 24 घंटों में भारी बारिश हुई है।
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आईएमडी ने कहा कि पूरे राज्य में 102.5 मिलीमीटर बारिश हुई है और यह एक दिन की सामान्य बारिश से 1,065 से ज्यादा है।
इसमें कहा गया कि सभी जिलों में पर्याप्त बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश बिलासपुर जिले में 252 मिलीमीटर दर्ज की गई है, जो सामान्य से 2586 फीसदी ज्यादा है।
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शिमला, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा व कुल्लू जिलों के अंदरूनी इलाकों में संपर्क मार्ग को बंद किए जाने की रिपोर्ट है, जिससे यातायात बाधित हुआ है।
प्रवक्ता ने कहा कि किन्नौर, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में सतलुज, ब्यास और यमुना नदी और उनकी सहायक नदियां फिर से अपने उफान पर हैं। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के कुछ स्थानों पर सोमवार तक भारी बारिश होने की संभावना है।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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