देश

मध्यप्रदेश उपचुनाव: क्या यह शिव’राज’ के अंत का संकेत है !

बीजेपी ने दोनों सीटों पर चुनाव जीतने के लिए हर दांव खेला। पहले आदिवासियों को प्रतिमाह 1000 रुपये देने का ऐलान किया। उसके बाद जाति के आधार पर तीन मंत्री बनाए गए। यह सारी कोशिशें बेकार नजर आ रही हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया मध्यप्रदेश उपचुनाव में बीजेपी को दोनों सीट पर मात खानी पड़ी है

करीब 15 साल से प्रदेश की सत्ता पर काबिज बीजेपी को बुधवार को आए दो विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनावों के नतीजों से करारा से झटका लगा है। तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी के हाथों से ये दोनों सीटें निकल गईं।

यहां मुकाबला शिवराज सरकार बनाम कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच हो गया था। चुनाव नतीजों से यह संकेत मिल रहा है कि प्रदेश में बीजेपी के लिए पहले जैसा अनुकूल माहौल नहीं रहा है। वहीं, चुनाव नतीजे जनता के मूड में बदलाव की तरफ भी इशारा कर रहे हैं।

राज्य में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शिवपुरी के कोलारस और अशोकनगर के मुंगावली विधानसभा क्षेत्रों के उप-चुनाव काफी अहम माने जा रहे थे। सत्ताधारी पार्टी और सरकार ने चुनाव जीतने के अपने प्रयास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। वहीं, कांग्रेस की कमान युवा सांसद सिंधिया के हाथ में थी। उन्हें चुनाव प्रचार अभियान में पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और सहरिया जनजाति में गहरी पैठ रखने वाले मनीष राजपूत का भरपूर साथ मिला।

चुनाव नतीजों पर बुद्धिजीवी साजी थॉमस ने कहा, "ये उप-चुनाव हर दृष्टि से प्रदेश सरकार के लिए अहम थे, क्योंकि पिछले दिनों मंदसौर में किसानों पर गोली चलने की घटना के बाद से जगह-जगह किसान आंदोलन और कर्मचारी वर्गो के आंदोलन चल रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से नोटबंदी और जीएसटी लागू करने को लेकर लोगों में जो नाराजगी है, उसमें अगर अगर बीजेपी जीत हासिल करती तो यह माना जाता कि शिवराज का करिश्मा अब तक बरकारार है, मगर ऐसा नहीं हुआ।"

उन्होंने कहा कि उप-चुनाव के नतीजों से बीजेपी और सरकार को यह इशारा जरूर मिला है कि आने वाला समय उनके लिए बहुत अच्छा नहीं है।

यह बात सही है कि, यह दोनों विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस के कब्जे वाले रहे हैं, साथ ही यह सांसद सिंधिया के संसदीय क्षेत्र के अधीन आते हैं। उसके बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री चौहान और संगठन ने जीत के लिए किसी तरह की कमी नहीं छोड़ी। लगभग पूरा मंत्रिमंडल और संगठन के पदाधिकारी कई-कई दिन तक यहां डेरा डाले रहे। वहीं सिंधिया के करीबी और सांसद प्रतिनिधि के. पी. यादव को बीजेपी में शामिल कराकर सिंधिया को बड़ा झटका भी दिया गया था।

मुख्यमंत्री शिवरादसिंह चौहान ने लगभग हर सभा और जनसंपर्क के दौरान दोनों जगहों के मतदाताओं से पांच माह के लिए बीजेपी का विधायक मांगा और वादा पूरे न करने पर अगले चुनाव में नकार देने तक की बात कही, मगर जनता का उन्हें साथ नहीं मिला।

नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस हार को स्वीकारते हुए कहा है कि, यह दोनों क्षेत्र कांग्रेस के थे। यहां आम चुनाव में कांग्रेस बड़े अंतर से जीती थी। उसके बाद भी बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने काफी मेहनत की और मुकाबले को बनाए रखा। बीजेपी बहुत कम अंतर से हारी है।

वहीं कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि, बीजेपी आगामी चुनाव में 200 पार का नारा दे रही है और दो विधानसभा चुनाव को तो पार कर नहीं पाई है। यह चुनाव कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ पनपते आक्रोश की जीत है। इस जीत में सांसद सिंधिया और कार्यकर्ताओं की मेहनत का बड़ा योगदान रहा है। इन चुनाव के नतीजों से शिवराज सरकार की विदाई का क्रम शुरू हो गया है।

राजनीति के जानकारों की मानें तो इन नतीजों से सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, मगर कांग्रेस में उत्साह का संचार जरूर होगा। वहीं बीजेपी को अपनी कार्यशैली और रणनीति पर विचार करने को मजबूर होना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी ने दोनों चुनाव जीतने के लिए हर दाव पेंच लगाए। पहले आदिवासियों को प्रतिमाह 1000 रुपये देने का ऐलान किया। उसके बाद जाति के आधार पर तीन मंत्री बनाए गए। यह सारी कोशिशें बेकार नजर आ रही हैं। आगामी चुनाव के लिए शिवराज और उनकी सरकार को मास्टर स्ट्रोक की तलाश रहेगी।

विधानसभा के दो उप-चुनाव की जीत कांग्रेस में नया उत्साह तो भरेगी ही, क्योंकि उसे इस जीत से वह खुराक भी मिल गई है, जिसकी उसे दरकार थी। आम चुनाव कुछ माह बाद हैं, दूसरी ओर कई तबकों में सरकार के खिलाफ असंतोष पनप रहा है। इन स्थितियों का बीजेपी और शिवराज कैसे मुकाबला करेंगे, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • राहुल गांधी ने वंचित छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं देने पर सरकार को घेरा, कहा- BJP बहुजनों की शिक्षा के खिलाफ

  • ,
  • छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब, लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे, भूपेश बघेल का BJP सरकार पर हमला

  • ,
  • बिहार में धड़ाधड़ मर्डर पर NDA में बवाल, चिराग ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल, कानून-व्यवस्था को बताया ध्वस्त

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: उत्तराखंड के छह राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, छह साल से निष्क्रिय रहने पर मांगा जवाब

  • ,
  • मोदी सरकार की नीतियों ने युवाओं को हताशा के गर्त में धकेला.. कांग्रेस ने बेरोजगारी को लेकर साधा निशाना