बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाज सुधार अभियान के तहत एमआईटी मुजफ्फरपुर में उनके संबोधन से कुछ घंटे पहले, विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बुधवार को कुमार सरकार पर सामूहिक दुष्कर्म में शामिल आरोपियों को आश्रय गृह (शेल्टर होम) में शरण देने का आरोप लगाया। पार्टी ने ट्विटर पर बताया कि मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपी अभी भी दोषी नहीं ठहराए गए हैं। इसमें कहा गया है कि नीतीश कुमार का समाज सुधार अभियान राज्य के लोगों के धैर्य और बुद्धिमत्ता का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है।
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इसमें कहा गया है कि बिहार में महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म और अन्य अपराधों में वृद्धि हो रही है। साथ ही इस सरकार ने सामूहिक दुष्कर्म में शामिल आरोपियों को शेल्टर होम में सुरक्षा प्रदान की है।
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम गैंगरेप का मामला मई 2018 में सामने आया था और पहली प्राथमिकी 31 मई 2018 को दर्ज की गई थी। 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' नामक आश्रय गृह में रहने वाली नाबालिग लड़कियों ने कथित तौर पर आगंतुकों (विजिटर्स) द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। 42 नाबालिग लड़कियों में से 34 ने आरोप लगाया कि आगंतुकों द्वारा उनका यौन शोषण किया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना में एनजीओ के संस्थापक ब्रजेश ठाकुर शामिल थे।
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जांच के दौरान ब्रजेश ठाकुर के राजनीतिक संबंध भी सामने आए। मामले में नाम आने के बाद नीतीश सरकार की एक महिला कैबिनेट मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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