
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कई घटक दलों ने ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ के खिलाफ बृहस्पतिवार सुबह संसद परिसर में प्रदर्शन किया। यह प्रस्तावित कानून महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का स्थान लेगा।
कांग्रेस, डीएमके और कई अन्य दलों के सांसद संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने अपने हाथों में महात्मा गांधी की तस्वीर वाली तख्तियां भी ले रखी थीं।
विपक्षी सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा से संसद के मकर द्वार तक मार्च किया।
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इस अवसर पर प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह मनरेगा का नाम बदलने का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने लोगों का 'काम का हक' जो दिया था उसे छिना जा रहा है। खड़गे ने कहा, "यह मुद्दा बहुत बड़ा है, खासकर पिछड़े, दलित और जो दूसरे गरीब लोग काम करते थे उनके लिए बहुत मुश्किल होने वाला है। इसलिए हम उनके लिए सड़क से संसद तक लड़ेंगे और इसके लिए सारे जिले और सारे राज्यों में आंदोलन होगा।"
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जी राम जी विधेयक पर लोकसभा में बुधवार देर रात चर्चा संपन्न हुई। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान बृहस्पतिवार को चर्चा का जवाब देंगे और फिर इसे पारित किया जाएगा।
विपक्ष का आरोप है कि सरकार मनरेगा को नष्ट कर रही है और योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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